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भोजन के लिए डेढ़ किलोमीटर पैदल चल रहे खिलाड़ी, प्रतियोगिता में दिखी अव्यवस्था - जशपुर

जशपुर में 19वीं राज्य स्तरीय शालेय क्रीड़ा प्रतियोगिता का आयोजन किया गया है. जिला प्रशासन की लापरवाही के चलते खिलाड़ियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

भोजन के लिए अंधेरे में पैदल चलने को मजबूर खिलाड़ी,
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Published : Oct 17, 2019, 10:15 AM IST

Updated : Oct 17, 2019, 11:24 AM IST

जशपुर : जिले में 19वीं राज्य स्तरीय शालेय क्रीड़ा प्रतियोगिता का आयोजन किया गया है. शहर के रणजीता स्टेडियम में चल रहे आयोजन में भारी अव्यवस्था से प्रदेश के 12 जोन से आए खिलाड़ी परेशान हो रहे हैं.

भोजन के लिए डेढ़ किलोमीटर पैदल चल रहे खिलाड़ी

सबसे शर्मनाक नजारा सोमवार की रात शहर की सड़कों पर देखने को मिला. जब रात में अंधेरे और ठंड से जुझते हुए बिलासपुर जोन के खिलाड़ी भोजन करने के लिए डेढ़ किलोमीटर पैदल चलकर शहर के सन्ना रोड स्थित बालक छात्रावास पहुंचे. वहीं सरस्वती शिशु मंदिर में ठहराए गए खिलाड़ियों को भोजन के लिए तकरीबन 2 किलोमीटर दूर स्थित बुनियादी शाला तक पैदल चलकर जाना पड़ा.

जिम्मेदारी निभाने में विफल हैं अधिकारी

प्रतियोगिता में खिलाड़ी और प्रभारी अधिकारी सहित 14 सौ से अधिक लोग शामिल हुए हैं. इनके आवास, चिकित्सा और परिवहन की व्यवस्था जिला प्रशासन ने की है, लेकिन अपनी जिम्मेदारी निभाने में अधिकारी पूरी तरह से विफल हैं.

पढ़ें :19वीं राज्य स्तरीय शालेय क्रीडा प्रतियोगिता शुरू, बदला गया हॉकी का ग्राउंड

डेढ़ किलोमीटर पैदल चलने पर मिलता है भोजन

खिलाड़ी दिशा शर्मा ने बताया कि 'वह बिलासपुर से है और उसे सरस्वती शिशु मंदिर स्कूल में रुकवाया गया है. जहां भोजन की व्यवस्था नहीं है. बस या किसी भी तरह के परिवहन की सुविधा नहीं दी गई है. नास्ते और भोजन के लिए करीबन डेढ़ किलोमीटर महाराज चौक बालक छात्रावास पैदल चलकर आना पड़ता है'.

की जाएगी बस की व्यवस्था

मामले में जिला शिक्षा अधिकारी एन कुजूर ने कहा कि 'आयोजन में आए बालक-बालिकाओं को रुकवाने में थोड़ी परेशानी हुई है, इसलिए जहां छात्र हैं वहां मेस बना है'. उन्होंने खिलाड़ियों के लिए बस की व्यवस्था करवाने की बात कही है.

जशपुर : जिले में 19वीं राज्य स्तरीय शालेय क्रीड़ा प्रतियोगिता का आयोजन किया गया है. शहर के रणजीता स्टेडियम में चल रहे आयोजन में भारी अव्यवस्था से प्रदेश के 12 जोन से आए खिलाड़ी परेशान हो रहे हैं.

भोजन के लिए डेढ़ किलोमीटर पैदल चल रहे खिलाड़ी

सबसे शर्मनाक नजारा सोमवार की रात शहर की सड़कों पर देखने को मिला. जब रात में अंधेरे और ठंड से जुझते हुए बिलासपुर जोन के खिलाड़ी भोजन करने के लिए डेढ़ किलोमीटर पैदल चलकर शहर के सन्ना रोड स्थित बालक छात्रावास पहुंचे. वहीं सरस्वती शिशु मंदिर में ठहराए गए खिलाड़ियों को भोजन के लिए तकरीबन 2 किलोमीटर दूर स्थित बुनियादी शाला तक पैदल चलकर जाना पड़ा.

जिम्मेदारी निभाने में विफल हैं अधिकारी

प्रतियोगिता में खिलाड़ी और प्रभारी अधिकारी सहित 14 सौ से अधिक लोग शामिल हुए हैं. इनके आवास, चिकित्सा और परिवहन की व्यवस्था जिला प्रशासन ने की है, लेकिन अपनी जिम्मेदारी निभाने में अधिकारी पूरी तरह से विफल हैं.

