जांजगीर चांपा: सड़क हादसों में लगातार हो रहे इजाफे को लेकर सरकार और पुलिस दोनों परेशान है. सड़क हादसों को कम करने के लिए लगातार सड़क सुरक्षा अभियान और जागरुकता से जुड़े अभियान चलाए जा रहे हैं. बावजूद इसके सड़क हादसों में मरने वालों की संख्या कम होने का नाम नहीं ले रही है. आंकड़ों में बात करें तो दुनियाभर में जितनी सड़कें हैं उसका 16 फीसदी हिस्सा सिर्फ भारत में है. भारत में सड़क हादसों में होने वाली मौतों का आंकड़ा 32 फीसदी है. यानि कि दुनिया में अगर सड़क हादसों में 100 लोगों की मौत होती है तो उसका 32 फीसदी हिस्सा सिर्फ भारत में होता है.
सड़क सुरक्षा माह का आयोजन: सड़क हादसों में कमी लाने के लिए पुलिस ने कंट्रोल रुम परिसर में सड़क सुरक्षा माह का आयोजन किया. आयोजन में कलेक्टर आकाशा छिकारा और एसपी विजय अग्रवाल भी शामिल हुए. ड्राइवरों को बताया गया कि वो सड़कों पर गाड़ी खड़ी नहीं करें. ज्यादातर हादसे इस वजह से होते हैं कि लोग सड़कों पर गाड़ी लगाकर छोड़ देते हैं. अकेले जांजगीर चांपा में बीते एक साल में 185 लोगों की जान सड़क हादसों में हो गई.
हादसे के पीछे की वजह: सड़क हादसों में इजाफा होने की वजहें कई हैं. सबसे बड़ी वजह है बड़ी गाड़ियों को सड़क किनारे छोड़ देना या खड़ा कर देना. सड़क पर खड़ी गाड़ियों की टेल लाइट नहीं जली होती है जिससे दूसरी गाड़ियां टकरा जाती हैं. पुलिस का कहना है कि गाड़ियों के पीछे खासकर ट्रैक्टर जैसे वाहनों के पीछे रिफलेक्ट जरूर लगाना चाहिए. दो पहिया वाहन चालकों को हेलमेट जरूर पहनना चाहिए चाहे नजदीक में ही क्यों नहीं जा रहे हों.