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आंदोलन कर रहे आदिवासियों पर सीएम ने उठाए सवाल, 'पुलिस कैंप का विरोध कौन करता है ?'

नारायणपुर जिले के ओरछा मार्ग पर धरने पर बैठे आदिवासियों के मामले में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का बयान सामने आया है.

Chief Minister's statement on the protest demonstration in Narayanpur
नारायणपुर अदिवासी धरना प्रदर्शन को लेकर मुख्यमंत्री का बयान
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Published : Dec 4, 2020, 6:27 PM IST

जशपुर: नारायणपुर में सैकड़ों की संख्या में आदिवासी ओरछा मार्ग पर सड़क पर धरने पर बैठे हैं. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रदर्शन कर रहे आदिवासियों पर सवाल उठाए हैं. सीएम ने कहा कि, ' वो वहां कैंप लगाए जाने का विरोध कर रहें हैं और कैंप लगाए जाने का विरोध कौन करता है ?'

आंदोलन कर रहे आदिवासियों पर सीएम ने उठाए सवाल

बस्तर आईजी सुंदरराज पी ने आदिवासियों से शांति बनाए रखने की अपील की है. ग्रामीण आमादई खदान को केन्द्र सरकार के निक्को कंपनी को लीज पर देने से नाराज हैं. इसके साथ ही वे 6 आदिवासियों की जेल से रिहाई की मांग भी कर रहे हैं. ग्रामीण पुलिस कैंप खोले जाने का भी विरोध कर रहे हैं.

पढ़ें: नारायणपुर: आंदोलन कर रहे आदिवासियों से शांति की अपील, मांगों पर ग्रामीणों के साथ हो सकती है बैठक

तहसीलदार से नहीं की बात

इससे पहले आंदोलन कर रहे आदिवासियों से तहसीलदार आशुतोष शर्मा बात करने पहुंचे. उन्होंने आदिवासियों से लिखित में समस्या मांगी और हल करने का आश्वासन दिया. साथ ही तहसीलदार ने कहा कि 10 लोग जाकर जिला मुख्यालय बात कर सकते हैं. इस पर आदिवासियों ने जवाब दिया कि 10 लोग नहीं, जाना होगा तो सभी जाएंगे. ग्रामीणों ने कहा कि वे अधिकारियों को लिखकर थक गए हैं. यहां जनप्रतिनिधि, विधायक, सांसद या मंत्री आएंगे तभी बात बनेगी.

ये भी पढ़ें: जल-जंगल-जमीन की लड़ाई: पारंपरिक हथियारों के साथ आंदोलन करने निकले हजारों आदिवासी

खदान को लीज पर देने का विरोध

नारायणपुर जिले के आमादई खदान को सरकार ने लीज पर दिया है. निक्को कंपनी जल्द ही खदान शुरू करने की तैयारी कर रही है. ऐसे में आदिवासियों ने खदान शुरू होने से इलाके को नुकसान होने का अंदेशा जाहिर किया है. आंदोलनरत आदिवासियों का कहना है कि खदान के शुरू होने से उनके जल, जंगल और जमीन को भारी नुकसान होगा. वे अपनी धरती को भगवान की तरह मानते हैं. ऐसे में निजी कंपनी के दखल से उनका इलाका सुरक्षित नहीं रहेगा.

जशपुर: नारायणपुर में सैकड़ों की संख्या में आदिवासी ओरछा मार्ग पर सड़क पर धरने पर बैठे हैं. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रदर्शन कर रहे आदिवासियों पर सवाल उठाए हैं. सीएम ने कहा कि, ' वो वहां कैंप लगाए जाने का विरोध कर रहें हैं और कैंप लगाए जाने का विरोध कौन करता है ?'

आंदोलन कर रहे आदिवासियों पर सीएम ने उठाए सवाल

बस्तर आईजी सुंदरराज पी ने आदिवासियों से शांति बनाए रखने की अपील की है. ग्रामीण आमादई खदान को केन्द्र सरकार के निक्को कंपनी को लीज पर देने से नाराज हैं. इसके साथ ही वे 6 आदिवासियों की जेल से रिहाई की मांग भी कर रहे हैं. ग्रामीण पुलिस कैंप खोले जाने का भी विरोध कर रहे हैं.

पढ़ें: नारायणपुर: आंदोलन कर रहे आदिवासियों से शांति की अपील, मांगों पर ग्रामीणों के साथ हो सकती है बैठक

तहसीलदार से नहीं की बात

इससे पहले आंदोलन कर रहे आदिवासियों से तहसीलदार आशुतोष शर्मा बात करने पहुंचे. उन्होंने आदिवासियों से लिखित में समस्या मांगी और हल करने का आश्वासन दिया. साथ ही तहसीलदार ने कहा कि 10 लोग जाकर जिला मुख्यालय बात कर सकते हैं. इस पर आदिवासियों ने जवाब दिया कि 10 लोग नहीं, जाना होगा तो सभी जाएंगे. ग्रामीणों ने कहा कि वे अधिकारियों को लिखकर थक गए हैं. यहां जनप्रतिनिधि, विधायक, सांसद या मंत्री आएंगे तभी बात बनेगी.

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खदान को लीज पर देने का विरोध

नारायणपुर जिले के आमादई खदान को सरकार ने लीज पर दिया है. निक्को कंपनी जल्द ही खदान शुरू करने की तैयारी कर रही है. ऐसे में आदिवासियों ने खदान शुरू होने से इलाके को नुकसान होने का अंदेशा जाहिर किया है. आंदोलनरत आदिवासियों का कहना है कि खदान के शुरू होने से उनके जल, जंगल और जमीन को भारी नुकसान होगा. वे अपनी धरती को भगवान की तरह मानते हैं. ऐसे में निजी कंपनी के दखल से उनका इलाका सुरक्षित नहीं रहेगा.

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