जांजगीर-चांपाः छत्तीसगढ़ के सबसे बड़े पॉवर प्लांट केएसके को आर्थिक मंदी का सामना करना पड़ रहा है. प्लांट को सभी तरह की सुविधा मिलने के बाद हड़ताल और विवादों से गुजरना पड़ रहा है. प्लांट में अव्यवस्था और भ्रष्टाचार होने के कारण अब यह बंद होने के कगार पर है. स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने प्लांट को इस स्थिति में पहुंचाने के लिए कंपनी के स्टेक होल्डर्स और केंद्र सरकार के ऊपर आरोप लगा रहे हैं.
स्थानीय जानकारों के मुताबिक प्लांट के वर्तमान स्टेक होल्डर्स ही तमाम अव्यवस्थाओं के लिए जिम्मेदार बताए जा रहे हैं. वर्तमान कंपनी ने बैंक से कर्ज नहीं लौटा पाने की बात कर प्लांट को बैंक के सुपूर्द कर दिया है. इस वजह से रिजर्व बैंक ने प्लांट में नए प्रशासक की नियुक्ति की है. ऐसे में स्टेक होल्डर्स की ओर से बैंक के साथ सेटलमेंट करके प्लांट को औने-पौने दाम पर खरीदे जाने की आशंका जताई जा रही है.
प्लांट को बंद कराने की साजिश
स्थानीय जनप्रतिनिधि ने आरोप लगाया है कि प्लांट को कम दाम पर खरीदने के लिए पहले प्लांट को बंद कराने की साजिश रजी गई. इस कड़ी में 31 मजदूर नेताओं को निलंबित कर मजदूर संगठन को ईधन की तरह इस्तेमाल किया गया. इसके बाद से मजदूर संगठन और प्लांट प्रबंधन के बीच लगातार टकराव देखा गया है. किसी तरह प्लांट के शुरू होने के बाद आर्थिक स्थिति खराब बताकर कंपनी पर कब्जा करने की जुगत लगाई जा रही है.
मजदूर हो रहे हैं परेशान
नए प्रशासक के आने के बाद मार्च 2019 के फाइनेंशियल ईयर में कंपनी को चलाने के साथ नए खरीदार तलाशने की जिम्मेदारी दी गई है. आरोप है कि प्लांट के इन तमाम षड़यंत्रों में काम करने वाले हजारों मजदूरों के परिवार प्रभावित हो रहे हैं. इसके अलावा प्लांट से जुड़े अन्य लोग भी प्रभावित हो रहे हैं.
पहले भी हुआ है ऐसा मामला
कुछ दशक पहले भी क्षेत्र में एक सार्वजनिक सीमेंट प्लांट सीसीआई षड़यंत्र का शिकार हो चुका है. इसका नुकसान स्थानीय लोगों को रोजगार खोकर देना पड़ा था. केएसके प्लांट की ऐसी स्थिति देख स्थानीय लोगों में चिंता का कारण बना हुआ है.
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ETV भारत ने मामले की तह तक जाने के लिए पूरी जानकारी ली और स्थानीय लोगों से पूछताछ कि तो कुछ लोगों ने षड़यंत्र के बारे में खुलकर बोला. वहीं अधिकतर लोग बचते नजर आए.