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KSK पॉवर प्लांट पर ग्रहण, औने-पौने दाम पर खरीदने का षड़यंत्र

केएसके महानदी पॉवर प्लांट में अव्यवस्था और भ्रष्टाचार होने के कारण अब प्लांट बंद होने के कगार पर है. स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने प्लांट को इस स्थिति में पहुंचाने के लिए कंपनी के स्टेक होल्डर्स के ऊपर आरोप लगाया है.

केएसके पॉवर प्लांट षड्यंत्र
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Published : Oct 26, 2019, 12:12 PM IST

Updated : Oct 26, 2019, 2:31 PM IST

जांजगीर-चांपाः छत्तीसगढ़ के सबसे बड़े पॉवर प्लांट केएसके को आर्थिक मंदी का सामना करना पड़ रहा है. प्लांट को सभी तरह की सुविधा मिलने के बाद हड़ताल और विवादों से गुजरना पड़ रहा है. प्लांट में अव्यवस्था और भ्रष्टाचार होने के कारण अब यह बंद होने के कगार पर है. स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने प्लांट को इस स्थिति में पहुंचाने के लिए कंपनी के स्टेक होल्डर्स और केंद्र सरकार के ऊपर आरोप लगा रहे हैं.

केएसके पॉवर प्लांट षड्यंत्र

स्थानीय जानकारों के मुताबिक प्लांट के वर्तमान स्टेक होल्डर्स ही तमाम अव्यवस्थाओं के लिए जिम्मेदार बताए जा रहे हैं. वर्तमान कंपनी ने बैंक से कर्ज नहीं लौटा पाने की बात कर प्लांट को बैंक के सुपूर्द कर दिया है. इस वजह से रिजर्व बैंक ने प्लांट में नए प्रशासक की नियुक्ति की है. ऐसे में स्टेक होल्डर्स की ओर से बैंक के साथ सेटलमेंट करके प्लांट को औने-पौने दाम पर खरीदे जाने की आशंका जताई जा रही है.

प्लांट को बंद कराने की साजिश
स्थानीय जनप्रतिनिधि ने आरोप लगाया है कि प्लांट को कम दाम पर खरीदने के लिए पहले प्लांट को बंद कराने की साजिश रजी गई. इस कड़ी में 31 मजदूर नेताओं को निलंबित कर मजदूर संगठन को ईधन की तरह इस्तेमाल किया गया. इसके बाद से मजदूर संगठन और प्लांट प्रबंधन के बीच लगातार टकराव देखा गया है. किसी तरह प्लांट के शुरू होने के बाद आर्थिक स्थिति खराब बताकर कंपनी पर कब्जा करने की जुगत लगाई जा रही है.

मजदूर हो रहे हैं परेशान
नए प्रशासक के आने के बाद मार्च 2019 के फाइनेंशियल ईयर में कंपनी को चलाने के साथ नए खरीदार तलाशने की जिम्मेदारी दी गई है. आरोप है कि प्लांट के इन तमाम षड़यंत्रों में काम करने वाले हजारों मजदूरों के परिवार प्रभावित हो रहे हैं. इसके अलावा प्लांट से जुड़े अन्य लोग भी प्रभावित हो रहे हैं.

पहले भी हुआ है ऐसा मामला
कुछ दशक पहले भी क्षेत्र में एक सार्वजनिक सीमेंट प्लांट सीसीआई षड़यंत्र का शिकार हो चुका है. इसका नुकसान स्थानीय लोगों को रोजगार खोकर देना पड़ा था. केएसके प्लांट की ऐसी स्थिति देख स्थानीय लोगों में चिंता का कारण बना हुआ है.

पढ़ेंः-रायपुर: तरह-तरह के पटाखों से सजा है बाजार, लेकिन कम हो रही डिमांड

ETV भारत ने मामले की तह तक जाने के लिए पूरी जानकारी ली और स्थानीय लोगों से पूछताछ कि तो कुछ लोगों ने षड़यंत्र के बारे में खुलकर बोला. वहीं अधिकतर लोग बचते नजर आए.

