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SPECIAL: लॉकडाउन से टमाटर किसान बेहाल, फसल किया मवेशियों के हवाले - लॉकडाउन की बंदिशें

कोरोना संकट से निपटने के लिए लागू किए गए लॉकडाउन की बंदिशों ने टमाटर किसान को बेहाल कर दिया है. बगीचा नगर पंचायत के टमाटर किसानों ने फसल नहीं बिकने की सूरत में अपनी पूरी फसल मवेशियों के हवाले कर दी है.

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टमाटर किसान बेहाल
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Published : Jun 15, 2020, 7:16 AM IST

Updated : Jun 15, 2020, 10:44 PM IST

जशपुर: लॉकडाउन की वजह से देश की अर्थव्यवस्था पर काफी असर पड़ा है. कोरोना संकट से निपटने के लिए लागू किए गए लॉकडाउन की बंदिशों की वजह से खेतों में मौजूद टमाटर की फसल बाजार तक पहुंच ही नहीं पाई, जिसकी वजह से खेतों में पड़े-पड़े ये टमाटर सड़ने लगे हैं. हालात ये हो गए हैं कि किसानों को खेत को मवेशियों के हवाले करना पड़ गया है. जहां मवेशी फसल को खा रहे हैं. बगीचा नगर पंचायत के टमाटर किसानों में अब हताशा है.

लॉकडाउन से टमाटर किसान बेहाल

इस क्षेत्र में बड़े पैमाने पर किसान टमाटर की बुआई करते हैं. इस साल भी रबी के सीजन में यहां के किसानों ने अच्छे मुनाफे की उम्मीद में टमाटर की भरपूर बुआई की थी. फसल तैयार होने के बाद मार्च महीने तक किसानों ने टमाटर की दो बार तुड़ाई कर बाजार में इसे बेचना शुरू ही किया था कि 22 मार्च को जनता र्क्फ्यू और 24 मई को देशव्यापी लॉकडाउन की घोषणा हो गई, जिससे बाजारों में ताले लटक गए. इससे इन किसानों की फसल खेत में ही खराब हो गई.

Farmer upset over tomato not being sold due to lockdown
टमाटर की फसल खराब

न फसल बिकी, न लागत मिली, किसान ने अपनी खड़ी फसल रौंद डाली

लोगों को घरों से निकलने पर पाबंदी

सरकार ने लॉकडाउन के बीच सब्जी बाजार को शर्तों के साथ खोला जरूर, लेकिन इससे किसानों की फसल को उम्मीद के मुताबिक ग्राहक नहीं मिल पाए. इधर जिले में कोरोना के मरीज लगातार बढ़ रहे हैं, जिसकी वजह से जशपुर को रेड जोन घोषित किया गया है. साथ ही जशपुर के कई इलाकों को कंटेनमेंट जोन बनाया गया है, जिसमें बगीचा नगर पंचायत क्षेत्र को भी कंटेनमेंट जोन बनाया गया है. इस क्षेत्र की सारी दुकानें बंद हैं. पूरी तरह से लोगों के घरों से निकलने पर पाबंदी लगा दी गई है.

farmer-upset-over-tomato-not-being-sold-due-to-lockdown-
कोई मुफ्त में भी टमाटर लेने को तैयार नहीं

'किसानों को नहीं कॉरपोरेट कंपनियों को मिलेगा कृषि सुधार अधिनियम का फायदा'

लॉकडाउन किसानों के लिए मुसीबत का सबब बना

बगीचा नगर पंचायत क्षेत्र की सीमा पर लगभग 10 एकड़ में आधा दर्जन से अधिक किसानों ने लाखों रुपए की पूंजी लगाकर टमाटर की खेती की है, लेकिन लॉकडाउन के दौरान फसल बेचना किसानों के लिए मुसीबत का सबब बन गया है. किसानों ने परेशान होकर पहले तो 10 रुपए में अपना खेत फ्री किया था, जिसमें कोई भी व्यक्ति दस रुपए देकर खेतों से थैला भरकर टमाटर तोड़ सकता था, लेकिन तब भी टमाटर की फसल ज्यादा नहीं बिक सकी, तो हताश किसानों ने खेतों को यूं ही मवेशियों के हवाले छोड़ दिया. गांव के पशुपालकों को अपने खेतों में टमाटर की फसलों को पशुओं को चराने के लिए कह दिया.

Farmer upset over tomato not being sold due to lockdown in jashpur
लॉकडाउन से टमाटर किसान बेहाल

आम के पेड़ पर कीटनाशक दवाओं के इस्तेमाल पर बैन को लेकर बंटे किसान

किसानों को नहीं मिल पाएगा फसल बीमा योजना का लाभ
जिला उद्यान अधिकारी आरएएस भदौरिया ने बताया कि कोरोना और बेमौसम हुई बारिश की वजह किसानों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. रबी सीजन में टमाटर सहित अन्य फसल उगाने वाले किसान खासे परेशान हैं. सीजन में जिले में खरीफ की अपेक्षा कम रकबे में टमाटर की बुआई की जाती है. चालू सीजन में तकरीबन 400 हेक्टेयर में टमाटर की फसल बोई गई है, जिसमें अनुमानित लगभग 2 हजार मीट्रिक टन उत्पादन होने का अनुमान है. उन्होंने बताया कि कोरोना संकट और लॉकडाउन की वजह से फसलों की बिक्री पर असर पड़ा है. किसानों को फसल बीमा योजना की समय-सीमा बीत जाने की वजह से किसानों को फसल बीमा योजना का लाभ भी नहीं मिल पाएगा.

