जांजगीर चांपा : आज नाग पंचमी (Naagpanchami 2022) है ,हिन्दू रीति के अनुसार इस दिन सांप को दूध और लाई खिलाने से नाग सबकी रक्षा करते (Snake charmers earn on NaagPanchami day in Janjgir Champa)हैं. इसी भावना को लेकर गांव-गांव में आज जमीन पर कुदाल नही चलाया जाता. बल्कि किसान अपने घर से कटोरे में दूध लाई लेकर खेत जाते हैं और नाग के लिए रख कर आते हैं. ,लेकिन नागपंचमी ( janjgir champa naagpanchami) के दिन कुछ लोग सांप को पिटारा में बंद कर उसका प्रदर्शन करते हैं और पैसा जुटाने का काम करते(Nag Panchami festival in Janjgir Champa) हैं.
शहर में घूम रहे सपेरे : नागपंचमी के दिन सपेरों की भी खूब चांदी होती है.ऐसे ही एक सपेरे से हमारी मुलाकात (Nag Panchami Puja at Janjgir Champa) हुई. सपेरे ने बताया कि वो मड़वारानी से आया है. इसके पास दो नाग थे. जिनमें से एक डोमी और दूसरा गौहा था. ऐसा बताया गया कि गौहा काफी जहरीला नाग है.लेकिन बच्चों के कारण सपेरे ने इसके दांत निकाल दिए हैं. ताकि वो किसी को नुकसान ना पहुंचाए.फिलहाल दोनों ही नाग काफी सुस्त दिखाई दिए. सपेरे की माने तो सांपों को विशेष तौर पर नागपंचमी के लिए पकड़ा गया है. पंचमी के बाद इन्हें जंगल में छोड़ दिया जाएगा.क्योंकि आज के दिन सांपों का दर्शन कराने के बाद जो कुछ पैसे इन्हें मिलते हैं उन्हीं से ये अपने परिवार का पेट पालते हैं.
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नागों को रेस्क्यू करने वाली टीम सक्रिय : वहीं दूसरी तरफ शहर में नागों को रेस्क्यू करने वाली टीम सक्रिया है. जो लोगों को नागों को दूध नहीं पिलाने और ना मारने की सलाह लोगों को दे रहे हैं. जांजगीर जिला मुख्यालय में सर्प रेस्क्यू करने वाले टिंकू शुक्ला ने बताया कि '' कोई भी सांप किसी को नुकसान नहीं पहुंचाता, लेकिन जब उसको अपनी जान खतरे में नजर आती है तो बचाव के लिए हमला करता है.जांजगीर के अधिकांश घरों से जहरीले सांपों का सफल रेस्क्यू किया गया है.ताकि सांप या किसी परिवार को कोई हानि ना पहुंचे.''