जांजगीर-चांपाः छत्तीसगढ़ के सबसे बड़े पॉवर प्लांट केएसके को आर्थिक मंदी का सामना करना पड़ रहा है. प्लांट को सभी तरह की सुविधा मिलने के बाद हड़ताल और विवादों से गुजरना पड़ रहा है. प्लांट में अव्यवस्था और भ्रष्टाचार होने के कारण अब यह बंद होने के कगार पर है. स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने प्लांट को इस स्थिति में पहुंचाने के लिए कंपनी के स्टेक होल्डर्स और केंद्र सरकार के ऊपर आरोप लगा रहे हैं.

केएसके पॉवर प्लांट षड्यंत्र

स्थानीय जानकारों के मुताबिक प्लांट के वर्तमान स्टेक होल्डर्स ही तमाम अव्यवस्थाओं के लिए जिम्मेदार बताए जा रहे हैं. वर्तमान कंपनी ने बैंक से कर्ज नहीं लौटा पाने की बात कर प्लांट को बैंक के सुपूर्द कर दिया है. इस वजह से रिजर्व बैंक ने प्लांट में नए प्रशासक की नियुक्ति की है. ऐसे में स्टेक होल्डर्स की ओर से बैंक के साथ सेटलमेंट करके प्लांट को औने-पौने दाम पर खरीदे जाने की आशंका जताई जा रही है.

प्लांट को बंद कराने की साजिश
स्थानीय जनप्रतिनिधि ने आरोप लगाया है कि प्लांट को कम दाम पर खरीदने के लिए पहले प्लांट को बंद कराने की साजिश रजी गई. इस कड़ी में 31 मजदूर नेताओं को निलंबित कर मजदूर संगठन को ईधन की तरह इस्तेमाल किया गया. इसके बाद से मजदूर संगठन और प्लांट प्रबंधन के बीच लगातार टकराव देखा गया है. किसी तरह प्लांट के शुरू होने के बाद आर्थिक स्थिति खराब बताकर कंपनी पर कब्जा करने की जुगत लगाई जा रही है.

मजदूर हो रहे हैं परेशान
नए प्रशासक के आने के बाद मार्च 2019 के फाइनेंशियल ईयर में कंपनी को चलाने के साथ नए खरीदार तलाशने की जिम्मेदारी दी गई है. आरोप है कि प्लांट के इन तमाम षड़यंत्रों में काम करने वाले हजारों मजदूरों के परिवार प्रभावित हो रहे हैं. इसके अलावा प्लांट से जुड़े अन्य लोग भी प्रभावित हो रहे हैं.

पहले भी हुआ है ऐसा मामला
कुछ दशक पहले भी क्षेत्र में एक सार्वजनिक सीमेंट प्लांट सीसीआई षड़यंत्र का शिकार हो चुका है. इसका नुकसान स्थानीय लोगों को रोजगार खोकर देना पड़ा था. केएसके प्लांट की ऐसी स्थिति देख स्थानीय लोगों में चिंता का कारण बना हुआ है.

पढ़ेंः-रायपुर: तरह-तरह के पटाखों से सजा है बाजार, लेकिन कम हो रही डिमांड

ETV भारत ने मामले की तह तक जाने के लिए पूरी जानकारी ली और स्थानीय लोगों से पूछताछ कि तो कुछ लोगों ने षड़यंत्र के बारे में खुलकर बोला. वहीं अधिकतर लोग बचते नजर आए.

