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आकाशीय बिजली की चपेट में आने पर परिजन ने युवती को गोबर के गड्ढे में डाला

जशपुर में एक अनोखा मामला सामने आया है. जहां आकाशीय बिजली की चपेट में आई युवती को डॉक्टर के पास ले जाने की बजाए उसे गोबर से भरे गड्ढे में डाल दिया.

Girl dumped in cow dung pit
युवती को गोबर के गड्ढे में डाला
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Published : Apr 26, 2020, 3:59 PM IST

जशपुर: आज के आधुनिक युग में भी ग्रामीण क्षेत्रों में झाड़फूंक, जादू-टोना जैसे अंधविश्वास ने अपनी जड़े फैला रखी हैं. लोग इलाज करवाने की जगह अंधविश्वास पर भरोसा कर लेते हैं और अपनों की जान गंवा देते हैं. ऐसा ही एक मामला जिले से सामने आया है. जिसमें आकाशीय बिजली की चपेट में आने से झुलसी एक युवती को उसके परिजन ने घंटों तक गोबर के गढ़े में डाले रखा. जब फायदा नहीं मिला तो युवती को अस्पताल ले जाया गया. जहां युवती अब स्वस्थ है.

जानकारी के मुताबिक घटना जशपुर के फरसाबहार जनपद के अंतर्गत आने वाले कोह्लेनझरिया गांव की है. जहां शनिवार को तेज बारिश के साथ बिजली चमक रही थी. इस दौरान पीड़ित अपने घर के बरामदे में बैठी थी. तभी आकाशीय बिजली चपेट में आने से वह झूलस गई. बिजली गिरने और युवती के चिल्लाने की आवाज सुनकर परिवार के लोग वहां पहुंचे और इलाज कराने अस्पताल ले जाने के बजाए युवती को घर के पास बने गोबर के एक गढ्डे में डाल दिया.

युवती अब स्वस्थ्य

ग्रामीणों का तर्क है कि इस तरह के हादसे में झुलसे लोगों को गोबर की ठंडक से राहत मिलती है. गाय के गोबर में मौजूद तत्व से जान बच जाती है. परिवार के लोग उसे किसी डॉक्टर के पास ले जाने की बजाए ऐसे उपाय करते रहे. आखिरकार जब युवती को कोई राहत नहीं मिली तो उसे पास के फरसाबहार स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया. जहां युवती का इलाज हुआ और वो स्वस्थ हो गई.

गांवों में होता रहती है ऐसी घटना

ग्रामीण इलाकों से लगातार ऐसी घटनाएं सामने आती रहती हैं. जब लोग मरीज को अस्पताल ले जाने की बजाए घर पर ही इलाज करना शुरू कर देते हैं. इस दौरान कई बार लोगों की जान भी चली जाती है. ETV भारत ऐसे अंधविश्वास की किसी भी घटना का समर्थन नहीं करता है.

जशपुर: आज के आधुनिक युग में भी ग्रामीण क्षेत्रों में झाड़फूंक, जादू-टोना जैसे अंधविश्वास ने अपनी जड़े फैला रखी हैं. लोग इलाज करवाने की जगह अंधविश्वास पर भरोसा कर लेते हैं और अपनों की जान गंवा देते हैं. ऐसा ही एक मामला जिले से सामने आया है. जिसमें आकाशीय बिजली की चपेट में आने से झुलसी एक युवती को उसके परिजन ने घंटों तक गोबर के गढ़े में डाले रखा. जब फायदा नहीं मिला तो युवती को अस्पताल ले जाया गया. जहां युवती अब स्वस्थ है.

जानकारी के मुताबिक घटना जशपुर के फरसाबहार जनपद के अंतर्गत आने वाले कोह्लेनझरिया गांव की है. जहां शनिवार को तेज बारिश के साथ बिजली चमक रही थी. इस दौरान पीड़ित अपने घर के बरामदे में बैठी थी. तभी आकाशीय बिजली चपेट में आने से वह झूलस गई. बिजली गिरने और युवती के चिल्लाने की आवाज सुनकर परिवार के लोग वहां पहुंचे और इलाज कराने अस्पताल ले जाने के बजाए युवती को घर के पास बने गोबर के एक गढ्डे में डाल दिया.

युवती अब स्वस्थ्य

ग्रामीणों का तर्क है कि इस तरह के हादसे में झुलसे लोगों को गोबर की ठंडक से राहत मिलती है. गाय के गोबर में मौजूद तत्व से जान बच जाती है. परिवार के लोग उसे किसी डॉक्टर के पास ले जाने की बजाए ऐसे उपाय करते रहे. आखिरकार जब युवती को कोई राहत नहीं मिली तो उसे पास के फरसाबहार स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया. जहां युवती का इलाज हुआ और वो स्वस्थ हो गई.

गांवों में होता रहती है ऐसी घटना

ग्रामीण इलाकों से लगातार ऐसी घटनाएं सामने आती रहती हैं. जब लोग मरीज को अस्पताल ले जाने की बजाए घर पर ही इलाज करना शुरू कर देते हैं. इस दौरान कई बार लोगों की जान भी चली जाती है. ETV भारत ऐसे अंधविश्वास की किसी भी घटना का समर्थन नहीं करता है.

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