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8 करोड़ की लागत से बन रहा ट्रायबल टूरिस्ट विलेज, ये होगी इसकी खूबियां - संस्कृति और कला

जशपुर में टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए ट्रायबल टूरिज्म विलेज का निर्माण कराया जा रहा है, जहां जिले के कोरवा जनजाति के रहन-सहन, खान-पान को दर्शाया जा रहा है.

8 करोड़ की लागत से बन रहा ट्रायबल टूरिस्ट विलेज
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Published : Oct 7, 2019, 10:22 PM IST

Updated : Oct 7, 2019, 11:24 PM IST

जशपुर: जिले में ट्रायबल टूरिज्म को बढ़ावा देने के उद्देश्य से तकरीबन साढ़े 4 एकड़ के प्लाट पर ट्रायबल टूरिस्ट विलेज बनाया जा रहा है, जिसमें जिले के पुरातत्व, कला-संस्कृति और आदिवासी जीवन शैली की अद्भुत झांकी देखने को मिलेगी.

8 करोड़ की लागत से बन रहा ट्रायबल टूरिस्ट विलेज

शहर से 5 किमी की दूरी पर स्थित बाला छापर गांव में भारत सरकार के स्वदेश दर्शन योजना के तहत इसका निर्माण 8 करोड़ रुपए की लागत से कराया जा रहा है, जिसमें जिले की आदिवासी जीवन शैली, कला-संस्कृति पुरातत्व कला को दर्शाया जा रहा है, जो दो महीने में बनकर तैयार हो जाएगा. इसके मुख्य द्वार पर जिले के पुरातात्विक स्थल पर विद्यमान पत्थर की मूर्तियों को ध्यान में रखते हुए उसी शैली में पत्थर की मूर्तियां लगाई जाएगी.

जनजातीय समाज के भोजन का अनूठे स्वाद
इस पर्यटन स्थल में जिले में निवासरत जनजातियों के रहन-सहन, उनकी संस्कृति और कला को संजोकर रखा जाएगा. साथ ही यहां खान-पान में भी जनजातीय समाज के भोजन के अनूठे स्वाद का लुत्फ पर्यटक उठा सकेगें.

पर्यटकों को ठहरने के लिए स्पेशल व्यवस्था
साथ ही समाज द्वारा उत्पादित हस्तशिल्प से जुड़ी वस्तुओं के विक्रय के लिए केन्द्र भी उपलब्ध कराया जाएगा. साथ ही यहां ट्रायबल आर्टिशियन सेंटर, व्याख्यान भवन, कैफेटेरिया, ओपन एमपीथिएटर का निर्माण कराया जा रहा है. कलाकार एवं टूरिस्ट को ठहरने के लिए लकड़ी से बने हट्स का भी निर्माण कराया जा रहा है.

जशपुर: जिले में ट्रायबल टूरिज्म को बढ़ावा देने के उद्देश्य से तकरीबन साढ़े 4 एकड़ के प्लाट पर ट्रायबल टूरिस्ट विलेज बनाया जा रहा है, जिसमें जिले के पुरातत्व, कला-संस्कृति और आदिवासी जीवन शैली की अद्भुत झांकी देखने को मिलेगी.

8 करोड़ की लागत से बन रहा ट्रायबल टूरिस्ट विलेज

शहर से 5 किमी की दूरी पर स्थित बाला छापर गांव में भारत सरकार के स्वदेश दर्शन योजना के तहत इसका निर्माण 8 करोड़ रुपए की लागत से कराया जा रहा है, जिसमें जिले की आदिवासी जीवन शैली, कला-संस्कृति पुरातत्व कला को दर्शाया जा रहा है, जो दो महीने में बनकर तैयार हो जाएगा. इसके मुख्य द्वार पर जिले के पुरातात्विक स्थल पर विद्यमान पत्थर की मूर्तियों को ध्यान में रखते हुए उसी शैली में पत्थर की मूर्तियां लगाई जाएगी.

