जशपुर: नारायणपुर में सैकड़ों की संख्या में आदिवासी ओरछा मार्ग पर सड़क पर धरने पर बैठे हैं. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रदर्शन कर रहे आदिवासियों पर सवाल उठाए हैं. सीएम ने कहा कि, ' वो वहां कैंप लगाए जाने का विरोध कर रहें हैं और कैंप लगाए जाने का विरोध कौन करता है ?'
बस्तर आईजी सुंदरराज पी ने आदिवासियों से शांति बनाए रखने की अपील की है. ग्रामीण आमादई खदान को केन्द्र सरकार के निक्को कंपनी को लीज पर देने से नाराज हैं. इसके साथ ही वे 6 आदिवासियों की जेल से रिहाई की मांग भी कर रहे हैं. ग्रामीण पुलिस कैंप खोले जाने का भी विरोध कर रहे हैं.
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तहसीलदार से नहीं की बात
इससे पहले आंदोलन कर रहे आदिवासियों से तहसीलदार आशुतोष शर्मा बात करने पहुंचे. उन्होंने आदिवासियों से लिखित में समस्या मांगी और हल करने का आश्वासन दिया. साथ ही तहसीलदार ने कहा कि 10 लोग जाकर जिला मुख्यालय बात कर सकते हैं. इस पर आदिवासियों ने जवाब दिया कि 10 लोग नहीं, जाना होगा तो सभी जाएंगे. ग्रामीणों ने कहा कि वे अधिकारियों को लिखकर थक गए हैं. यहां जनप्रतिनिधि, विधायक, सांसद या मंत्री आएंगे तभी बात बनेगी.
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खदान को लीज पर देने का विरोध
नारायणपुर जिले के आमादई खदान को सरकार ने लीज पर दिया है. निक्को कंपनी जल्द ही खदान शुरू करने की तैयारी कर रही है. ऐसे में आदिवासियों ने खदान शुरू होने से इलाके को नुकसान होने का अंदेशा जाहिर किया है. आंदोलनरत आदिवासियों का कहना है कि खदान के शुरू होने से उनके जल, जंगल और जमीन को भारी नुकसान होगा. वे अपनी धरती को भगवान की तरह मानते हैं. ऐसे में निजी कंपनी के दखल से उनका इलाका सुरक्षित नहीं रहेगा.