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अवैध ईंट भट्ठों पर प्रशासन ने जवाब देने के लिए कोर्ट से मांगा समय - कोर्ट ने लिया संज्ञान

अवैध ईंट भट्ठों के संचालन और पर्यावरण में पड़ रहे इसके दुष्प्रभाव को लेकर कोर्ट के नोटिस का जवाब देने के लिए वन विभाग के डीएफओ और सरकारी वकील कोर्ट में पेश हुए.

जिला कोर्ट
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Published : May 26, 2019, 5:17 PM IST

जशपुर: अवैध ईंट भट्ठों के संचालन और पर्यावरण पर इसके दुष्प्रभाव को लेकर समाजिक कार्यकर्ता की ओर से दायर याचिका पर विशेष न्यायालय ने जवाब मांगा था.

अवैध ईंट भट्ठों के मामले में कोर्ट ने मांगा जवाब


कोर्ट ने जताई थी नाराजगी
मामले में न्यायालय ने ज्ञापन जारी करते हुए विभाग की लापरवाही पर नाराजगी दिखाते हुए, कार्रवाई की स्थिति सहित कई महत्वपूर्ण जानकारी विभागों से मांगी थी. इसके साथ ही कोर्ट ने वन विभाग के सचिव,कलेक्टर, डीएफओ, खनिज अधिकारी को उपस्थित होने को कहा था.


अवैध ईंट भट्ठों की मांगी जानकारी
सामाजिक कार्यकर्ता राम प्रकाश पांडे की ओर से मानवाधिकार उलंघन को लेकर विशेष न्यायालय मानवाधिकार में मानवाधिकार अधिनियम धारा 30 के तहत याचिका प्रस्तुत की गई थी. याचिका में जिले में चल रहे ईट भठ्ठों के अवैध संचालन के परिणामस्वरूप धुंए और पेड़ों के कटने से पर्यावरण को क्षति पहुंचना बताया था. मामले में सुनवाई करते हुए विशेष न्यायालय ने संबंधित विभाग से ईंट भठ्ठों पर की गई कार्रवाई को लेकर जानकारी मांगी गई थी.


पर्यावरण को हो रहे नुकसान की मांगी जानकारी
न्यायालय ने अनावेदकगण से पूछा था कि, क्या यह मामला पर्यावरण संरक्षण से जुड़ा है. न्यायालय ने पूछा था कि कितने ईंट भट्टों का इस प्रकार संचालन हो रहा है और इससे पर्यावरण को किसी प्रकार क्षति पहुंच रही है. न्यायालय ने कहा है कि स्वाभाविक तौर पर इसकी जानकारी अनावेदकगण को ही हो सकती है.


किन क्षेत्रों में हो रहा भट्ठों का संचालन: कोर्ट
कोर्ट ने कहा था कि यह अधिक उचित होगा कि उक्त नजरिए से मामले को अपने स्तर पर परखें और जिम्मेदारी के निर्वहन के लिए आवश्यक कदम उठाना आरंभ कर दें. कोर्ट में मामले की अगली सुनवाई 29 मई को होगी.

जशपुर: अवैध ईंट भट्ठों के संचालन और पर्यावरण पर इसके दुष्प्रभाव को लेकर समाजिक कार्यकर्ता की ओर से दायर याचिका पर विशेष न्यायालय ने जवाब मांगा था.

अवैध ईंट भट्ठों के मामले में कोर्ट ने मांगा जवाब


कोर्ट ने जताई थी नाराजगी
मामले में न्यायालय ने ज्ञापन जारी करते हुए विभाग की लापरवाही पर नाराजगी दिखाते हुए, कार्रवाई की स्थिति सहित कई महत्वपूर्ण जानकारी विभागों से मांगी थी. इसके साथ ही कोर्ट ने वन विभाग के सचिव,कलेक्टर, डीएफओ, खनिज अधिकारी को उपस्थित होने को कहा था.


अवैध ईंट भट्ठों की मांगी जानकारी
सामाजिक कार्यकर्ता राम प्रकाश पांडे की ओर से मानवाधिकार उलंघन को लेकर विशेष न्यायालय मानवाधिकार में मानवाधिकार अधिनियम धारा 30 के तहत याचिका प्रस्तुत की गई थी. याचिका में जिले में चल रहे ईट भठ्ठों के अवैध संचालन के परिणामस्वरूप धुंए और पेड़ों के कटने से पर्यावरण को क्षति पहुंचना बताया था. मामले में सुनवाई करते हुए विशेष न्यायालय ने संबंधित विभाग से ईंट भठ्ठों पर की गई कार्रवाई को लेकर जानकारी मांगी गई थी.


