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कोरोना काल में युवाओं ने संभाली मोहल्ला क्लास की कमान, दे रहे अपना बहुमूल्य योगदान

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Published : Oct 14, 2020, 5:01 PM IST

Updated : Oct 14, 2020, 7:44 PM IST

कोरोना के कारण इन दिनों स्कूलों में जहां ताले लटके हुए हैं. वहीं जांजगीर-चांपा के गांव-गांव में पढ़े लिखे युवाओं ने पढ़ई तुंहर दुआर अभियान के अंतर्गत संचालित मोहल्ला क्लास की कमान संभाली है. जो लगातार चौपाल लगाकर कक्षावार और विषयवार बच्चों को समूह में बांटकर पढ़ाई करा रहे हैं.

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मोहल्ला क्लास के जरिए बच्चों को मिल रही शिक्षा

जांजगीर-चांपा: कोरोना काल के कारण जहां प्रदेश भर के स्कूलों को बंद रखा गया है. वहीं जिले के गांव-गांव में पढ़े-लिखे युवाओं ने नन्हे बच्चों को पढ़ाने का बीड़ा उठाया है. प्रदेश सरकार के पढ़ई तुंहर दुआर अभियान के तहत गांवों में मोहल्ला क्लास शुरू किया गया है, जिसके तहत पढ़े-लिखे युवा बच्चों को चौपाल लगाकर पढ़ा रहे हैं.

कोरोना काल में युवाओं ने संभाली मोहल्ला क्लास की कमान

कोरोना के नियंत्रण के मद्देनजर प्रदेशभर के स्कूलों को सरकार ने बंद करने का फैसला लिया था, लेकिन कोरोना संक्रमण के लगातार बढ़ते प्रकोप की वजह से स्कूल 8 महीने बाद भी नहीं खुल पाई है. जिससे बच्चों की पढ़ाई पर बुरा असर न पड़े इसलिए सरकार ने पढ़ई तुंहर दुआर अभियान शुरू किया. साथ ही अभिभावकों को जागरूक करते हुए मोहल्ला क्लास की शुरूआत की गई है, जिससे बच्चों को लगातार शिक्षा मिलती रहे. इस अभियान के तहत मालखरौदा ब्लॉक के भेड़ीकोना ग्राम पंचायत के शिक्षित युवा स्कूली बच्चों को निशुल्क शिक्षा दे रहे हैं, जो एक सराहनीय कदम है.

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मोहल्ला क्लास के जरिए बच्चों को मिल रही शिक्षा

पढ़ें: कवर्धा के इस गांव में खास है मोहल्ला क्लास, बूढ़े बरगद की छांव में बैठकर पढ़ाई का मजा !

जिला शिक्षा विभाग ने पढ़ई तुहर दुआर अभियान के तहत गांव की चौपालों में पढ़ाई कराने के निर्देश दिए थे. तब से शासकीय प्राथमिक शाला और शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला के शिक्षक गांव के चौपाल और बरामदे में बच्चों को पढ़ाई करा रहे हैं. इसमें गांव के युवा पीढ़ी भी शिक्षकों का साथ दे रहे हैं. भेड़ीकोना गांव के 15 से ज्यादा शिक्षित युवक और युवतियां छोटे-छोटे नौनिहालों को कक्षा पहली से पांचवीं और छठवीं से आठवीं तक की पढ़ाई करा रहे हैं. इन मोहल्ला क्लास में पढ़ा रहे युवक-युवतियों का कहना है कि जब से स्कूल बंद हुआ है, तब से वे गांव के बच्चों को गांव के अलग-अलग मोहल्ले और बरामदे में बैठाकर रोज पढ़ाई करवा रहे हैं. मोहल्ला क्लास के तहत बच्चों को पढ़ाने वाले युवाओं में तुलसी साहू, लक्ष्मी साहू, बबलू साहू, राजकुमार साहू, सूरज केवट, लक्ष्मण साहू, इंद्र साहू, विकास साहू, मुकेश साहू, उषा साहू, प्रेम लाल साहू, अशोक साहू और तेजराम साहू सहित गांव के कई युवक-युवतियां शामिल है.

