ETV Bharat / state

jagdalpur girl two uterus found: जगदलपुर में 13 साल की बच्ची के शरीर में मिले दो गर्भाशय, चिकित्सक भी हैरान - जगदलपुर बच्ची दो गर्भाशय

jagdalpur girl two uterus found: जगदलपुर में 13 साल की बच्ची के शरीर में दो गर्भाशय मिला है, जिसे जानकर चिकित्सक भी हैरान हैं.

jagdalpur girl two uterus found
जगदलपुर बच्ची दो गर्भाशय
author img

By

Published : Feb 26, 2022, 10:24 PM IST

जगदलपुर: महिलाओं के शरीर में पाई जानी वाली गर्भाशय एक अत्यंत ही महत्वपूर्ण अंग है, जिससे किसी महिला को मां बनने का सुख प्राप्त होता है. सामान्यतः सभी महिलाओं में केवल एक ही गर्भाशय होती है. हालांकि कभी-कभी उसी गर्भाशय में विभिन्न प्रकार की विकृतियां उत्पन्न हो जाती हैं. कुछ इस तरह की एक विकृति का पता रेडियोलॉजी स्पेशलिस्ट डॉ मनीष मेश्राम ने सोनोग्राफी में लगाया.

13 वर्षीय बच्ची के दो गर्भाशय

22 फरवरी को कोटपाड इलाके से एक 13 वर्षीय बच्ची हर माह की मासिकधर्म ना होने और उस दौरान दर्द होने की समस्या लेकर जगदलपुर नगर के वाइजैग डायग्नोस्टिक सेंटर में आई. सोनोग्राफी जांच के दौरान डॉ मनीष मेश्राम ने निरीक्षण में पाया कि मरीज के शरीर में दो गर्भाशय (jagdalpur girl two uterus found) हैं. जिसे चिकिस्तकीय भाषा में गर्भाशय डाइडेलफिस कहते हैं. साथ ही डॉ. मेश्राम ने यह भी पता लगाया कि मरीज के मासिक धर्म के रक्त प्रवाह की नलिका भी अवरुद्ध हो चुकी है, जिसके कारण नलिका में एक बड़ा सा रक्त का थक्का जमा हुआ है. इससे मासिक धर्म के दौरान रक्त प्रवाह न होने व दर्द के कारणों का पता चल सका. यह प्रकृति में बहुत ही कम पायी जानी वाली विकृति है.

इस विसंगति के कारण अज्ञात, कोई लक्षण नहीं होता मौजूद

इस विषय में डॉ मेश्राम ने बताया इस विसंगति का कारण तो नहीं बता सकता लेकिन कोई लक्षण मौजूद नहीं होते हैं. इसलिए कई महिलाओं को यह ज्ञात ही नहीं रहता कि उन्हें यह बीमारी भी है. लेकिन इसके होने की प्रक्रिया को समझा जा चुका है.महिला भ्रूण विकास के दौरान गर्भाशाय दो अलग-अलग भागों में बनता है, जो की आगे चलकर भ्रूण विकास के भिन्न चरणों में परस्पर जुड़ जाते हैं. कुछ महिला के भ्रूण विकास प्रक्रिया में दोनों भाग नहीं जुड़ पाते. दो गर्भाशय की जन्मजात विकृति विकसित हो जाती है. हालांकि इस प्रक्रिया में कई अन्य प्रकार की भी विकृतियां होती है. किंतु इस अंक में केवल गर्भाशय डाइडेलफिस के बारे में बताया गया है.

ये हैं गर्भाशय डाइडेलफिस की समस्याएं

डॉ. मेश्राम ने बताया कि अलग-अलग मरीजों को परिस्थितनुसार विभिन्न समस्याएं हो सकती है, जिसमें मासिकधर्म का ना होना एवं दर्द का होना, अनियमित मासिकधर्म, गर्भ धारण न होना अथवा बार-बार गर्भपात होने जैसी समस्याएं शामिल हैं. हालांकि कई महिलाओं को किसी प्रकार की बड़ी समस्या नहीं होती. महिला के गर्भ धारण के पश्चात सोनोग्राफी द्वारा इस विकृति का पता चलता है.