पर्यावरण को हो रहे नुकसान की मांगी जानकारी
न्यायालय ने अनावेदकगण से पूछा था कि, क्या यह मामला पर्यावरण संरक्षण से जुड़ा है. न्यायालय ने पूछा था कि कितने ईंट भट्टों का इस प्रकार संचालन हो रहा है और इससे पर्यावरण को किसी प्रकार क्षति पहुंच रही है. न्यायालय ने कहा है कि स्वाभाविक तौर पर इसकी जानकारी अनावेदकगण को ही हो सकती है.


किन क्षेत्रों में हो रहा भट्ठों का संचालन: कोर्ट
कोर्ट ने कहा था कि यह अधिक उचित होगा कि उक्त नजरिए से मामले को अपने स्तर पर परखें और जिम्मेदारी के निर्वहन के लिए आवश्यक कदम उठाना आरंभ कर दें. कोर्ट में मामले की अगली सुनवाई 29 मई को होगी.

Intro:

जशपुर अवैध इंट भठ्ठों के संचालन और पर्यावरण पर इसके दुष्प्रभाव को लेकर समाजिक कार्यकर्ता द्वारा प्रस्तुत याचिका में विशेष न्यायालय ने गंभीरता दिखाई है। 

मामले में न्यायालय ने ज्ञापन जारी करते हुवे विभाग की लापरवाही पर नाराजगी दिखाते हुवे, कार्यवाही की स्थिति सहित कई महत्वपूर्ण जानकारी विभागों से मांगी गई। साथ ही ज्ञापन में वन विभाग के सचिव,कलेक्टर, डीएफओ, खनिज अधिकारी को उपस्थित होने को कहा है।


  

सामाजिक कार्यकर्ता राम प्रकाश पांडे के द्वारा मानवाधिकार उलंघन को लेकर विशेष न्यायालय मानवाधिकार रजनीश श्रीवास्तव के समक्ष मानवाधिकार अधिनियम धारा 30 के तहत याचिका प्रस्तुत की गई थी।

जिसमे जिले में चल रहे ईट भठ्ठों के अवैध संचालन के परिणामस्रूप धुंए व पेड़ों के कटने से पर्यावरण को क्षति पहुंचना बताया था। मामले में सुनवाई करते हुए विशेष न्यायालय ने संबंधित विभाग से ईंट भठ्ठों पर की गई कार्यवाही को लेकर जानकारी मांगी गई। न्यायालय ने अनावेदकगण से पूछा है कि क्या यह मामला पर्यावरण संरक्षण से जुड़ा है। न्यायालय ने पूछा है कि कितने ईंट भट्टों का इस प्रकार संचालन हो रहा है और इससे पर्यावरण को किसी प्रकार क्षति पहुंच रही है। न्यायालय ने कहा है कि स्वाभाविक तौर पर इसकी जानकारी अनावेदकगण को ही हो सकती है। यह अधिक उचित होगा कि उक्त नजरिए से मामले को अपने स्तर पर परखें और जिम्मेदारी के  निर्वहन हेतु आवश्यक कदम उठाना आरंभ कर दें। ज्ञापन जारी करते हुए दो प्रश्नों पर न्यायालय के द्वारा जवाब मांगा गया है। न्यायालय का पहला प्रश्न आवेदकेां से यह है कि क्या जशपुर जिले में अवैध ईंट भट्ठे संचालित हो रहे हैं। यदि अवैध ईंट भठ्ठों का संचालन  हो रहा है तो कब से और किन क्षेत्रों में हो रहा है, इनकी संख्या कितनी है।  दूसरे प्रश्न में विशेष न्यायालय ने विभागों से जवाब मांगते हुए पूछा है कि क्या इन भठ्ठों से पर्यावरण को क्षति पहुंच रही है, यदि हां तो इन भठ्ठों को बंद करने हेतु अबतक क्या कार्यवाही की गई। 


 मामले की जानकारी  शीघ्र और आवश्यक रूप से जवाब प्रस्तुत करने न्यायालय द्वारा आदेश जारी करते हुए अगली सुनवाई की तिथि 25 मई नियत की गई है।

 


बाइट 1 सत्य प्रकाश तिवारी स्थानीय समाजिक कार्यकर्ता

बाइट 2 राम प्रकाश पाण्डे समाजसेवी याचिका कर्ता (तिलक लागये हुवे)


तरुण प्रकाश शर्मा 

जशपुर





Body:न्यायालय


Conclusion:
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