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जांजगीर-चांपा : मकान के लिए भटक रहे जरूरतमंद, विभाग ने गुमनाम लोगों को अलॉट कर दिए पीएम आवास - PM awas yojna Scheme

पीएम आवास बनाने के लिए 81 हितग्राहियों को मंजूरी दी गई है, लेकिन हितग्राहियों को जमीन पर खोजना अधिकारियों के लिए ही चुनौती हो गई है.

81 मकान हितग्राही के बिना गुमनाम
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Published : Sep 20, 2019, 9:03 PM IST

जांजगीर-चाम्पा : प्रधानमंत्री आवास से मिलने वाले मकान के लिए लोगों भटकते देखा होगा, लेकिन क्या आपने कभी ये सुना कि जिनके नाम पर मकान की मंजूरी दी गई हो, वही गुमनाम हो गया है. जांजगीर नैला में कुछ ऐसा ही मामला सामने आया है.

81 मकान हितग्राही के बिना गुमनाम

अब आप सोच रहे होंगे कि आखिर ये मामला क्या है, तो हम आपको बता दें कि जिला मुख्यालय में पीएम आवास बनाने के लिए 81 ऐसे हितग्राहियों को मंजूरी दी गई है, जिन्हे ढूंढते-ढूंढते नगरपालिका के मैदानी अमले के पसीने छूट रहे हैं. ऐसे में मंजूरी मिलने के बाद भी इन मकानों का निर्माण अटका हुआ है. वहीं दूसरी ओर जरूरतमंद अब भी पीएम आवास के लिए भटक रहे हैं.

तकनीकी गलतियां बता कर किया गलत अटैचमेंट
जब इस मामले में ETV भारत ने नगर पंचायत सीएमओ से बातचीत की तो उन्होंने खुद की गलती बताने के बजाए इसे तकनीकी गलतियां बता कर गलत अटैचमेंट का नाम दे दिया. वहीं 81 लोगों के फर्जी नाम मिलने से कई तरह के सवाल उठ रहे हैं, माना जा रहा है कि पीएम आवास में बड़ी धांधली की कोशिश असफल हो गई है. जबकि आगे की जांच में ही वास्तविक स्थिति का खुलासा हो पायेगा.

क्या है मामला
बता दें कि जिला मुख्यालय जांजगीर में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मकान बनाने का काम कछुआ गति से चल रहा है, जबकि योजना की शुरुआत हुए 2 साल से ज्यादा हो गए हैं. अब तक केवल 126 मकान ही बन पाए हैं 140 अब भी निर्माणाधीन है. जबकि शासन की ओर से 738 हितग्राहियों के नाम पीएम आवास बनाने की मंजूरी मिल चुकी है, लेकिन इसके बाद भी 472 मकानों की नींव तक नहीं रखी जा सकी है. इनमें से 81 मकानों का निर्माण गतल अटैचमेंट की वजह से रुका हुआ है. वहीं 391 आवास शुरू नही होने के पीछे नामांतरण, बंटवारा 1984 का पट्टा नवीनीकरण नहीं होना बताया जा रहा है.

जांजगीर-चाम्पा : प्रधानमंत्री आवास से मिलने वाले मकान के लिए लोगों भटकते देखा होगा, लेकिन क्या आपने कभी ये सुना कि जिनके नाम पर मकान की मंजूरी दी गई हो, वही गुमनाम हो गया है. जांजगीर नैला में कुछ ऐसा ही मामला सामने आया है.

81 मकान हितग्राही के बिना गुमनाम

अब आप सोच रहे होंगे कि आखिर ये मामला क्या है, तो हम आपको बता दें कि जिला मुख्यालय में पीएम आवास बनाने के लिए 81 ऐसे हितग्राहियों को मंजूरी दी गई है, जिन्हे ढूंढते-ढूंढते नगरपालिका के मैदानी अमले के पसीने छूट रहे हैं. ऐसे में मंजूरी मिलने के बाद भी इन मकानों का निर्माण अटका हुआ है. वहीं दूसरी ओर जरूरतमंद अब भी पीएम आवास के लिए भटक रहे हैं.

