ETV Bharat / state

सब्जी, फल-फूल सिर्फ खाने के लिए ही नहीं हैं इनसे बनाए जा रहे हर्बल रंग, जानिये कैसे

author img

By

Published : Mar 15, 2022, 7:24 PM IST

Updated : Mar 15, 2022, 7:57 PM IST

जांजगीर चांपा के स्व सहायता समूह की महिलाएं सब्जी, फल और फूल से गुलाल तैयार कर रही है. पलास, गेंदा, गुलाब के फूल, पालक भाजी, लाल भाजी और अलग-अलग तरह की भाजियों से गुलाल तैयार किया जा रहा है. गुलाल त्वचा के लिए नुकसान दायक भी नहीं है और केमिकल युक्त गुलाल से सस्ता भी है.

janjgir champa
सब्जियों से बनाए जा रहे हर्बल रंग

जांजगीर चांपा: होली गुलाल बनाने के लिए कई केमिकल मुक्त वस्तुओं का प्रयोग किया जा रहा है. ऐसे ही जांजगीर चांपा के बम्हनीडीह ब्लॉक के करनौद गांव में स्व सहायता समूह की महिलाएं सब्जियों से गुलाल तैयार कर रही हैं. समूह के सदस्य इसके लिए जी तोड़ मेहनत कर रहे हैं. कोई खेत के मेड़ पर लगे पलाश से फूल एकत्र कर रही हैं तो कोई अपनी बाड़ी में लगी भाजी उबालकर उससे गाढ़ा रंग बना रही हैं. फिर आरारोट और हल्दी मिलाकर रंग तैयार किया जा रहा है. समूह की पुष्प देवांदन ने बताया कि सभी महिला पलाश, गेंदा, गुलाब के फूल, पालक भाजी, लाल भाजी और अलग-अलग तरह की भाजियों को अलग-अलग रंग बनाने में उपयोग में ला रही हैं.

सब्जी, फल-फूल से बन रही हर्बल गुलाल

यह भी पढ़ें: Holi Special Recipe : क्या आप भी होली में गुजिया खाना करते हैं पसंद, तो इस रेसिपी को एक बार जरूर करें ट्राई

वैसे तो पालक भाजी और लाल भाजी की सब्जी खाने से पौष्टिक आहार और विटामिन प्रोटीन मिलता है. यह स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है. पलाश के फूल, गेंदा फूल और गुलाब फूल को सजाने के लिए उपयोग में लाया जाता है. चीकू को फल के रूप में उपयोग किया जाता है, लेकिन होली पर इन भाजी और फल-फूल से गुलाल बनाने का काम किया जा रहा है. गुलाल त्वचा के लिए नुकसानदायक भी नहीं है और केमिकल युक्त गुलाल से सस्ता भी.


कैसे बनता है भाजी, फल-फूल से गुलाल
लाल, हरा, नीला पीला, गुलाबी और सफेद रंग का गुलाल. जी हां ये रंग भाजी, फूल और फल से निकल रहे हैं. समूह की पुष्प देवांदन ने बताया कि सभी महिला पलाश, गेंदा, गुलाब के फूल और पालक भाजी, लाल भाजी और अलग अलग तरह की भाजियों को अलग-अलग रंग बनाने में उपयोग में ला रही हैं.

यू ट्यूब से मिला आइडिया
समूह की सदस्य पुष्पा देवांगन ने बताया कि भाजी, फल और फूल से गुलाल बनाने का आइडिया यू ट्यूब देखकर मिला. समूह के सदस्य मिल कर सामान जुटाने लगे और गुलाल बनाने के बाद उसे बम्हनीडीह में बेचा जा रहा है. इसकी कीमत 80 रुपए किलो तक है. इस बार शुरुआत होने के कारण कम मात्रा में गुलाल बनाया गया है. अब इसे आगे बढ़ाया जाएगा.

डाक्टर की सलाह
जिला अस्पताल के सिविल सर्जन अनिल जगत ने बताया कि होली में लोगों को खास सतर्क रहने की जरूरत है. खास कर हार्ड केमिकल युक्त गुलाल के प्रयोग से त्वचा में एलर्जी पैदा हो होती है. ऐसे केमिकल युक्त कलर आंखों के लिए भी नुकसानदायक होते हैं. इसलिए हर्बल गुलाल का उपयोग करने के स्कीन को नुकसान नहीं होगा.

हर्बल गुलाल बना रही एकता स्व.सहायता समूह के अध्यक्ष पुष्पा देवांगन, सचिव राजेश्वरी कुम्हार के साथ समूह के सदस्य अब गुलाल बना कर पैकिंग करने में जुट गई हैं. वहीं लोगों ने हर्बल गुलाल की एडवांस बुकिंग भी कर दी है. महिला समूह ने हर्बल गुलाल बनाने के लिए चुकंदर, लाल भाजी, भुट्टा, पालक भाजी, परसा फूल, गेंदा, गुलाब फूल आदि प्राकृतिक चीजों का उपयोग किया है. इस तरह फल फूल और भाजी से बन रहे गुलाल से जहां महिला समूह को रोजगार का साधन मिल गया है, वहीं होली खेलने के बाद भी लोगों के चेहरे खिले-खिले नजर आएंगे.