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मोहल्ला क्लास के जरिए बच्चों को मिल रही शिक्षा

हर हफ्ते लिया जा रहा है टेस्ट

ये युवक-युवतियां मोहल्ला क्लास लगाकर कक्षावार और विषयवार बच्चों को समूह में बांटकर पढ़ाई करा रहे हैं. साथ ही बच्चों को होमवर्क भी दिया जा रहा है और कक्षा में फेस टू फेस प्रश्न भी पूछे जा रहे हैं. स्कूली बच्चों को अंग्रेजी गणित, विज्ञान और हिंदी विषय की पढ़ाई में विशेष जोर दिया जा रहा है. वहीं सामान्य ज्ञान के साथ ही हर हफ्ते टेस्ट भी लिया जा रहा है.

88 से ज्यादा बच्चे कर रहे हैं नियमित रूप से पढ़ाई

इस मोहल्ला क्लास में करीब 88 से ज्यादा बच्चे नियमित रूप से पढ़ने आ रहे हैं. जिन्हें सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क लगाकर पढ़ाया जा रहा है. साथ ही बच्चों को कोविड-19 संक्रमण के बचाव के लिए मास्क के महत्व को बताया जा रहा है. युवा रोजाना सुबह 9 से 12 बजे तक नियमित क्लास ले रहे हैं. वहीं पढ़ाई कराने के बाद शाम को बच्चों को गांव में ट्यूशन भी निशुल्क दिया जा रहा है. गांव के युवा वर्ग बच्चों को पढ़ाकर शिक्षा को आगे बढ़ा रहे हैं. इसके साथ ही दूसरे युवाओं को भी इसके लिए प्रेरित कर रहे हैं.

हर साल जून-जुलाई से शुरू हो जाता था स्कूल

शिक्षा सत्र हर साल जून-जुलाई से शुरू हो जाता है, लेकिन इस बार वैश्विक महामारी कोरोना की वजह से स्कूल समय पर शुरू नहीं हो पाया है. वहीं राज्य शासन ने छात्रों की शिक्षा को सुचारू तरीके से जारी रखने के लिए पढ़ई तुंहर दुआर योजनाओं के जरिए ऑनलाइन पढ़ाई कराने का काम शुरू किया है, जिससे उनकी पढ़ाई में किसी तरह की कोई परेशानी न आए.

जांजगीर-चांपा: कोरोना काल के कारण जहां प्रदेश भर के स्कूलों को बंद रखा गया है. वहीं जिले के गांव-गांव में पढ़े-लिखे युवाओं ने नन्हे बच्चों को पढ़ाने का बीड़ा उठाया है. प्रदेश सरकार के पढ़ई तुंहर दुआर अभियान के तहत गांवों में मोहल्ला क्लास शुरू किया गया है, जिसके तहत पढ़े-लिखे युवा बच्चों को चौपाल लगाकर पढ़ा रहे हैं.

कोरोना काल में युवाओं ने संभाली मोहल्ला क्लास की कमान

कोरोना के नियंत्रण के मद्देनजर प्रदेशभर के स्कूलों को सरकार ने बंद करने का फैसला लिया था, लेकिन कोरोना संक्रमण के लगातार बढ़ते प्रकोप की वजह से स्कूल 8 महीने बाद भी नहीं खुल पाई है. जिससे बच्चों की पढ़ाई पर बुरा असर न पड़े इसलिए सरकार ने पढ़ई तुंहर दुआर अभियान शुरू किया. साथ ही अभिभावकों को जागरूक करते हुए मोहल्ला क्लास की शुरूआत की गई है, जिससे बच्चों को लगातार शिक्षा मिलती रहे. इस अभियान के तहत मालखरौदा ब्लॉक के भेड़ीकोना ग्राम पंचायत के शिक्षित युवा स्कूली बच्चों को निशुल्क शिक्षा दे रहे हैं, जो एक सराहनीय कदम है.