Farmer upset over tomato not being sold due to lockdown in jashpur
टमाटर किसानों ने फसल किया मवेशियों के हवाले

जशपुर: लॉकडाउन की वजह से देश की अर्थव्यवस्था पर काफी असर पड़ा है. कोरोना संकट से निपटने के लिए लागू किए गए लॉकडाउन की बंदिशों की वजह से खेतों में मौजूद टमाटर की फसल बाजार तक पहुंच ही नहीं पाई, जिसकी वजह से खेतों में पड़े-पड़े ये टमाटर सड़ने लगे हैं. हालात ये हो गए हैं कि किसानों को खेत को मवेशियों के हवाले करना पड़ गया है. जहां मवेशी फसल को खा रहे हैं. बगीचा नगर पंचायत के टमाटर किसानों में अब हताशा है.

लॉकडाउन से टमाटर किसान बेहाल

इस क्षेत्र में बड़े पैमाने पर किसान टमाटर की बुआई करते हैं. इस साल भी रबी के सीजन में यहां के किसानों ने अच्छे मुनाफे की उम्मीद में टमाटर की भरपूर बुआई की थी. फसल तैयार होने के बाद मार्च महीने तक किसानों ने टमाटर की दो बार तुड़ाई कर बाजार में इसे बेचना शुरू ही किया था कि 22 मार्च को जनता र्क्फ्यू और 24 मई को देशव्यापी लॉकडाउन की घोषणा हो गई, जिससे बाजारों में ताले लटक गए. इससे इन किसानों की फसल खेत में ही खराब हो गई.

Farmer upset over tomato not being sold due to lockdown
टमाटर की फसल खराब

न फसल बिकी, न लागत मिली, किसान ने अपनी खड़ी फसल रौंद डाली

लोगों को घरों से निकलने पर पाबंदी

सरकार ने लॉकडाउन के बीच सब्जी बाजार को शर्तों के साथ खोला जरूर, लेकिन इससे किसानों की फसल को उम्मीद के मुताबिक ग्राहक नहीं मिल पाए. इधर जिले में कोरोना के मरीज लगातार बढ़ रहे हैं, जिसकी वजह से जशपुर को रेड जोन घोषित किया गया है. साथ ही जशपुर के कई इलाकों को कंटेनमेंट जोन बनाया गया है, जिसमें बगीचा नगर पंचायत क्षेत्र को भी कंटेनमेंट जोन बनाया गया है. इस क्षेत्र की सारी दुकानें बंद हैं. पूरी तरह से लोगों के घरों से निकलने पर पाबंदी लगा दी गई है.

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कोई मुफ्त में भी टमाटर लेने को तैयार नहीं

'किसानों को नहीं कॉरपोरेट कंपनियों को मिलेगा कृषि सुधार अधिनियम का फायदा'

लॉकडाउन किसानों के लिए मुसीबत का सबब बना

बगीचा नगर पंचायत क्षेत्र की सीमा पर लगभग 10 एकड़ में आधा दर्जन से अधिक किसानों ने लाखों रुपए की पूंजी लगाकर टमाटर की खेती की है, लेकिन लॉकडाउन के दौरान फसल बेचना किसानों के लिए मुसीबत का सबब बन गया है. किसानों ने परेशान होकर पहले तो 10 रुपए में अपना खेत फ्री किया था, जिसमें कोई भी व्यक्ति दस रुपए देकर खेतों से थैला भरकर टमाटर तोड़ सकता था, लेकिन तब भी टमाटर की फसल ज्यादा नहीं बिक सकी, तो हताश किसानों ने खेतों को यूं ही मवेशियों के हवाले छोड़ दिया. गांव के पशुपालकों को अपने खेतों में टमाटर की फसलों को पशुओं को चराने के लिए कह दिया.

Farmer upset over tomato not being sold due to lockdown in jashpur
लॉकडाउन से टमाटर किसान बेहाल

आम के पेड़ पर कीटनाशक दवाओं के इस्तेमाल पर बैन को लेकर बंटे किसान

किसानों को नहीं मिल पाएगा फसल बीमा योजना का लाभ
जिला उद्यान अधिकारी आरएएस भदौरिया ने बताया कि कोरोना और बेमौसम हुई बारिश की वजह किसानों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. रबी सीजन में टमाटर सहित अन्य फसल उगाने वाले किसान खासे परेशान हैं. सीजन में जिले में खरीफ की अपेक्षा कम रकबे में टमाटर की बुआई की जाती है. चालू सीजन में तकरीबन 400 हेक्टेयर में टमाटर की फसल बोई गई है, जिसमें अनुमानित लगभग 2 हजार मीट्रिक टन उत्पादन होने का अनुमान है. उन्होंने बताया कि कोरोना संकट और लॉकडाउन की वजह से फसलों की बिक्री पर असर पड़ा है. किसानों को फसल बीमा योजना की समय-सीमा बीत जाने की वजह से किसानों को फसल बीमा योजना का लाभ भी नहीं मिल पाएगा.

Farmer upset over tomato not being sold due to lockdown in jashpur
टमाटर किसानों ने फसल किया मवेशियों के हवाले
Last Updated : Jun 15, 2020, 10:44 PM IST
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