तकनीकी गलतियां बता कर किया गलत अटैचमेंट
जब इस मामले में ETV भारत ने नगर पंचायत सीएमओ से बातचीत की तो उन्होंने खुद की गलती बताने के बजाए इसे तकनीकी गलतियां बता कर गलत अटैचमेंट का नाम दे दिया. वहीं 81 लोगों के फर्जी नाम मिलने से कई तरह के सवाल उठ रहे हैं, माना जा रहा है कि पीएम आवास में बड़ी धांधली की कोशिश असफल हो गई है. जबकि आगे की जांच में ही वास्तविक स्थिति का खुलासा हो पायेगा.

क्या है मामला
बता दें कि जिला मुख्यालय जांजगीर में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मकान बनाने का काम कछुआ गति से चल रहा है, जबकि योजना की शुरुआत हुए 2 साल से ज्यादा हो गए हैं. अब तक केवल 126 मकान ही बन पाए हैं 140 अब भी निर्माणाधीन है. जबकि शासन की ओर से 738 हितग्राहियों के नाम पीएम आवास बनाने की मंजूरी मिल चुकी है, लेकिन इसके बाद भी 472 मकानों की नींव तक नहीं रखी जा सकी है. इनमें से 81 मकानों का निर्माण गतल अटैचमेंट की वजह से रुका हुआ है. वहीं 391 आवास शुरू नही होने के पीछे नामांतरण, बंटवारा 1984 का पट्टा नवीनीकरण नहीं होना बताया जा रहा है.

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पीएम आवास उन्हें मिला जिनका अता-पता नहीं 
81 पीएम आवास की मंजूरी निकली फर्जी ,बड़े घोटाले को अंजाम दिए जाने की आशंका
नगर में खाक छाननेे के बाद भी नहीं मिल रहे यह हितग्राही, अफसर कह रहे रांगअटैचमेंटintro- जांजगीर चाम्पा जिले के नगर पालिका जांजगीर नैला में पीएम आवास योजना मे गड़बड़ी का खेल चल रहा है, एक तरफ पीएम आवास पाने के लिए लोग चक्कर लगाने मजबूर हो रहे हैं तो दूसरी और जिला मुख्यालय में पीएम आवास बनाने के लिए 81 ऐसे हितग्राहियों को मंजूरी दी गई है जिस नाम के व्यक्ति नगर पालिका क्षेत्र में ढूंढने से नहीं मिल रहे हैं। इन हितग्राहियों को ढूंढते-ढूंढते नगरपालिका के मैदानी अमले के पसीने छूट रहे हैं, ऐसे में मंजूरी मिलने के बाद भी इतने मकानों का निर्माण अटका पड़ा है। इधर नगर पालिका के जिम्मेदारी इसेे अपनी गलती बताने के बजाय तकनीकी त्रुटि बताते हुए रांग अटैचमेंट का नाम दे रहे हैं। लेकिन 81 लोगों के फर्जी नाम मिलने से कई तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं। माना जा रहा है कि पीएम आवास में बड़ी धांधली की कोशिश असफल हो गई है।

Body:गौरतलब है कि जिला मुख्यालय जांजगीर में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मकान बनाने का काम कछुआ गति से चल रहा है जबकि योजना की शुरुआत हुए 2 साल से ज्यादा हो गए हैं मगर अब तक केवल 126 मकान ही पूर्ण हो पाए हैं तो 140 निर्माणाधीन है, जबकि शासन से अब तक 738 हितग्राहियों के नाम पीएम आवास बनाने की मंजूरी मिल चुकी है मगर मंजूरी मिलने के बाद भी 472 मकानों की नींव तक नही रखी जा सकती है इनमें से 81 मकानों का निर्माण तो केवल अटैचमेंट की वजह से रुका हुआ है जबकि 391 शुरू नही होने के पीछे नामांतरण, बंटवारा 1984 का पट्टा नवीनीकरण नही होना बताया जा रहा है। इस मामले मेे नगर पंचायत सीएमओ से बात करने पर त्रुटी की बात कह रहे हैं जबकि आगे की जांच होती है तो वास्तविक स्थिति का खुलासा हो पायेगा।बाईट-1 मनोज सिंह मुख्य नगर पालिका अधिकारी जांजगीर-चांपा

Conclusion:.
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