जशपुर: एक ओर जहां सरकार शिक्षा के नाम पर करोड़ों रुपए सरकारी कोष से खर्च कर रही है. वहीं दूसरी ओर आदिवासी जिले में यह योजना नाकामयाब होती नजर आ रही है. जिले में शिक्षा व्यवस्था और शिक्षा विभाग भगवान भरोसे चल रहे हैं.
जिले का एक ऐसा स्कूल सामने आया है, जहां पिछले सात सालों से एक भी बच्चा पढ़ने नहीं आया, उसके बावजूद स्कूल चल रहा है. इतना ही नहीं शिक्षा विभाग बिना बच्चों वाले इस स्कूल में लाखों रुपए की लागत से अतिरिक्त कक्ष भी बनवा रहा है.
पहली से लेकर 5वीं तक एक ही शिक्षक
दरअसल, मनोरा जनपद के तहत आने वाले ग्राम कोरकोटोली की प्राथमिक शाला जहां, बीते सात सालों से एक भी बच्चा पढ़ने नहीं आया क्योंकि इस स्कूल में पहली से लेकर पांचवीं तक के बच्चों को पढ़ाने के लिए सिर्फ एक ही शिक्षक मौजूद है.
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स्कूल में पढ़ते हैं आंगनबाड़ी के बच्चे
मीडिया की टीम जब स्कूल में पहुंची तब स्कूल के शिक्षक विभागीय कार्य से विकासखंड मुख्यालय गए हुए थे, जिसकी सूचना शिक्षक ने स्कूल के दरवाजे पर टांग दी थी. इस स्कूल में सात साल से बच्चे नहीं आने से आंगनबाड़ी केन्द्र भी यही लगता है और आंगनबाड़ी के बच्चे भी यहीं पढ़ते हैं.