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जशपुर: बहुजन क्रांति मोर्चा ने NPR, NRC के खिलाफ खोला मोर्चा

जशपुर जिला मुख्यालय में बहुजन क्रांति मोर्चा के सेकड़ों कार्यकर्ताओ ने एक दिवसीय धरना प्रदर्शन का केंद्र सरकार के एनआरसी और एनपीआर के खिलाफ जमकर नजरे बाजी की. यहां धरना प्रदर्शन शहर के रणजीता स्टेडियम के पास आयोजती किया गया था.

Bahujan Kranti Morcha opened against NRC NPR IN JASHPUR
बहुजन क्रांति मोर्चा ने किया आंदोलन
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Published : Mar 11, 2020, 8:04 PM IST

जशपुर: जिले में एनपीआर और एनआरसी के विरोध में बहुजन क्रांति मोर्चा ने शहर के रणजीत स्टेडियम के पास धरना प्रदर्शन किया. प्रदर्शनकारियों ने केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की और कलेक्टर को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा है. बहुजन क्रांति मोर्चा के जिला संयोजक ने एनपीआर को देश के मूल निवासियों को देश से बाहर निकालने का षड्यंत्र बताया है. उन्होंने दस्तावेजों को छोड़ डीएनए के आधार पर NRC लागू करने की मांग की है.

NRC, NPR के खिलाफ बहुजन क्रांति मोर्चा का प्रदर्शन

कार्यक्रम में बहुजन क्रांति मोर्चा के जिला संयोजक ने एनपीआर को देश के मूल निवासियों को देश से बाहर निकालने का षड्यंत्र बताया. उन्होंने एनपीआर और एनआरसी का मजबूती से विरोध करने के लिए मोहल्ला समिति गठित करने की बात कही है. आंदोलनकर्ताओं ने दस्तावेजों के आधार को छोड़ कर डीएनए आधारित NRC लागू करने की मांग की है.

यह आंदोलन जिले के सभी जनपदों में आयोजित किया गया. जिसमें एनपीआर और एनआरसी का विरोध किया गया. इनकी प्रमुख मांग है कि, आदिवासी अंचल में 1971 से पहले जन्मे लोगों के कोई दस्तावेज मौजूद नहीं हैं. आंदोलनकारियों ने 18 मार्च तक मांगें पूरी नहीं होने पर जिला स्तर पर उग्र प्रदर्शन की चेतावनी दी है.

जशपुर: जिले में एनपीआर और एनआरसी के विरोध में बहुजन क्रांति मोर्चा ने शहर के रणजीत स्टेडियम के पास धरना प्रदर्शन किया. प्रदर्शनकारियों ने केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की और कलेक्टर को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा है. बहुजन क्रांति मोर्चा के जिला संयोजक ने एनपीआर को देश के मूल निवासियों को देश से बाहर निकालने का षड्यंत्र बताया है. उन्होंने दस्तावेजों को छोड़ डीएनए के आधार पर NRC लागू करने की मांग की है.

NRC, NPR के खिलाफ बहुजन क्रांति मोर्चा का प्रदर्शन

कार्यक्रम में बहुजन क्रांति मोर्चा के जिला संयोजक ने एनपीआर को देश के मूल निवासियों को देश से बाहर निकालने का षड्यंत्र बताया. उन्होंने एनपीआर और एनआरसी का मजबूती से विरोध करने के लिए मोहल्ला समिति गठित करने की बात कही है. आंदोलनकर्ताओं ने दस्तावेजों के आधार को छोड़ कर डीएनए आधारित NRC लागू करने की मांग की है.

यह आंदोलन जिले के सभी जनपदों में आयोजित किया गया. जिसमें एनपीआर और एनआरसी का विरोध किया गया. इनकी प्रमुख मांग है कि, आदिवासी अंचल में 1971 से पहले जन्मे लोगों के कोई दस्तावेज मौजूद नहीं हैं. आंदोलनकारियों ने 18 मार्च तक मांगें पूरी नहीं होने पर जिला स्तर पर उग्र प्रदर्शन की चेतावनी दी है.

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