पढ़ें :19वीं राज्य स्तरीय शालेय क्रीडा प्रतियोगिता शुरू, बदला गया हॉकी का ग्राउंड

डेढ़ किलोमीटर पैदल चलने पर मिलता है भोजन

खिलाड़ी दिशा शर्मा ने बताया कि 'वह बिलासपुर से है और उसे सरस्वती शिशु मंदिर स्कूल में रुकवाया गया है. जहां भोजन की व्यवस्था नहीं है. बस या किसी भी तरह के परिवहन की सुविधा नहीं दी गई है. नास्ते और भोजन के लिए करीबन डेढ़ किलोमीटर महाराज चौक बालक छात्रावास पैदल चलकर आना पड़ता है'.

की जाएगी बस की व्यवस्था

मामले में जिला शिक्षा अधिकारी एन कुजूर ने कहा कि 'आयोजन में आए बालक-बालिकाओं को रुकवाने में थोड़ी परेशानी हुई है, इसलिए जहां छात्र हैं वहां मेस बना है'. उन्होंने खिलाड़ियों के लिए बस की व्यवस्था करवाने की बात कही है.

Intro:
भोजन के लिए रात के अंधेरे में खिलाड़ी डेढ़ किलोमीटर पैदल चलने को मजबूर।
किशोरी बालिका खिलाड़ियों की सुरक्षा के साथ खिलवाड़।
बस छोड़ आटो में हिचकोले खाते ग्राउंड पहुंचे खिलाडी


जशपुर :- जिले में 19वीं राज्य स्तरीय शालेय क्रीड़ा प्रतियोगिता का आयोजन किया गया है शहर के रणजीता स्टेडियम में चल रहे इस आयोजन में भारी अव्यवस्था से प्रदेश के 12 जोन से आए खिलाड़ी हलाकान हो रहे हैं।

Body:इस शालेय क्रीड़ा प्रतियोगित में खिलाड़ी और प्रभारी अधिकारी सहित 14 सौ से अधिक लोग शामिल हो रहे हैं। इनके आवास,चिकित्सा और परिवहन की व्यवस्था की जिम्मेदारी जिला प्रशासन की है। लेकिन अपनी जिम्मेदारी को निभाने में अधिकारी पूरी तरह से विफल नजर आ रहे हैं। इसका दृश्य शहर में इस प्रदेश स्तरीय आयोजन के उदघाटन से पहले ही देखने को मिला। उदघाटन समारोह में शामिल होने के लिए रायपुर जोन के खिलाड़ियों को शहर से तकरीबन 3 किलोमीटर दूर बघिमा के संत पॉल स्कूल से ग्राउंड तक का सफर आटो में तय करना पड़ा। जबकि खि​लाड़ियों को आवास स्थल से आयोजन स्थल तक लाने और ले जाने के लिए बस व्यवस्था करने का दावा किया गया था।
वही इस आयोजन के दौरान सबसे शर्मनाक नजारा सोमवार की रात शहर की सड़कों में देखने को मिला। जब रात के अंधेरे और ठंड से जुझते हुए बिलासपुर जोन के खिलाड़ी डेढ़ किलोमीटर पैदल चल कर भोजन करने के लिए शहर के सन्ना रोड में स्थित बायस हॉस्टल पहुंचे। वहीं सरस्वती शिशु मंदिर में ठहराए गए खिलाड़ियों को भोजन करने के लिए तकरीबन 2 किलोमीटर दूर स्थित बुनियादी शाला तक पैदल चल कर जाने को मजबूर दिखे।
आयोजन में आई खिलाडी दिशा शर्मा ने बताया कि बे बिलासपुर से फुटबली खेलने आई हुई है ओर उन्हें सरस्वती शिशु मंदिर स्कूल में रुकवाया गया है, जहाँ भोजन की व्यवस्था नही है उन्होंने बताया कि बस या किसी भी तरह की सुविधा नही दी गई है उन्हें करीबन डेढ़ किलोमीटर नास्ते ओर भोजन के लिए महाराज चोक बॉयस हॉस्टल में पैदल चलकर आना पड़ता है।

Conclusion:वही मामले में जिला शिक्षा अधिकारी एन कुजूर कहा कि आयोजन में आई बालक बालिकाओं को रुकवाने में थोड़ी परेसानी हुई है, इस लिए जहाँ बालक है वहाँ मेस बनाई गई है, उन्होंने बताया कि बच्चों को अकेला भेजना गलत है, बच्चों को आवास स्थल से मेस तक बस से लेजाने की व्यवस्था की गई है, साथ ही बच्चों के साथ आये कोच ओर मेंजर को बच्चों के साथ जाने ओर आने को भी कहा गया है।

बहरहाल किशोर खिलाड़ियों के साथ रात के अंधेरे में सुरक्षा के नाम पर एक भी अधिकारी मौजूद नहीं होना ​खिलाडियों की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े करता है

बाइट दिशा शर्मा खिलाड़ी बिलासपुर जोन
बाइट अनूपा खिलाड़ी
बाइट एन कुजूर (DEO जशपुर)

तरुण प्रकाश शर्मा
जशपुर
Last Updated : Oct 17, 2019, 11:24 AM IST
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