जांजगीर-चांपा: प्रदेश में लगातार 3 दिनों से बारिश हो रही है. धान खरीदी शुरू होने के बाद से यह क्रमश: दूसरा मौका है जब इस तरह बेमौसम बारिश हो रही है. बारिश से धान खरीदी तो प्रभावित हो ही रही है, साथ ही बिक चुके धान के रख-रखाव की कमी से बर्बाद हो रहे हैं. जिले के कुछ खरीदी केंद्रों में बारिश से बचाव के उपाय नहीं होने के कारण धान बर्बादी की कगार में पहुंच गए हैं. भीगने के कारण धान अंकुरित होने लगे हैं.
जिला धान के कटोरे का केंद्र बिंदु है, यहां प्रदेश भर में सबसे अधिक धान की पैदावार होती है और ऐसे में अकेले जिले में 80 लाख क्विंटल धान की खरीदी का लक्ष्य रखा गया है, लेकिन खरीदी इससे अधिक होती दिखाई दे रही है. बंपर पैदावार की वजह से यह स्थिति बन गई है कि, धान खरीदी केंद्रों में धान को बारिश से बचाने के उपाय नहीं हो पा रहे हैं और इसकी वजह से धान की बर्बादी हो रही है.
ETV भारत की टीम ने धान खरीदी केंद्रों की तस्वीरें ली हैं, जिसमें साफ देखा जा सकता है कि, धान खरीद केंद्र में न सिर्फ धान भीग गया है,बल्कि धान अंकुरित भी हो रहा है. प्रशासन के निर्देश के बावजूद धान खरीदी केंद्रों में बारिश से बचाव के उपाय नहीं होने के कारण यह नौबत सामने आ रही है. इससे अंदाजा लगाया जा रकता है कि रख-रखाव की कमी से प्रदेश को काफी आर्थिक नुकसान हो रहा है.