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छत्तीसगढ़ में पहाड़ी कोरवाओं का बदला जीवन, सरकारी योजनाएं लाई रंग - Rajiv Gandhi bhumihin majdoor nyay yojna

छत्तीसगढ़ की विशेष विषय जनजाति पहाड़ी कोरवा छत्तीसगढ़ के उत्तर पूर्व और उत्तर में स्थित जिलों में पाई जाती है. यह जनजाति आधुनिकता से दूर घने जंगलों में निवास करती हैं. भारत में निवास करने वाली जनजातियां भारत के प्राचीनतम निवासियों में से एक है. जशपुर में इनकी संख्या बहुतायत में है. लिहाजा राज्य सरकार इनके लिए विशेष योजना भी चला रही है. प्रदेश सरकार की राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन मजदूर न्याय योजना पहाड़ी कोरवा जनजाति के लोगों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है.Rajiv Gandhi bhumihin majdoor nyay yojna

छत्तीसगढ़ में पहाड़ी कोरवाओं का बदला जीवन, सरकारी योजनाएं लाई रंग
छत्तीसगढ़ में पहाड़ी कोरवाओं का बदला जीवन, सरकारी योजनाएं लाई रंग
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Published : Nov 28, 2022, 6:05 PM IST

जशपुर : बगीचा विकासखण्ड के ग्राम कुरूमढोड़ा के विशेष पिछड़ी जनजाति पहाड़ी कोरवा हितग्राही मसरी और बगीचा विकासखण्ड के महंनाई ग्राम पंचायत गासेबध के विशेष पिछड़ी जनजाति पहाड़ी कोरवा हितग्राही रूपन राम से राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन मजदूर न्याय योजना की जानकारी ली. हितग्राहियों मसरी और रूपन राम ने बताया कि '' योजना के तहत् उन्हें दो किश्तों में दो-दो हजार राशि प्राप्त हुई है. कुल दोनों हितग्राहियों के खाते में 4-4 हजार रूपए आ चुका है.'कलेक्टर ने वीडियो कॉल के माध्यम से विशेष पिछड़ी जनजाति पहाड़ी कोरवा हितग्राही रूपन राम और मशरी से योजना की ली जानकारी. कलेक्टर डॉ. रवि मित्तल ने कलेक्टर कक्ष से वीडियों कॉल के माध्यम से लाभांवित हितग्राहियों से योजना की जानकारी ली. Rajiv Gandhi bhumihin majdoor nyay yojna

क्यों की गई थी योजना की शुरुआत : प्रदेश सरकार भूमिहीन श्रमिक परिवार को आर्थिक लाभ पहुंचाने के लिए इस योजना की शुरूआत की है. राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन मजदूर न्याय योजना के तहत् 1 वर्ष में एक हितग्राही को 7 हजार का वार्षिक सहायता दिया जाता है. जिला प्रशासन द्वारा वित्तीय वर्ष 2022-23 में अब तक 1785 भूमिहीन श्रमिकों को 39 हजार 28 दिन मानव दिवस का रोजगार दिया गया है.हितग्राहियों ने मुख्यमंत्री को धन्यवाद देते हुए अभार व्यक्त किया. जिला प्रशासन ऐसे परिवारों को मनरेगा के माध्यम से उनके गांव में ही रोजगार उपलब्ध करा रहा है ताकि वे आर्थिक रूप से सक्षम बन सकें. (Government schemes changed lives of pahadi Korva)

ये भी पढ़ें- स्कूली बच्चों ने ह्यूमन चैन बनाकर बनाया छ्त्तीसगढ़ का नक्शा

पहाड़ी कोरवा जनजाति के हितग्राही ने बताई योजना की कहानी : पहाड़ी कोरवा हितग्राही मसरी ने बताया कि '' उन्हें उचित मूल्य दुकान के माध्यम से प्रतिमाह राशन मिलता है. बैंक में उनका खाता भी खोला गया है जिससे योजना के तहत राशि उनके खाते में सीधे जमा हो जाती है. उनके पिता 63 वर्षीय लुबरी को वृद्धा पेंशन का भी लाभ मिल रहा है. लाभान्वित हितग्राही पहाड़ी कोरवा रूपन राम ने बताया कि मनरेगा के तहत उन्हें रोजगार भी उपलब्ध कराया गया है और उचित मूल्य दुकान से उन्हें प्रतिमाह राशन भी मिलता है.pahadi Korva in Chhattisgarh

जशपुर : बगीचा विकासखण्ड के ग्राम कुरूमढोड़ा के विशेष पिछड़ी जनजाति पहाड़ी कोरवा हितग्राही मसरी और बगीचा विकासखण्ड के महंनाई ग्राम पंचायत गासेबध के विशेष पिछड़ी जनजाति पहाड़ी कोरवा हितग्राही रूपन राम से राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन मजदूर न्याय योजना की जानकारी ली. हितग्राहियों मसरी और रूपन राम ने बताया कि '' योजना के तहत् उन्हें दो किश्तों में दो-दो हजार राशि प्राप्त हुई है. कुल दोनों हितग्राहियों के खाते में 4-4 हजार रूपए आ चुका है.'कलेक्टर ने वीडियो कॉल के माध्यम से विशेष पिछड़ी जनजाति पहाड़ी कोरवा हितग्राही रूपन राम और मशरी से योजना की ली जानकारी. कलेक्टर डॉ. रवि मित्तल ने कलेक्टर कक्ष से वीडियों कॉल के माध्यम से लाभांवित हितग्राहियों से योजना की जानकारी ली. Rajiv Gandhi bhumihin majdoor nyay yojna

क्यों की गई थी योजना की शुरुआत : प्रदेश सरकार भूमिहीन श्रमिक परिवार को आर्थिक लाभ पहुंचाने के लिए इस योजना की शुरूआत की है. राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन मजदूर न्याय योजना के तहत् 1 वर्ष में एक हितग्राही को 7 हजार का वार्षिक सहायता दिया जाता है. जिला प्रशासन द्वारा वित्तीय वर्ष 2022-23 में अब तक 1785 भूमिहीन श्रमिकों को 39 हजार 28 दिन मानव दिवस का रोजगार दिया गया है.हितग्राहियों ने मुख्यमंत्री को धन्यवाद देते हुए अभार व्यक्त किया. जिला प्रशासन ऐसे परिवारों को मनरेगा के माध्यम से उनके गांव में ही रोजगार उपलब्ध करा रहा है ताकि वे आर्थिक रूप से सक्षम बन सकें. (Government schemes changed lives of pahadi Korva)

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पहाड़ी कोरवा जनजाति के हितग्राही ने बताई योजना की कहानी : पहाड़ी कोरवा हितग्राही मसरी ने बताया कि '' उन्हें उचित मूल्य दुकान के माध्यम से प्रतिमाह राशन मिलता है. बैंक में उनका खाता भी खोला गया है जिससे योजना के तहत राशि उनके खाते में सीधे जमा हो जाती है. उनके पिता 63 वर्षीय लुबरी को वृद्धा पेंशन का भी लाभ मिल रहा है. लाभान्वित हितग्राही पहाड़ी कोरवा रूपन राम ने बताया कि मनरेगा के तहत उन्हें रोजगार भी उपलब्ध कराया गया है और उचित मूल्य दुकान से उन्हें प्रतिमाह राशन भी मिलता है.pahadi Korva in Chhattisgarh

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