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लापरवाही या भ्रष्टाचार: 10 साल में भी पर्यटन विभाग नहीं बना पाया अपने 'सपनों का महल'

पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए पर्यटन विभाग ने छत्तीसगढ़ का शिमला कहे जाने वाले जशपुर में करोड़ों रुपये की लागत से पर्यटकों को रुकने के लिए मोटल निर्माण का काम शुरू कराया था, लेकिन सरकार और विभाग के जिम्मेदारों की लापरवाही से मोटल निर्माण भ्रष्टचार की भेंट चढ़ गया. मोटल निर्माण शुरू हुए करीब 10 साल होने को है, लेकिन हालत देख ऐसा लग रहा है कि अगले 10 साल में भी शायद ही इसका निर्माण हो.

अधूरा पड़ा मोटल
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Published : Sep 4, 2019, 2:15 PM IST

Updated : Sep 4, 2019, 2:32 PM IST

जशपुर: छत्तीसगढ़ का शिमला कहे जाने वाले जशपुर में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए तत्कालीन बीजेपी सरकार ने करोड़ों की लागत से मोटल निर्माण काम शुरू कराया था, लेकिन मोटल निर्माण भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया है.

10 साल में भी नहीं बना पर्यटन विभाग का 'ताजमहल'

छत्तीसगढ़ के शिमला के रूप में विख्यात जशपुर के पर्यटन स्थलों पर लाखों पर्यटक हर साल आते हैं. इसे देखते हुए जिले में पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से तत्कालीन मुख्यमंत्री रमन सिंह ने पंडरापाठ में लोगों के रुकने के लिए करोड़ों रुपये की लागत से मोटल निर्माण की घोषणा की थी. जिसके बाद पर्यटन मंडल की देखरेख में इसका निर्माण भी शुरू हो गया, लेकिन यह मोटल भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ता नजर आ रहा है. निर्माण कार्य शुरू होने के 10 साल बाद भी निर्माण कार्य पूरा नहीं हो सका है.

भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया मोटल

इधर, स्थानीय लोगों का कहना है कि इस क्षेत्र को प्राकृतिक रूप से पहले ही पर्यटन के लिए घोषित कर देना चाहिए था. लोगों ने बताया कि, जब 10 साल पहले बीजेपी सरकार ने पर्यटन को बढ़ावा देने के क्षेत्र में कदम बढ़ाया था, तो लोगों को लगा कि यहां पर्यटकों की संख्या बढ़ने से स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा, लेकिन यह मोटल भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया और एक दशक बाद भी इसका निर्माण अधूरा पड़ा है. अब यह अधूरा मोटल भी धीरे-धीरे खंडहर में तब्दील होता जा रहा है.

जल्द शुरू होगा निर्माण कार्य

मामले में कलेक्टर निलेश कुमार महादेव क्षीरसागर का कहना है कि जिले में पर्यटन को बढ़ाव देने के लिए ओर भी दो मोटल बनाए जा रहे हैं. इसके अलावा अधूरे पड़े पंडरापाठ के मोटल का निर्माण फिर से शुरू करवा दिया जाएगा. बहरहाल मोटल के बनने का स्थानीय दशकों से इंतजार कर रहे हैं.

जशपुर: छत्तीसगढ़ का शिमला कहे जाने वाले जशपुर में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए तत्कालीन बीजेपी सरकार ने करोड़ों की लागत से मोटल निर्माण काम शुरू कराया था, लेकिन मोटल निर्माण भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया है.

10 साल में भी नहीं बना पर्यटन विभाग का 'ताजमहल'

छत्तीसगढ़ के शिमला के रूप में विख्यात जशपुर के पर्यटन स्थलों पर लाखों पर्यटक हर साल आते हैं. इसे देखते हुए जिले में पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से तत्कालीन मुख्यमंत्री रमन सिंह ने पंडरापाठ में लोगों के रुकने के लिए करोड़ों रुपये की लागत से मोटल निर्माण की घोषणा की थी. जिसके बाद पर्यटन मंडल की देखरेख में इसका निर्माण भी शुरू हो गया, लेकिन यह मोटल भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ता नजर आ रहा है. निर्माण कार्य शुरू होने के 10 साल बाद भी निर्माण कार्य पूरा नहीं हो सका है.

भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया मोटल

इधर, स्थानीय लोगों का कहना है कि इस क्षेत्र को प्राकृतिक रूप से पहले ही पर्यटन के लिए घोषित कर देना चाहिए था. लोगों ने बताया कि, जब 10 साल पहले बीजेपी सरकार ने पर्यटन को बढ़ावा देने के क्षेत्र में कदम बढ़ाया था, तो लोगों को लगा कि यहां पर्यटकों की संख्या बढ़ने से स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा, लेकिन यह मोटल भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया और एक दशक बाद भी इसका निर्माण अधूरा पड़ा है. अब यह अधूरा मोटल भी धीरे-धीरे खंडहर में तब्दील होता जा रहा है.

जल्द शुरू होगा निर्माण कार्य

मामले में कलेक्टर निलेश कुमार महादेव क्षीरसागर का कहना है कि जिले में पर्यटन को बढ़ाव देने के लिए ओर भी दो मोटल बनाए जा रहे हैं. इसके अलावा अधूरे पड़े पंडरापाठ के मोटल का निर्माण फिर से शुरू करवा दिया जाएगा. बहरहाल मोटल के बनने का स्थानीय दशकों से इंतजार कर रहे हैं.

Intro:जशपुर प्रकृति की गोद में बसे जशपुर जिले में पर्यटन को बढ़ाव देने के उद्देश्य से तत्कालीन बीजेपी सरकार ने करोड़ो रुपये की लागत से पाठ क्षेत्र में मोटल निर्माण का काम शुरू करवाया था, लेकिन यह मोटल भ्रस्टाचार की भेंट चढ़ गया पेस है एक रिपोर्ट

Body:जशपुर जिले को छत्तीसगढ़ के शिमला के रूप में जाना जाता है, यहाँ मौजूद सेकड़ो पर्यटन स्थलों पर लाखों पर्यटक हर साल आते हैं।जिले में पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ने पंडरापाठ में पर्यटकों के रुकने के लिए करोड़ो के मोटल निर्माण की घोषणा की थी। पर्यटन मंडल की देखरेख में इसका निर्माण भी शुरू हो गया लेकिन यह मोटल भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया, ओर एक दशक से अधिक का समय बीतने के बाद भी यह अधूरा पड़ा है,
स्थानीय लोगो का कहना है कि इस क्षेत्र को प्रकृतिक रूप से पहके ही पर्यटन के लिए घोषित कर देना चाहिए था, लगभग 10 साल पहले बीजेपी सरकार ने पर्यटन को बढ़ावा देने के क्षेत्र में कदम बढ़ाया था जिससे जिले वासियों में खुशी थी की पंडरापाठ की सुरम्यवादियों में मोटल बनने के बाद यहाँ पर्यटकों की संख्या में इजाफा होगा और स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा। लेकिन यह मोटल भ्रष्ट्राचार की भेंट चढ़ गया ओर एक दशक बीत जाने के बाद भी यह मोटल अधूरा पड़ा है। ओर अब यह अधूरा मोटल धीरे धीरे खंडहर में तब्दील हो रहा है। स्थानीय लोगो की मांग है की मोटल को जल्द से जल्द बनाया जाए ओर इस भ्रस्टाचार में सामिल लोगो की जांच के साथ उनपर कार्यवाही हो।

वही इस मामले में कलेक्टर निलेश कुमार महादेव क्षीरसागर ने बताता की जिले में पर्यटन को बढ़ाव देने के लिए ओर भी दो मोटल बनाए जा रहे है ओर अधूरे पड़े पंडरापाठ के मोटल का निर्माण फिर से शुरू करवा दिया जाएगा,

Conclusion:बहरहाल मोटल के बनने का क्षेत्र वासी दशको से इंतजार कर रहे है, निश्चित ही मोटल के बन जाने के बाद क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा मिलेग साथ ही इस आदिवासी क्षेत्र में लोगों को रोजगार के साधन भी मिलेंगे

बाईट 1- रामप्रकाश पांडे (स्थानीय निवासी)
बाईट 2- सत्यप्रकाश तिवारी (स्थानीय निवासी)
बाईट 3- निलेश कुमार महादेव क्षीरसागर (जशपुर कलेक्टर)

तरुण प्रकाश शर्मा
जशपुर

इसका ओर भी अच्छा पेकेज बनाया जा सकता है पैकेज के अलाव विज्वल अलग से भी अटैच है।
Last Updated : Sep 4, 2019, 2:32 PM IST
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