जांजगीर: इन दिनों बड़ी संख्या में किसान-मजदूर दूसरे राज्यों में फंसे हैं. इस दौरान सभी काम भी बंद हैं. बेरोजगारी की इस हालत में लॉकडाउन की स्थिति से उबरने किसी तरह मजदूर घर वापस लौटना चाहते हैं. मजदूर इस मामले में हेल्पलाइन नंबर पर शिकायत भी कर रहे हैं, लेकिन उनकी समस्या हल न होते देख, वह सोशल मीडिया को अपना जरिया बना रहे हैं. इस मामले में श्रम विभाग का कहना है कि, अब तक उन्होंने 451 शिकायतों को निराकृत कर दिया है, जबकि 25 मामलों में प्रयास जारी है.
छत्तीसगढ़ में बड़े पैमाने पर मजदूरों का पलायन दूसरे राज्यों में होता है. इसमें भी जांजगीर चांपा से सबसे अधिक पलायन होता है. लेकिन लॉकडाउन की स्थिति में वे बेरोजगार हो चुके हैं. दूसरे राज्यों में जाने वाले यह मजदूर लगातार शिकायत कर रहे हैं. उन्हें किसी तरीके से मदद पहुंचाई जाने की मांग कर रहे हैं. ज्यादातर मजदूरों की समस्या है कि उन्हें भोजन और आवास नहीं मिल रहा है. जबकि अधिकांश मजदूर वापस घर आना चाहते हैं.
सोशल मीडिया से लगा रहे मदद की गुहार
ऐसी स्थिति में उनको इस मुसीबत से निकालने के लिए कोई आशा की किरण नजर नहीं आ रही है. इसलिए उन्होंने अपनी समस्या को सोशल मीडिया के माध्यम से हर स्तर पर पहुंचाने के लिए मुहीम छेड़ दी है. बड़ी संख्या में इन मजदूरों ने सोशल मीडिया के जरिए वीडियो जारी किया है. जिसमें वे मदद पहुंचाने की गुहार लगाते हुए दिख रहे हैं. इसमें जांजगीर-चांपा जिले के अकलतरा ब्लॉक के पचरी गांव के रहने वाले प्रताप भारद्वाज ने आवेदन पत्र लिखकर बताया है कि, वे गुजरात के बौठा ग्राम में एक ईट भट्ठे में फंसे हुए हैं. इनकी तादाद 80 से 100 लोगों की बताई है, जो मदद की गुहार लगा रहे है.
25 शिकायतों पर प्रयास जारी है
इस मामले में ETV भारत की टीम ने श्रम विभाग के श्रम पदाधिकारी केके सिंह से बात की. उन्होंने बताया कि अब तक उन्हें 476 शिकायत प्राप्त हो चुकी है. जिसमें से 451 शिकायतें निराकृत कर दी गई है, जबकि 25 पर प्रयास जारी है. लेकिन वास्तविक स्थिति कितना सही है यह पता लगाना मुश्किल है. क्योंकि लगातार इन मजदूरों की समस्याएं सोशल मीडिया में वीडियो के माध्यम से आ रही है.