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Oकेएसके महानदी पावर प्लांट पर है धन पतियों की काली नजर
O औने पौने दाम पर खरीदने का हो रहा है षड्यंत्र Oपावर प्लांट को बंद कराकर रिजर्व बैंक से कम दाम में खरीदने का हो रहा है षड्यंत्र
O केएसके महानदी पावर प्लांट के वर्तमान स्टेकहोल्डर्स, छद्म कंपनी के मार्फत कम दाम पर फिर से खरीद कर इसे कब्जा करने की है कोशिश
O बैंक के वर्तमान देनदारियों से छुटकारा पाने कंपनी के स्टेकहोल्डर्स द्वारा रचा जा रहा है षड्यंत्र
Oधन पतियों द्वारा बैंकों कर्ज से बचने अपनाया जाता है यह अचूक तरीका

इंट्रो-
सरकार द्वारा निवेशकों को आकर्षित करने व उद्योग लगाने के लिए दिए जाने वाले सुविधाओं का बेजा इस्तेमाल किस तरीके से होता है, यह छत्तीसगढ़ के सबसे बड़े पावर प्लांट में देखने को मिल रहा है। तमाम सुविधाओं के बाद आसानी से मिलने वाले बैंक कर्ज से केएसके पावर प्लांट की बड़ी परियोजना शुरू की गई । लेकिन भारी भ्रष्टाचार और अव्यवस्थाओं के चलते पावर प्लांट का भट्ठा बैठ गया है, या कहें जानबूझकर भट्ठा बैठाया गया है। ताकि बैंक से सेटलमेंट के तहत औने-पौने दाम पर कंपनी में वापस कब्जा किया जा सके। स्थानी जानकारों के अनुसार केएसके के पावर प्लांट के वर्तमान स्टेकहोल्डर्स ही तमाम अव्यवस्थाओं के लिए जिम्मेदार हैं। वर्तमान कंपनी ने बैंक से कर्ज नहीं लौटा पाने की बात कर प्लांट को बैंक के सुपुर्द कर दिया है। अब रिजर्व बैंक ने नए प्रशासक की नियुक्ति भी कर दी है। ऐसे में बैंक से सेटलमेंट के तहत पावर प्लांट को औने-पौने दाम में खरीदने का षड्यंत्र हो रहा है। इसके लिए पावर प्लांट को बंद करने की साजिश हो रही है। ताकि प्लांट के लिए बोली कम से कम कीमत में लगे। वर्तमान कंपनी इसके लिए छद्म कंपनी के द्वारा फिर से इस कंपनी पर कब्जा करने की जुगत में दिख रही है । यही कारण है की मजदूर संगठनों को आंदोलन के लिए इंधन दिया जा रहा है । 31 मजदूरों को निलंबित किया जाना भी कंपनी को चपत लगाने की एक कड़ी मानी जा रही है । नए प्रशासक के आने के बाद मार्च तक इस फाइनैंशल ईयर में कंपनी को चलाने और नए खरीददार तलाशने प्रशासक पर जिम्मेदारी होगी। इस सारे षड्यंत्र में पावर प्लांट में काम करने वाले हजारों लोगों के परिवार प्रभावित हो रहे हैं। साथ में प्लांट से जुड़े हुए अन्य लोग भी प्रभावित हुए बिना नहीं रहेंगे। आज से कुछ दशक पहले इस क्षेत्र में सीसीआई सीमेंट प्लांट जिस तरीके से बंद हुई थी, उसी तरह केएसके पावर प्लांट का भी हाल ना हो जाए, इसे लेकर स्थानीय लोगों में भारी चिंताएं देखी जा रही है ।लेकिन इस षड्यंत्र में जिस तरीके से नीचे से लेकर ऊपर तक लोग जुड़े हैं । उससे यह नहीं लगता कि केएसके पावर प्लांट की गति अच्छी होगी। ईटीवी भारत द्वारा इस मामले में पूरी सूचनाएं इकट्ठी करने के बाद कुछ लोग खुलकर प्लांट में हो रहे षड्यंत्र पर बोले जबकि ज्यादातर इस मामले में बचते हुए दिखाई दिए।
बाइट-१ दिनेश शर्मा, पूर्व अध्यक्ष जिला कांग्रेस कमेटी बाइट-२ नारायण चंदेल, पूर्व विधानसभा उपाध्यक्ष एवं विधायक
बाइट-३ जनक प्रसाद पाठक, कलेक्टर, जांजगीर चांपा
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Last Updated : Oct 26, 2019, 2:31 PM IST
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