जांजगीर चांपा: होली गुलाल बनाने के लिए कई केमिकल मुक्त वस्तुओं का प्रयोग किया जा रहा है. ऐसे ही जांजगीर चांपा के बम्हनीडीह ब्लॉक के करनौद गांव में स्व सहायता समूह की महिलाएं सब्जियों से गुलाल तैयार कर रही हैं. समूह के सदस्य इसके लिए जी तोड़ मेहनत कर रहे हैं. कोई खेत के मेड़ पर लगे पलाश से फूल एकत्र कर रही हैं तो कोई अपनी बाड़ी में लगी भाजी उबालकर उससे गाढ़ा रंग बना रही हैं. फिर आरारोट और हल्दी मिलाकर रंग तैयार किया जा रहा है. समूह की पुष्प देवांदन ने बताया कि सभी महिला पलाश, गेंदा, गुलाब के फूल, पालक भाजी, लाल भाजी और अलग-अलग तरह की भाजियों को अलग-अलग रंग बनाने में उपयोग में ला रही हैं.

सब्जी, फल-फूल से बन रही हर्बल गुलाल

यह भी पढ़ें: Holi Special Recipe : क्या आप भी होली में गुजिया खाना करते हैं पसंद, तो इस रेसिपी को एक बार जरूर करें ट्राई

वैसे तो पालक भाजी और लाल भाजी की सब्जी खाने से पौष्टिक आहार और विटामिन प्रोटीन मिलता है. यह स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है. पलाश के फूल, गेंदा फूल और गुलाब फूल को सजाने के लिए उपयोग में लाया जाता है. चीकू को फल के रूप में उपयोग किया जाता है, लेकिन होली पर इन भाजी और फल-फूल से गुलाल बनाने का काम किया जा रहा है. गुलाल त्वचा के लिए नुकसानदायक भी नहीं है और केमिकल युक्त गुलाल से सस्ता भी.


कैसे बनता है भाजी, फल-फूल से गुलाल
लाल, हरा, नीला पीला, गुलाबी और सफेद रंग का गुलाल. जी हां ये रंग भाजी, फूल और फल से निकल रहे हैं. समूह की पुष्प देवांदन ने बताया कि सभी महिला पलाश, गेंदा, गुलाब के फूल और पालक भाजी, लाल भाजी और अलग अलग तरह की भाजियों को अलग-अलग रंग बनाने में उपयोग में ला रही हैं.

यू ट्यूब से मिला आइडिया
समूह की सदस्य पुष्पा देवांगन ने बताया कि भाजी, फल और फूल से गुलाल बनाने का आइडिया यू ट्यूब देखकर मिला. समूह के सदस्य मिल कर सामान जुटाने लगे और गुलाल बनाने के बाद उसे बम्हनीडीह में बेचा जा रहा है. इसकी कीमत 80 रुपए किलो तक है. इस बार शुरुआत होने के कारण कम मात्रा में गुलाल बनाया गया है. अब इसे आगे बढ़ाया जाएगा.

डाक्टर की सलाह
जिला अस्पताल के सिविल सर्जन अनिल जगत ने बताया कि होली में लोगों को खास सतर्क रहने की जरूरत है. खास कर हार्ड केमिकल युक्त गुलाल के प्रयोग से त्वचा में एलर्जी पैदा हो होती है. ऐसे केमिकल युक्त कलर आंखों के लिए भी नुकसानदायक होते हैं. इसलिए हर्बल गुलाल का उपयोग करने के स्कीन को नुकसान नहीं होगा.

हर्बल गुलाल बना रही एकता स्व.सहायता समूह के अध्यक्ष पुष्पा देवांगन, सचिव राजेश्वरी कुम्हार के साथ समूह के सदस्य अब गुलाल बना कर पैकिंग करने में जुट गई हैं. वहीं लोगों ने हर्बल गुलाल की एडवांस बुकिंग भी कर दी है. महिला समूह ने हर्बल गुलाल बनाने के लिए चुकंदर, लाल भाजी, भुट्टा, पालक भाजी, परसा फूल, गेंदा, गुलाब फूल आदि प्राकृतिक चीजों का उपयोग किया है. इस तरह फल फूल और भाजी से बन रहे गुलाल से जहां महिला समूह को रोजगार का साधन मिल गया है, वहीं होली खेलने के बाद भी लोगों के चेहरे खिले-खिले नजर आएंगे.

Last Updated : Mar 15, 2022, 7:57 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.