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जांजगीर चांपा में मिला दो मुंह वाला दुर्लभ सांप, लोगों ने की पूजा-अर्चना

जांजगीर चांपा में दो मुंह वाला दुर्लभ सांप मिला है. सांप को देखकर ग्रामीणों की भीड़ जुट गई. ग्रामीणों ने सांप की पूजा अर्चना की. फिर उसे जंगल में छोड़ (Rare two faced snake found in Janjgir Champa) दिया.

Rare two faced snake
दो मुंह वाला दुर्लभ सांप
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Published : Jun 17, 2022, 9:29 PM IST

Updated : Jun 17, 2022, 10:31 PM IST

जांजगीर चांपा: जांजगीर-चांपा जिले के बलौदा क्षेत्र के ग्राम शनिचरीडीह में दो मुंह चांर आंख वाला दुर्लभ सांप पाया गया (Rare two faced snake found in Janjgir Champa) है, जिसे देखने के लिए ग्रामीणों की भीड़ उमड़ गई. ग्रामीणों का कहना है कि ऐसा सांप उन्होंने पहली बार देखा है.

ग्रामीणों ने सांप को जंगल में छोड़ दिया: दरअसल, गुरुवार सुबह 10 बजे ग्राम शनिचरीडीह के ग्रामीणों को परदेशी कंवर के घर के आंगन में दो मुंह वाले सांप के निकलने की खबर मिली. तब देखते ही देखते परदेशी के घर में ग्रामीणों की भीड़ जुट गई. ग्रामीणों ने श्रद्धा जताते हुए पैसे चढ़ाए और अगरबत्ती भी जलाई. शुक्रवार की सुबह उसे जंगल में छोड़ दिया गया है. पर्यावरणविदों की मानें तो दो मुंह वाला सांप काफी दुर्लभ होता है. यह सांप धीरे-धीरे चलता है, जिसकी वजह से इसका जीवन खतरे में होता है. इसका कभी भी शिकार होने का खतरा हमेशा बना रहता है.

जांजगीर चांपा में मिला दो मुंह वाला दुर्लभ सांप

यह भी पढ़ें: VIRAL VIDEO: सरगुजा में नाग ने निगल लिया खुद से बड़ा सांप

लाखों में एक होता है दो मुंह वाला सांप: जानकारों की मानें तो दो मुंह वाला सांप लाखों में एक होता है. इसका दो मुंहा होना गर्भ के दौरान ही विशेष परिस्थितियों में निर्धारित होता है. दो मुंह वाले ऐसे सांपों का जीवन काल बहुत छोटा होता है. ऐसे सांपों को दोनों मुंह से खाना खाना पड़ता है. मगर पेट एक ही होता है, ऐसे में ये सांप ज्यादा वक्त तक जिंदा नहीं रह पातेे हैं. दो मुंह वाला सांप तभी हो सकता है जब एक इंडिविजुअल अंडा फजिर्टलाईज्ड हो जाता है और जुड़वा होने के लिए अलग होना शुरू हो जाता है लेकिन वह पूरी तरह से अलग नहीं हो पाता.

यहां पाया जाता है ये सांप: इसे जानकार रेड सैंड बोआ सांप भी कहते हैं. रेड सैंड बोआ सांप रेतीले इलाके में पाया जाता है. भारत के मरुस्थलीय इलाके यानी राजस्थान में लाल रंग का एक खास सांप पाया जाता है. स्थानीय भाषा में इसे दोमुंहा सांप भी कहते हैं. इसकी लगातार घटती संख्या को देखते हुए भारत सरकार ने इसे दुर्लभ प्रजाति की सूची में रखा है. इसके बावजूद आए दिन इसकी तस्करी की बात सामने आती है. जानकार बताते हैं कि रेड सैंड बोआ रेतीली जमीन पर पाए जाने वाला शांत प्रवृत्ति का सांप होता है. जिसे भारत में दोमुंहा सांप भी कहते हैं. छत्तीसगढ़ी भाषा में इस सांप को लोग मुसलेड़ी भी कहते हैं. ये छोटे आकार का होता है.

जांजगीर चांपा: जांजगीर-चांपा जिले के बलौदा क्षेत्र के ग्राम शनिचरीडीह में दो मुंह चांर आंख वाला दुर्लभ सांप पाया गया (Rare two faced snake found in Janjgir Champa) है, जिसे देखने के लिए ग्रामीणों की भीड़ उमड़ गई. ग्रामीणों का कहना है कि ऐसा सांप उन्होंने पहली बार देखा है.

ग्रामीणों ने सांप को जंगल में छोड़ दिया: दरअसल, गुरुवार सुबह 10 बजे ग्राम शनिचरीडीह के ग्रामीणों को परदेशी कंवर के घर के आंगन में दो मुंह वाले सांप के निकलने की खबर मिली. तब देखते ही देखते परदेशी के घर में ग्रामीणों की भीड़ जुट गई. ग्रामीणों ने श्रद्धा जताते हुए पैसे चढ़ाए और अगरबत्ती भी जलाई. शुक्रवार की सुबह उसे जंगल में छोड़ दिया गया है. पर्यावरणविदों की मानें तो दो मुंह वाला सांप काफी दुर्लभ होता है. यह सांप धीरे-धीरे चलता है, जिसकी वजह से इसका जीवन खतरे में होता है. इसका कभी भी शिकार होने का खतरा हमेशा बना रहता है.

जांजगीर चांपा में मिला दो मुंह वाला दुर्लभ सांप

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लाखों में एक होता है दो मुंह वाला सांप: जानकारों की मानें तो दो मुंह वाला सांप लाखों में एक होता है. इसका दो मुंहा होना गर्भ के दौरान ही विशेष परिस्थितियों में निर्धारित होता है. दो मुंह वाले ऐसे सांपों का जीवन काल बहुत छोटा होता है. ऐसे सांपों को दोनों मुंह से खाना खाना पड़ता है. मगर पेट एक ही होता है, ऐसे में ये सांप ज्यादा वक्त तक जिंदा नहीं रह पातेे हैं. दो मुंह वाला सांप तभी हो सकता है जब एक इंडिविजुअल अंडा फजिर्टलाईज्ड हो जाता है और जुड़वा होने के लिए अलग होना शुरू हो जाता है लेकिन वह पूरी तरह से अलग नहीं हो पाता.

यहां पाया जाता है ये सांप: इसे जानकार रेड सैंड बोआ सांप भी कहते हैं. रेड सैंड बोआ सांप रेतीले इलाके में पाया जाता है. भारत के मरुस्थलीय इलाके यानी राजस्थान में लाल रंग का एक खास सांप पाया जाता है. स्थानीय भाषा में इसे दोमुंहा सांप भी कहते हैं. इसकी लगातार घटती संख्या को देखते हुए भारत सरकार ने इसे दुर्लभ प्रजाति की सूची में रखा है. इसके बावजूद आए दिन इसकी तस्करी की बात सामने आती है. जानकार बताते हैं कि रेड सैंड बोआ रेतीली जमीन पर पाए जाने वाला शांत प्रवृत्ति का सांप होता है. जिसे भारत में दोमुंहा सांप भी कहते हैं. छत्तीसगढ़ी भाषा में इस सांप को लोग मुसलेड़ी भी कहते हैं. ये छोटे आकार का होता है.

Last Updated : Jun 17, 2022, 10:31 PM IST

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