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जांजगीर-चांपा: बारिश में भीग रहा धान, खरीद केंद्र प्रबंधन बरत रहा लापरवाही - Paddy in the rain

जांजगीर-चांपा जिला धान के कटोरे का केंद्र बिंदु है यहां प्रदेश भर में सबसे अधिक धान की पैदावार होती है ऐसे में अकेले जिले में 80‌ लाख क्विंटल धान की खरीदी का लक्ष्य रखा गया है. धान खरीदी केंद्रों में धान को बारिश से बचाने के उपाय न होने की वजह से इस बारिश में धान की बर्बादी साफ देखी जा सकती है.

रखरखाव में खरीदी केंद्र बरत रहे लापरवाही
रखरखाव में खरीदी केंद्र बरत रहे लापरवाही
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Published : Feb 7, 2020, 6:09 PM IST

Updated : Feb 7, 2020, 6:15 PM IST

जांजगीर-चांपा: प्रदेश में लगातार 3 दिनों से बारिश हो रही है. धान खरीदी शुरू होने के बाद से यह क्रमश: दूसरा मौका है जब इस तरह बेमौसम बारिश हो रही है. बारिश से धान खरीदी तो प्रभावित हो ही रही है, साथ ही बिक चुके धान के रख-रखाव की कमी से बर्बाद हो रहे हैं. जिले के कुछ खरीदी केंद्रों में बारिश से बचाव के उपाय नहीं होने के कारण धान बर्बादी की कगार में पहुंच गए हैं. भीगने के कारण धान अंकुरित होने लगे हैं.

बारिश में भींग रहा धान

जिला धान के कटोरे का केंद्र बिंदु है, यहां प्रदेश भर में सबसे अधिक धान की पैदावार होती है और ऐसे में अकेले जिले में 80‌ लाख क्विंटल धान की खरीदी का लक्ष्य रखा गया है, लेकिन खरीदी इससे अधिक होती दिखाई दे रही है. बंपर पैदावार की वजह से यह स्थिति बन गई है कि, धान खरीदी केंद्रों में धान को बारिश से बचाने के उपाय नहीं हो पा रहे हैं और इसकी वजह से धान की बर्बादी हो रही है.

खरीदी केंद्र बरत रहे लापरवाही
खरीदी केंद्र बरत रहे लापरवाही

ETV भारत की टीम ने धान खरीदी केंद्रों की तस्वीरें ली हैं, जिसमें साफ देखा जा सकता है कि, धान खरीद केंद्र में न सिर्फ धान भीग गया है,बल्कि धान अंकुरित भी हो रहा है. प्रशासन के निर्देश के बावजूद धान खरीदी केंद्रों में बारिश से बचाव के उपाय नहीं होने के कारण यह नौबत सामने आ रही है. इससे अंदाजा लगाया जा रकता है कि रख-रखाव की कमी से प्रदेश को काफी आर्थिक नुकसान हो रहा है.

बरसात में भीग रहा धान
बरसात में भीग रहा धान

जांजगीर-चांपा: प्रदेश में लगातार 3 दिनों से बारिश हो रही है. धान खरीदी शुरू होने के बाद से यह क्रमश: दूसरा मौका है जब इस तरह बेमौसम बारिश हो रही है. बारिश से धान खरीदी तो प्रभावित हो ही रही है, साथ ही बिक चुके धान के रख-रखाव की कमी से बर्बाद हो रहे हैं. जिले के कुछ खरीदी केंद्रों में बारिश से बचाव के उपाय नहीं होने के कारण धान बर्बादी की कगार में पहुंच गए हैं. भीगने के कारण धान अंकुरित होने लगे हैं.

बारिश में भींग रहा धान

जिला धान के कटोरे का केंद्र बिंदु है, यहां प्रदेश भर में सबसे अधिक धान की पैदावार होती है और ऐसे में अकेले जिले में 80‌ लाख क्विंटल धान की खरीदी का लक्ष्य रखा गया है, लेकिन खरीदी इससे अधिक होती दिखाई दे रही है. बंपर पैदावार की वजह से यह स्थिति बन गई है कि, धान खरीदी केंद्रों में धान को बारिश से बचाने के उपाय नहीं हो पा रहे हैं और इसकी वजह से धान की बर्बादी हो रही है.

खरीदी केंद्र बरत रहे लापरवाही
खरीदी केंद्र बरत रहे लापरवाही

ETV भारत की टीम ने धान खरीदी केंद्रों की तस्वीरें ली हैं, जिसमें साफ देखा जा सकता है कि, धान खरीद केंद्र में न सिर्फ धान भीग गया है,बल्कि धान अंकुरित भी हो रहा है. प्रशासन के निर्देश के बावजूद धान खरीदी केंद्रों में बारिश से बचाव के उपाय नहीं होने के कारण यह नौबत सामने आ रही है. इससे अंदाजा लगाया जा रकता है कि रख-रखाव की कमी से प्रदेश को काफी आर्थिक नुकसान हो रहा है.

बरसात में भीग रहा धान
बरसात में भीग रहा धान
Intro:दो-तीन दिनों की बारिश में धान खरीदी केंद्रों में बर्बादी का मंजर
बारिश से बचाव के नहीं किए गए उपाय
करोड़ों का धान बर्बाद होने के कगार पर
एंकर
जांजगीर-चांपा जिले में बेमौसम बारिश की वजह से धान खरीदी केंद्रों में स्थान को बारिश से बचाव के उपाय नहीं होने के कारण धान बर्बादी की कगार में पहुंच गया हैं । धान खरीदी केंद्रों में धान बारिश से भीगने के कारण अंकुरित होने लगे हैं ।आप समझ सकते हैं कि करोड़ों अरबों का धान अब किस स्थिति में पहुंच गया है।
छत्तीसगढ़ धान का कटोरा भले कहा जाता हो लेकिन जांजगीर-चांपा जिला धान कटोरा का केंद्र बिंदु है जहां पर सबसे अधिक धान का पैदावार होता है अकेले जांजगीर-चांपा जिले में 80‌ लाख क्विंटल धान की खरीदी का लक्ष्य रखा गया है जो कि उससे अधिक होते दिखाई दे रहा है। बंपर पैदावार की वजह से यह स्थिति बन गई है कि धान खरीदी केंद्रों में धान को बारिश से बचाने के उपाय नहीं होने के कारण इस बारिश में धान की बर्बादी साफ देखी जा सकती है। आप तस्वीर में साफ देख सकते हैं कि किस तरीके से न केवल धान भीग गया है। बल्कि धान अंकुरित होना शुरू हो गया है। शासन प्रशासन के निर्देश के बावजूद धान खरीदी केंद्रों में बारिश से बचाव के उपाय नहीं होने के कारण यह नौबत सामने आ रही है । जहां धान का ढेर लगा है ,,वहां पर भी पूरे इंतजाम नहीं किए गए हैं और जमीन में जहां पानी भरा है। वहीं पर धान संग्रहण कर दिया गया है। Body:,,,,,Conclusion:,,,,,
Last Updated : Feb 7, 2020, 6:15 PM IST
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