जांजगीर-चांपा : जिले के 5 संग्रहण केंद्रों में रखा लगभग 1 लाख 70 हजार क्विंटल धान लापरवाही की भेंट चढ़ रहा है. धान को बारिश से बचाने के लिए केंद्र ने कोई उपाय नहीं किया है, जिससे 42 करोड़ 50 लाख रुपए के इस धान पर खतरा मंडरा रहा है.
संग्रहण केन्द्रों में बदहाली का मंजर कुछ ऐसा है कि बारिश में भीगने के बाद धान अंकुरित भी होने लगे हैं, बावजूद इसके धान को ढंकने या बचाने का कोई उपाय नहीं किया जा रहा है, जिससे करोड़ों का नुकसान हो सकता है.
बता दें कि, जिले में धान की रिकॉर्ड पैदावारी हुई है. वहीं खरीदे गए धान का उठाव मार्कफेड संग्रहण केन्द्रों से नहीं कर पा रहा है. अभी भी जिले में पांच संग्रहण केंद्र में 1 लाख 70 हजार क्विंटल से अधिक धान का उठाव शेष है. इसके उठाव के लिए मार्कफेड गंभीर नजर नहीं आ रहा है, जबकि लगातार बारिश होने और धान को सुरक्षित न रखने से धान भीग रहा है.