जशपुर: क्रिसमस का त्यौहार मनाने के लिए हजारों की संख्या में लोग जशपुर के कैथेड्रल ऑफ अवर लेडी ऑफ द रोजरी में इकट्ठे हुए. जो बैठने की क्षमता के मामले में एशिया का दूसरे नंबर का चर्च है. जशपुर के कुनकुरी शहर में स्थित चर्च में लगभग 10000 लोगों को समायोजित करने की क्षमता है. चर्च के बिशप इमैनुएल केरकेट्टा ने बताया कि शनिवार रात जशपुर के कुनकुरी शहर में रोजरी कैथेड्रल की अवर लेडी में ईसाई समुदाय के हजारों लोग एकत्र हुए और रविवार तड़के तक प्रार्थना की. Christmas festival in Asia second largest church
एशिया महाद्वीप का दूसरा सबसे बड़ा चर्च: जशपुर में एशिया महाद्वीप का दूसरा सबसे बड़ा चर्च कुनकुरी के चर्च को माना जाता है. इस चर्च का नाम रोजरी की महारानी चर्च है.जिला मुख्यालय से 50 किलोमीटर दूर कुनकुरी में बसा ये चर्च वास्तुकला का अदभुत नमूना है. क्रिसमस आते ही चर्च की रौनक कई गुना बढ़ जाती है. चर्च की कई विशेषताएं हैं जिसमें सबसे खास बात ये है कि यह विशालकाय भवन केवल एक पिलर पर टिका हुआ है.
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चर्च में 7 अंक का विशेष महत्व: इस भवन में 7 अंक का विशेष महत्व है. इसमें 7 छत और 7 दरवाजे मौजूद है. एशिया का दूसरा सबसे बड़ा चर्च कहलाने वाले इस चर्च में एक साथ 10 हजार श्रद्धालु प्रार्थना कर सकते हैं. क्रिसमस में न केवल देश से ही बल्कि विदेशों से भी लोग यहां पहुंच कर प्रभु इसा मसीह की प्रार्थना करते हैं. ये चर्च धार्मिक सौहार्द का प्रतीक है.
दूर-दूर से आते हैं सैलानी: जशपुर के इस चर्च को देखने के लिए दूर-दूर से सैलानी आते हैं. जिले के कई चर्चों में महीने भर से कैरोल गीत की धुन गूंजा करती है, लेकिन कुनकुरी के चर्च में कैरोल गीत की विशेष धुन मन मोह लेने वाली होती है. यह इस क्षेत्र के इसाई धर्मावलंबियों का मक्का माना जाता है. जहां लाखों की संख्या में लोग चर्च में आते रहते हैं. बेजोड़ वास्तुकला, सुंदरता,भव्यता, प्रार्थना और अपनी आकृति के लिए पूरे देश में विख्यात हैं.