जांजगीर चांपा : जिले में लगभग 8 दिनों बाद कोरोना पॉजिटिव मरीज सामने आई है. इस बीच महिला 70 लोगों को संपर्क में आई. ऐसे में क्वॉरेंटाइन सेंटर में कोरोना फैलने का खतरा बढ़ गया है, क्योंकि सैंपल लेने के 3 दिन बाद महिला की रिपोर्ट सामने आई है. ऐसे में स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन की व्यवस्था पर एक बार फिर सवाल खड़े हो रहे हैं.
दरअसल, प्रदेश में फिलहाल रायपुर के अलावा बस्तर और रायगढ़ में बीएसएल 2 लैब की स्थापना की गई है. लेकिन जिस तरीके से कोरोना पॉजिटिव केस लगातार बढ़ रहे हैं, उसके बाद इस कोरोना टेस्ट सैंपल लैब की क्षमता को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं. क्योंकि उत्तरी छत्तीसगढ़ में एक भी बीएसएल टू लैब नहीं है. ऐसी स्थिति में इस क्षेत्र से कोरोना वायरस सैंपल भेजे जाने पर लैब में जाम की स्थिति हो जाती है. यही कारण है कि इस दौरान टेस्ट रिपोर्ट आने में देरी होने से संक्रमण का खतरा और बढ़ जाता है. ऐसी ही स्थिति जांजगीर-चांपा जिले के 16वीं कोरोना पॉजिटिव मरीज के साथ हुई.
111 लोगों के सैंपल वेटिंग में थें
कंट्रोल एंड कमांड सेंटर की ओर से जारी की गई रिपोर्ट के मुताबिक शनिवार यानी 30 मई को 2175 लोगों के सैंपल लिए गए. जबकि 111 लोगों के सैंपल वेटिंग में बताए गए थे. रविवार को जब आंकड़े जारी किए गए, तो 2271 लोगों के सैंपल मिलने का आंकड़ा सामने आया. जबकि 200 सैंपल वेटिंग में बताए गए. कुल मिलाकर केवल 7 लोगों के सैंपल की रिपोर्ट रविवार को आई. वहीं शनिवार को 8 सैंपल के रिपोर्ट आई थी.
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महिला कोरोना पॉजिटिव पाई गई
सोमवार को 192 लोगों के सैंपल की रिपोर्ट आई, जिसमें जांजगीर-चांपा में एक महिला कोरोना पॉजिटिव पाई गई. सोमवार से पहले 3 दिन तक टेस्ट किए गए सैंपल वेटिंग में थे. रिपोर्ट 3 दिन बाद मिली इस दौरान पॉजिटिव महिला क्वॉरेंटाइन सेंटर में 70 लोगों के संपर्क में आ गई. जबकि जांच रिपोर्ट टेस्ट के 24 घंटे बाद आ जाती है. फिलहाल कोरोना पॉजिटिव महिला को तुरंत हॉस्पिटल शिफ्ट कर दिया गया है.
ऐसा ही हाल कई अन्य बीएसएल 2 लैब का
- यह स्थिति केवल जांजगीर-चांपा जिले में नहीं है, बल्कि बिलासपुर, अंबिकापुर संभाग में भी यही स्थिति है.
- रायगढ़ में बीएसएल टू लैब है लेकिन इसकी क्षमता काफी कम है.
- बिलासपुर और अंबिकापुर में लैब की स्थापना की जा रही है, लेकिन इस में हो रही देरी से प्रदेश के उत्तरी हिस्से में कोरोना वायरस संक्रमण तेजी से फैल रहा है.
- अब तक बिलासपुर में सबसे अधिक कोरोना पॉजिटिव मरीज सामने आए हैं.
क्या है बीएसएल 2 लैब
छत्तीसगढ़ में एम्स, रायपुर के डॉ. भीमराव अंबेडकर हॉस्पिटल, जगदलपुर और रायगढ़ मेडिकल कॉलेज कोरोना संक्रमित के सैंपलों की जांच हो रही है. जिन मरीजों में कोरोना के लक्षण दिखाई देते हैं, उनका सैम्पल रैपिड किट के माध्यम से लिया जाता है. इन सैम्पल को जांच के लिए बीएसएल 2 लैब में भेजा जाता है. जहां आरटीपीसीआर जांच के बाद मरीज की रिपोर्ट दी जाती है कि मरीज पॉजिटिव है या नहीं.
बता दें जांजगीर की दूरी बिलासपुर से ज्यादा पास है, लेकिन बिलासपुर में बीएसएल 2 लैब नहीं होने की वजह से सैम्पल को रायगढ़ भेजा जाता है. जहां पूरे जिले के सैम्पल की जांच की जाती है. सैम्पल ज्यादा होने की वजह से और दूरी के कारण मरीजों की रिपोर्ट आने में देरी हो जाती है. बता दें बिलासपुर, राजनादगांव और अम्बिकापुर में 3 नए BSL 2 लैब का गठन किया जा रहा है.