जशपुर: बगीचा के तहसीलदार ने सब्जियों से भरी पिकअप को जब्त कर लिया था. नाराज किसानों ने तहसीलदार के घर के सामने सब्जियां फेंककर विरोध जताया. किसानों का आरोप है कि तहसीलदार ने उनसे पांच हजार रुपयों की मांग की और पैसे नहीं देने पर उन्होंने गाड़ी को जब्त कर लिया. वहीं बगीचा तहसीलदार ने सारे आरोपों को खारिज कर दिया है.
5 हजार रुपये मांगने का आरोप
मामला जिले के बगीचा विकासखंड का है. जहां तहसीलदार डॉ. टीडी मरकाम के बंगले के सामने शनिवार को किसानों ने नाराजगी व्यक्त करते हुए खीरा, करेला समेत अन्य सब्जियां फेंककर विरोध प्रदर्शन किया. तहसीलदार के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई. किसानों का आरोप है कि देर रात बगीचा से झारखंड के धनबाद जा रही सब्जियों से भरी पिकअप को रोका गया. ड्राइवर और क्लीनर से तहसीलदार ने पूछताछ करते हुए 5 हजार रुपये की मांग की.
लॉकडाउन की मार: किसान ने सड़क पर फेंक दी खीरे और ककड़ी की फसल
बंगले के सामने ने फेंकी सब्जियां
किसानों का आरोप है कि रुपये नहीं देने पर तहसीलदार ने पिअकप को थाने में खड़ा करने को कहा. जिसके बाद व्यापारियों ने नाराजगी व्यक्त करते हुए पिकअप को देर रात तहसीलदार के बंगले के सामने ही खड़ा कर दिया. सुबह तहसीलदार के बंगले के बाहर सब्जियां फेंककर अपना विरोध दर्ज कराया. किसानों का आरोप है कि कोरोनाकाल में सब्जियों के परिवहन को छूट दी गई है. इसके बावजूद तहसीलदार ने मनामानी की है. किसानों ने तहसीलदार के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है.
तहसीलदार ने आरोपों को किया खारिज
वहीं तहसीलदार ने आरोपों का खंडन किया है. तहसीलदार का कहना है कि उन्होंने सब्जी परिवहन पर कोई कार्रवाई नहीं की है. तहसीलदार ने कोरोना गाइडलाइन को तोड़कर उनके घर के सामने जमा किसानों पर कार्रवाई की बात भी कही है.