जनजातीय समाज के भोजन का अनूठे स्वाद
इस पर्यटन स्थल में जिले में निवासरत जनजातियों के रहन-सहन, उनकी संस्कृति और कला को संजोकर रखा जाएगा. साथ ही यहां खान-पान में भी जनजातीय समाज के भोजन के अनूठे स्वाद का लुत्फ पर्यटक उठा सकेगें.

पर्यटकों को ठहरने के लिए स्पेशल व्यवस्था
साथ ही समाज द्वारा उत्पादित हस्तशिल्प से जुड़ी वस्तुओं के विक्रय के लिए केन्द्र भी उपलब्ध कराया जाएगा. साथ ही यहां ट्रायबल आर्टिशियन सेंटर, व्याख्यान भवन, कैफेटेरिया, ओपन एमपीथिएटर का निर्माण कराया जा रहा है. कलाकार एवं टूरिस्ट को ठहरने के लिए लकड़ी से बने हट्स का भी निर्माण कराया जा रहा है.

Intro:जशपुर प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर जशपुर जिले में प्राकृतिक पर्यटन केन्द्रों की भरमार है। जिले में ट्रायबल टूरिज्म को बढ़ावा देने उदेश्य से ट्रायबल टूरिस्ट विलेज करीब साढ़े 4 एकड़ में बनाया जा रहा है, जिसमे जिले के पुरातत्व, कला-संस्कृति एवं आदिवासी जीवन शैली की अद्भुत छटा देखने को मिलेगी। यह ट्रायबल टूरिस्ट विलेज आगामी दो माह में बनकर तैयार हो जाएगा। इसके मुख्य द्वार के निर्माण का कार्य जोर-शोर से चल रहा है।

Body:जशपुर शहर से 5 किलोमीटर की दूरी में पर स्थित बाला छापर ग्राम में भारत सरकार के स्वदेश दर्शन योजना के तहत् इसका निर्माण 8 करोड़ रुपए की लागत से कराया जा रहा है। जिसमे जिले की आदिवासी जीवन शैली कला संस्कृति पुरातत्व को दरसाया जाएगा, यह ट्रायबल टूरिस्ट विलेज आगामी दो माह में बनकर तैयार हो जाएगा। इसके मुख्य द्वार पर जिले के पुरातात्विक स्थल पर विद्यमान पत्थर की मूर्तियों को ध्यान में रखते हुए उसी शैली में  पत्थर की मूर्तियां लगाई जाएगी।

Conclusion:इस मोटल में बाहर से आने वाले पर्यटकों के लिए ऐसा महौल दिया जाएगा,जिससे वे स्वयं को जनजातिय समाज के बीच उपस्थित महसूस कर सके। साथ ही जिले में निवास करने वाली कोरवा, बिरहोर जनजातियों के रहन-सहन, उनकी संस्कृति व कला से पर्यटक इस टूरिस्ट विलेज में रहकर रूबरू करवाया जायेगा एवं यहाँ उपलब्ध खान-पान में भी जनजातिय समाज के भोजन का अनूठे स्वाद का लुत्पु पर्यटक उठा सकेगें। इसके साथ ही समाज द्वारा उत्पादित हस्तशिल्प से जुड़ी वस्तुओं के विक्रय के लिए केन्द्र भी उपल्बध कराया जा सकेगा। यहां ट्रायबल आर्टिशियन सेंटर लग हट्स, व्याख्यान भवन, कैफेटेरिया, ओपन एमपीथिएटर का निर्माण कराया जा रहा है। कलाकार एवं टूरिस्ट को ठहरने के लिए पूर्णत: लकड़ी से निर्मित हट्स का निर्माण पूर्णता की ओर है।

इस ट्रायबल टूरिस्ट विलेज के आस पास लगभग 20 से 25 एकड़ भूमि प्रशासन द्वारा चाय और कॉफी के बागान की भी योजना है,

बाइट निलशे कुमार महादवे क्षीरसागर जशपुर कलेक्टर

तरुण प्रकाश शर्मा
जशपुर
Last Updated : Oct 7, 2019, 11:24 PM IST
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