यह भी पढ़ें: कोरिया एसईसीएल बिल्डिंग की दीवारों में दरारें टूटकर गिरते हैं छत के टुकड़े, कोई सुध लेने वाला नहीं...

क्या दो गर्भाशय विकृति में गर्भधारण किया जा सकता है?

डॉ. मेश्राम के अनुसार पूर्व विभिन्न चिकित्सकीय आंकड़ों से यह ज्ञात है कि दो गर्भाशय वाली महिलाओं में गर्भधारण हुआ है. स्वस्थ बच्चे का जन्म भी हुआ है. प्रश्न यह भी है कि क्या दोनों गर्भाशय में एक साथ बच्चे हो सकते है? हालांकि दोनों गर्भाशय में गर्भ धारण हो सकते है किंतु सामान्यतः किसी एक गर्भाशय के भ्रूण का स्वतः ही गर्भपात हो जाता है और बहुत ही कम परिस्थिति में दोनों भ्रूण का विकास होना और उनका जन्म होना भी पाया गया है.

निदान व सावधानियां

यदि कोई लक्षण मौजूद नहीं हैं और प्रजनन क्षमता और गर्भावस्था के साथ कोई जटिलता नहीं है तो किसी भी सर्जिकल उपचार की आवश्यकता नहीं है. गर्भवती महिलाओं के लिए सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि दो गर्भाशय वाली विकृति को याद रखें कि यह स्थिति उच्च जोखिम वाली गर्भावस्था की श्रेणी में आती है. इसका मतलब है कि किसी भी गर्भावस्था से जुड़ी सभी सामान्य सुरक्षा सावधानियों का कड़ाई से पालन किया जाना चाहिए. अब जबकि इस केस में मरीज के गर्भाशय की विकृति का समय रहते पता लगाया जा चुका है तो वर्तमान उपचार के अलावा मरीज के विवाह के बाद गर्भ धारण करने से पूर्व इस मरीज द्वारा ऐतिहातन तौर पर वर्तमान में किए गए सोनोग्राफी के रिपोर्ट की सहायता से संभावित आवश्यक चिकित्सकीय जांच एवं उपचार कराकर स्वस्थ गर्भ धारण किया जा सकता है, जो उनके दाम्पत्य जीवन को खुशियों से भर देगा.

जगदलपुर: महिलाओं के शरीर में पाई जानी वाली गर्भाशय एक अत्यंत ही महत्वपूर्ण अंग है, जिससे किसी महिला को मां बनने का सुख प्राप्त होता है. सामान्यतः सभी महिलाओं में केवल एक ही गर्भाशय होती है. हालांकि कभी-कभी उसी गर्भाशय में विभिन्न प्रकार की विकृतियां उत्पन्न हो जाती हैं. कुछ इस तरह की एक विकृति का पता रेडियोलॉजी स्पेशलिस्ट डॉ मनीष मेश्राम ने सोनोग्राफी में लगाया.

13 वर्षीय बच्ची के दो गर्भाशय

22 फरवरी को कोटपाड इलाके से एक 13 वर्षीय बच्ची हर माह की मासिकधर्म ना होने और उस दौरान दर्द होने की समस्या लेकर जगदलपुर नगर के वाइजैग डायग्नोस्टिक सेंटर में आई. सोनोग्राफी जांच के दौरान डॉ मनीष मेश्राम ने निरीक्षण में पाया कि मरीज के शरीर में दो गर्भाशय (jagdalpur girl two uterus found) हैं. जिसे चिकिस्तकीय भाषा में गर्भाशय डाइडेलफिस कहते हैं. साथ ही डॉ. मेश्राम ने यह भी पता लगाया कि मरीज के मासिक धर्म के रक्त प्रवाह की नलिका भी अवरुद्ध हो चुकी है, जिसके कारण नलिका में एक बड़ा सा रक्त का थक्का जमा हुआ है. इससे मासिक धर्म के दौरान रक्त प्रवाह न होने व दर्द के कारणों का पता चल सका. यह प्रकृति में बहुत ही कम पायी जानी वाली विकृति है.

