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शिवरीनारायण को रामायण सर्किट में नहीं जोड़ने पर साधु-संत नाराज

जांजगीर चांपा जिले के साधु-संतों ने केन्द्र सरकार से शिवरीनारायण को रामायण सर्किट से जोड़ने की मांग की है.

शिवरीनारायण को रामायण सर्किट में नहीं जोड़ने पर साधु-संत हुए नाराज
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Published : Sep 27, 2019, 3:18 PM IST

Updated : Sep 27, 2019, 8:56 PM IST

जांजगीर-चांपा: शिवरीनारायण को रामायण सर्किट में शामिल नहीं किए जाने से साधु-संत नाराज बताये जा रहे हैं. साधु-संतों ने केंद्र सरकार से शिवरीनारायण को रामायण सर्किट में जोड़ने की मांग कर रहे हैं.

वीडियो.

शिवरीनारायण के महंत रामसुंदर दास के सहयोगी रामेश्वरदास त्यागी ने कहा कि, शिवरीनारायण को टेंपल सिटी घोषित किया गया है, लेकिन इस टेंपल सिटी को लेकर आज तक कुछ भी प्रगति का कार्य नहीं किया गया है और न ही पर्यटकों की सुविधा को लेकर कोई काम किए गए हैं.

रामेश्वरदास त्यागी ने रामायण सर्किट मैप में शिवरीनारायण को जोड़ने के लिए केन्द्र सरकार से मांग की है. इसके अलावा अन्य साधु-संतों ने भी केन्द्र और राज्य सरकार से अनुरोध किया है कि, इस क्षेत्र को पर्यटन मानचित्र पर विशेष जोर देने की जरूरत है.

सबरी ने भगवान राम को खिलाए थे बेर
सबरी के नाम पर ही जिले का नाम शिवरीनारायण पड़ा है. स्थानीय मान्यता के मुताबिक यहां पर वनवास के दौरान भगवान राम का आगमन हुआ था, जहां माता सबरी ने भगवान राम को बेर खिलाए थे.

टेंपल सिटी घोषित है शिवरीनारायण
यहां मौजूद लक्ष्मणेश्वर मंदिर और शबरी मंदिर में माघ में हर साल मेला लगता है. यही कारण है कि राज्य सरकार ने इसे टेंपल सिटी घोषित किया है, लेकिन इसके अनुरूप अब तक एक भी काम नहीं किया गया है. केन्द्र के रामायण सर्किट निर्माण में शिवरीनारायण का उल्लेख नहीं किया गया है.

जांजगीर-चांपा: शिवरीनारायण को रामायण सर्किट में शामिल नहीं किए जाने से साधु-संत नाराज बताये जा रहे हैं. साधु-संतों ने केंद्र सरकार से शिवरीनारायण को रामायण सर्किट में जोड़ने की मांग कर रहे हैं.

वीडियो.

शिवरीनारायण के महंत रामसुंदर दास के सहयोगी रामेश्वरदास त्यागी ने कहा कि, शिवरीनारायण को टेंपल सिटी घोषित किया गया है, लेकिन इस टेंपल सिटी को लेकर आज तक कुछ भी प्रगति का कार्य नहीं किया गया है और न ही पर्यटकों की सुविधा को लेकर कोई काम किए गए हैं.

रामेश्वरदास त्यागी ने रामायण सर्किट मैप में शिवरीनारायण को जोड़ने के लिए केन्द्र सरकार से मांग की है. इसके अलावा अन्य साधु-संतों ने भी केन्द्र और राज्य सरकार से अनुरोध किया है कि, इस क्षेत्र को पर्यटन मानचित्र पर विशेष जोर देने की जरूरत है.

सबरी ने भगवान राम को खिलाए थे बेर
सबरी के नाम पर ही जिले का नाम शिवरीनारायण पड़ा है. स्थानीय मान्यता के मुताबिक यहां पर वनवास के दौरान भगवान राम का आगमन हुआ था, जहां माता सबरी ने भगवान राम को बेर खिलाए थे.

टेंपल सिटी घोषित है शिवरीनारायण
यहां मौजूद लक्ष्मणेश्वर मंदिर और शबरी मंदिर में माघ में हर साल मेला लगता है. यही कारण है कि राज्य सरकार ने इसे टेंपल सिटी घोषित किया है, लेकिन इसके अनुरूप अब तक एक भी काम नहीं किया गया है. केन्द्र के रामायण सर्किट निर्माण में शिवरीनारायण का उल्लेख नहीं किया गया है.

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0 शिवरीनारायण को रामायण सर्किट से जोड़ने की मांग
0 माता शबरी से यही मिले थे श्रीराम-लक्ष्मण
0 शबरी मंदिर के साधु-संतो ने शिवरीनारायण की उपेक्षा का लगाया आरोप
0आज विश्व पर्यटन दिवस पर राज्य व केन्द्र सरकार से लगाया गुहार

इंट्रो-आज विश्वपर्यावरण दिवस पर छत्तीसगढ़ के शिवरीनारायण को रामायण सर्किट से जोड़ने की मांग उठी है। यहां के साधु-संतों ने इस बात को लेकर दुख प्रकट किया है कि, शिवरीनारायण को रामायण सर्किट में शामिल नहीं किया गया है। जबकि यहां पर महानदी के किनारे स्थित सबरी मंदिर में राज्य और राज्य से बाहर के लोगों को बड़ी आस्था है। यहां के महंत रामसुंदर दास जी के सहयोगी रामेश्वरदास त्यागी ने इस संबंध में कहा कि, शिवरीनारायण को टेम्पल सिटी घोषित किया गया है, लेकिन इस टेम्पल सिटी को लेकर आज तक कुछ भी प्रगति के कार्य नहीं किया गया है और न ही पर्यटकों की सुविधा को लेकर कोई काम किये गए हैं। उन्होने केन्द्र सरकार द्वारा रामायण सर्किट मेप में शिवरीनारायण को जोड़ने की मांग की। उसके अलावा अन्य साधु-संतों ने भी केन्द्र व राज्य सरकार से अनुरोध किया है कि, इस क्षेत्र को पर्यटन मानटित्र पर विशेष जोर देने की बात कही है। इसके लिेए राज्य व केन्द्र की सरकार को ध्यान आकृष्ट किया है।दरअसल, सबरी के नाम पर ही प्राचीन काल से शिवरीनारायण नाम इस जगह का है और स्थानीय मान्यता के मुताबिक यहां पर वनवास के दौरान श्रीराम का आगमन शिवरीनारायण में हुआ था। जहां सबरी ने श्रीराम को बेर खिलाए थे। यहां पर ही प्रसिद्ध लक्ष्मणेश्वर मंदिर और शबरी मंदिर जहां माघ महीने में हर साल प्रदेश का सबसे ब़ड़ा मेला लगता है। यही कारण है कि राज्य सरकार ने इसे टेम्पल सिटी घोषित किया हुआ है, लेकिन इसके अनुरुप अब तक काम नहीं हुए हैं। ऊपर से केन्द्र के रामायण सर्किट निर्माण में भी शिवरीनारायण का उल्लेख नहीं होने व राज्य सरकार द्वारा इसका पहल नहीं किए जाने पर भी साधु संत दुखी हैं।

बाइट- भागवत प्रसाद तिवारी, मुख्य पुजारी, श्री शिवरीनारायण धाम मंदिर
बाइट- रामेश्वरदास त्यागी जी महाराज, शिवरीनारायण धाम मठ के सह-महंतBody:.Conclusion:.
Last Updated : Sep 27, 2019, 8:56 PM IST
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