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मोहल्ला क्लास के जरिए बच्चों को मिल रही शिक्षा

पढ़ें: कवर्धा के इस गांव में खास है मोहल्ला क्लास, बूढ़े बरगद की छांव में बैठकर पढ़ाई का मजा !

जिला शिक्षा विभाग ने पढ़ई तुहर दुआर अभियान के तहत गांव की चौपालों में पढ़ाई कराने के निर्देश दिए थे. तब से शासकीय प्राथमिक शाला और शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला के शिक्षक गांव के चौपाल और बरामदे में बच्चों को पढ़ाई करा रहे हैं. इसमें गांव के युवा पीढ़ी भी शिक्षकों का साथ दे रहे हैं. भेड़ीकोना गांव के 15 से ज्यादा शिक्षित युवक और युवतियां छोटे-छोटे नौनिहालों को कक्षा पहली से पांचवीं और छठवीं से आठवीं तक की पढ़ाई करा रहे हैं. इन मोहल्ला क्लास में पढ़ा रहे युवक-युवतियों का कहना है कि जब से स्कूल बंद हुआ है, तब से वे गांव के बच्चों को गांव के अलग-अलग मोहल्ले और बरामदे में बैठाकर रोज पढ़ाई करवा रहे हैं. मोहल्ला क्लास के तहत बच्चों को पढ़ाने वाले युवाओं में तुलसी साहू, लक्ष्मी साहू, बबलू साहू, राजकुमार साहू, सूरज केवट, लक्ष्मण साहू, इंद्र साहू, विकास साहू, मुकेश साहू, उषा साहू, प्रेम लाल साहू, अशोक साहू और तेजराम साहू सहित गांव के कई युवक-युवतियां शामिल है.

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मोहल्ला क्लास के जरिए बच्चों को मिल रही शिक्षा

हर हफ्ते लिया जा रहा है टेस्ट

ये युवक-युवतियां मोहल्ला क्लास लगाकर कक्षावार और विषयवार बच्चों को समूह में बांटकर पढ़ाई करा रहे हैं. साथ ही बच्चों को होमवर्क भी दिया जा रहा है और कक्षा में फेस टू फेस प्रश्न भी पूछे जा रहे हैं. स्कूली बच्चों को अंग्रेजी गणित, विज्ञान और हिंदी विषय की पढ़ाई में विशेष जोर दिया जा रहा है. वहीं सामान्य ज्ञान के साथ ही हर हफ्ते टेस्ट भी लिया जा रहा है.

88 से ज्यादा बच्चे कर रहे हैं नियमित रूप से पढ़ाई

इस मोहल्ला क्लास में करीब 88 से ज्यादा बच्चे नियमित रूप से पढ़ने आ रहे हैं. जिन्हें सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क लगाकर पढ़ाया जा रहा है. साथ ही बच्चों को कोविड-19 संक्रमण के बचाव के लिए मास्क के महत्व को बताया जा रहा है. युवा रोजाना सुबह 9 से 12 बजे तक नियमित क्लास ले रहे हैं. वहीं पढ़ाई कराने के बाद शाम को बच्चों को गांव में ट्यूशन भी निशुल्क दिया जा रहा है. गांव के युवा वर्ग बच्चों को पढ़ाकर शिक्षा को आगे बढ़ा रहे हैं. इसके साथ ही दूसरे युवाओं को भी इसके लिए प्रेरित कर रहे हैं.

हर साल जून-जुलाई से शुरू हो जाता था स्कूल

शिक्षा सत्र हर साल जून-जुलाई से शुरू हो जाता है, लेकिन इस बार वैश्विक महामारी कोरोना की वजह से स्कूल समय पर शुरू नहीं हो पाया है. वहीं राज्य शासन ने छात्रों की शिक्षा को सुचारू तरीके से जारी रखने के लिए पढ़ई तुंहर दुआर योजनाओं के जरिए ऑनलाइन पढ़ाई कराने का काम शुरू किया है, जिससे उनकी पढ़ाई में किसी तरह की कोई परेशानी न आए.

Last Updated : Oct 14, 2020, 7:44 PM IST
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