इस विसंगति के कारण अज्ञात, कोई लक्षण नहीं होता मौजूद

इस विषय में डॉ मेश्राम ने बताया इस विसंगति का कारण तो नहीं बता सकता लेकिन कोई लक्षण मौजूद नहीं होते हैं. इसलिए कई महिलाओं को यह ज्ञात ही नहीं रहता कि उन्हें यह बीमारी भी है. लेकिन इसके होने की प्रक्रिया को समझा जा चुका है.महिला भ्रूण विकास के दौरान गर्भाशाय दो अलग-अलग भागों में बनता है, जो की आगे चलकर भ्रूण विकास के भिन्न चरणों में परस्पर जुड़ जाते हैं. कुछ महिला के भ्रूण विकास प्रक्रिया में दोनों भाग नहीं जुड़ पाते. दो गर्भाशय की जन्मजात विकृति विकसित हो जाती है. हालांकि इस प्रक्रिया में कई अन्य प्रकार की भी विकृतियां होती है. किंतु इस अंक में केवल गर्भाशय डाइडेलफिस के बारे में बताया गया है.

ये हैं गर्भाशय डाइडेलफिस की समस्याएं

डॉ. मेश्राम ने बताया कि अलग-अलग मरीजों को परिस्थितनुसार विभिन्न समस्याएं हो सकती है, जिसमें मासिकधर्म का ना होना एवं दर्द का होना, अनियमित मासिकधर्म, गर्भ धारण न होना अथवा बार-बार गर्भपात होने जैसी समस्याएं शामिल हैं. हालांकि कई महिलाओं को किसी प्रकार की बड़ी समस्या नहीं होती. महिला के गर्भ धारण के पश्चात सोनोग्राफी द्वारा इस विकृति का पता चलता है.

यह भी पढ़ें: कोरिया एसईसीएल बिल्डिंग की दीवारों में दरारें टूटकर गिरते हैं छत के टुकड़े, कोई सुध लेने वाला नहीं...

क्या दो गर्भाशय विकृति में गर्भधारण किया जा सकता है?

डॉ. मेश्राम के अनुसार पूर्व विभिन्न चिकित्सकीय आंकड़ों से यह ज्ञात है कि दो गर्भाशय वाली महिलाओं में गर्भधारण हुआ है. स्वस्थ बच्चे का जन्म भी हुआ है. प्रश्न यह भी है कि क्या दोनों गर्भाशय में एक साथ बच्चे हो सकते है? हालांकि दोनों गर्भाशय में गर्भ धारण हो सकते है किंतु सामान्यतः किसी एक गर्भाशय के भ्रूण का स्वतः ही गर्भपात हो जाता है और बहुत ही कम परिस्थिति में दोनों भ्रूण का विकास होना और उनका जन्म होना भी पाया गया है.

निदान व सावधानियां

यदि कोई लक्षण मौजूद नहीं हैं और प्रजनन क्षमता और गर्भावस्था के साथ कोई जटिलता नहीं है तो किसी भी सर्जिकल उपचार की आवश्यकता नहीं है. गर्भवती महिलाओं के लिए सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि दो गर्भाशय वाली विकृति को याद रखें कि यह स्थिति उच्च जोखिम वाली गर्भावस्था की श्रेणी में आती है. इसका मतलब है कि किसी भी गर्भावस्था से जुड़ी सभी सामान्य सुरक्षा सावधानियों का कड़ाई से पालन किया जाना चाहिए. अब जबकि इस केस में मरीज के गर्भाशय की विकृति का समय रहते पता लगाया जा चुका है तो वर्तमान उपचार के अलावा मरीज के विवाह के बाद गर्भ धारण करने से पूर्व इस मरीज द्वारा ऐतिहातन तौर पर वर्तमान में किए गए सोनोग्राफी के रिपोर्ट की सहायता से संभावित आवश्यक चिकित्सकीय जांच एवं उपचार कराकर स्वस्थ गर्भ धारण किया जा सकता है, जो उनके दाम्पत्य जीवन को खुशियों से भर देगा.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.