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जांजगीर-चांपा: रोका-छेका अभियान के तहत आयोजन में शामिल हुए ग्रामीण

जांजगीर-चांपा जिले में भी रोका-छेका अभियान की शुरुआत हुई है. बारगांव में रोका-छेका अभियान का आयोजन किया गया. कार्यक्रम के दौरान जनप्रतिनिधि और लोगों ने अभियान के विस्तार को लेकर चर्चा की. इसके साथ खेती-किसानी और फसलों की तैयारी को लेकर भी चर्चा की गई है.

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रोका छेका अभियान के तहत आयोजन
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Published : Jun 20, 2020, 5:17 PM IST

Updated : Jun 20, 2020, 7:36 PM IST

जांजगीर-चांपा: छत्तीसगढ़ में 19 जून से रोका-छेका अभियान की शुरुआत की गई है. अभियान के तहत जांजगीर चांपा के पामगढ़ ब्लॉक के बारगांव ग्राम पंचायत में कार्यक्रम आयोजित किया गया. रोका-छेका अभियान को देखते हुए बड़ी संख्या में जनप्रतिनिधियों के ग्रामीण भी शामिल हुए. पामगढ़ क्षेत्र में रोका-छेका अभियान जैसा महौल बरसात लगने के साथ ही खरीफ सीजन को लेकर शुरू हो जाता है. चरवाहे इसका ध्यान रखते हैं कि फसलों को मवेशियों से नुकसान न पहुंचे. लोगों का मानना है कि शासन के इस अभियान से ऐसी परंपराओं को भी बल मिल सकेगा.

रोका-छेका अभियान

बारगांव में रोका-छेका अभियान के आयोजन में पंचायत के सभी स्तरों के पदाधिकारी जनप्रतिनिधि शामिल हुए. ग्राम सभा का भी आयोजन किया गया. जिसमें स्थानीय निवासी भी बड़ी संख्या में शामिल हुए हैं. बाता दें, भूपेश बघेल सरकार ने महत्वकांक्षी योजना नरवा, गरुवा, घुरवा और बाड़ी के तहत इस अभियान की शुरुआत की है, ताकि फसलों के उत्पादन को बढ़ावा मिल सके. इसके साथ ही मवेशियों को उत्तम व्यवस्था भी मिल सके. क्षेत्र में रोका-छेका अभियान को लेकर लोगों में काफी उत्साह है. कार्यक्रम के दौरान जनप्रतिनिधि और लोगों ने अभियान के विस्तार को लेकर चर्चा की. इसके साथ खेती-किसानी और फसलों की तैयारी को लेकर भी चर्चा की गई है.

पढ़ें: छत्तीसगढ़ में किसी भी तरह के माफिया को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा: सीएम भूपेश बघेल

क्या है रोका छेका अभियान ?

शासन ने फसलों को मवेशियों से बचाने के लिए 20 हजार गांवों में गोबर गैस, जैविक खाद प्रोसेसिंग की योजना बनाई है. इसके लिए रोका-छेका अभियान चलाया जा रहा है. इसके जरिए शहरों और गांव की सड़कों से पशुओं को गौठानों में पहुंचाने की तैयारी है. ताकि लोगों को रोजगार मिल सके और फसलों के साथ प्रदेश में पशुधन को भी सुरक्षित रखा जा सके.

जांजगीर-चांपा: छत्तीसगढ़ में 19 जून से रोका-छेका अभियान की शुरुआत की गई है. अभियान के तहत जांजगीर चांपा के पामगढ़ ब्लॉक के बारगांव ग्राम पंचायत में कार्यक्रम आयोजित किया गया. रोका-छेका अभियान को देखते हुए बड़ी संख्या में जनप्रतिनिधियों के ग्रामीण भी शामिल हुए. पामगढ़ क्षेत्र में रोका-छेका अभियान जैसा महौल बरसात लगने के साथ ही खरीफ सीजन को लेकर शुरू हो जाता है. चरवाहे इसका ध्यान रखते हैं कि फसलों को मवेशियों से नुकसान न पहुंचे. लोगों का मानना है कि शासन के इस अभियान से ऐसी परंपराओं को भी बल मिल सकेगा.

रोका-छेका अभियान

बारगांव में रोका-छेका अभियान के आयोजन में पंचायत के सभी स्तरों के पदाधिकारी जनप्रतिनिधि शामिल हुए. ग्राम सभा का भी आयोजन किया गया. जिसमें स्थानीय निवासी भी बड़ी संख्या में शामिल हुए हैं. बाता दें, भूपेश बघेल सरकार ने महत्वकांक्षी योजना नरवा, गरुवा, घुरवा और बाड़ी के तहत इस अभियान की शुरुआत की है, ताकि फसलों के उत्पादन को बढ़ावा मिल सके. इसके साथ ही मवेशियों को उत्तम व्यवस्था भी मिल सके. क्षेत्र में रोका-छेका अभियान को लेकर लोगों में काफी उत्साह है. कार्यक्रम के दौरान जनप्रतिनिधि और लोगों ने अभियान के विस्तार को लेकर चर्चा की. इसके साथ खेती-किसानी और फसलों की तैयारी को लेकर भी चर्चा की गई है.

पढ़ें: छत्तीसगढ़ में किसी भी तरह के माफिया को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा: सीएम भूपेश बघेल

क्या है रोका छेका अभियान ?

शासन ने फसलों को मवेशियों से बचाने के लिए 20 हजार गांवों में गोबर गैस, जैविक खाद प्रोसेसिंग की योजना बनाई है. इसके लिए रोका-छेका अभियान चलाया जा रहा है. इसके जरिए शहरों और गांव की सड़कों से पशुओं को गौठानों में पहुंचाने की तैयारी है. ताकि लोगों को रोजगार मिल सके और फसलों के साथ प्रदेश में पशुधन को भी सुरक्षित रखा जा सके.

Last Updated : Jun 20, 2020, 7:36 PM IST
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