जांजगीर चांपा: जिले के सूने मकानों में लगातार हो रही चोरी की वारदात ने पुलिस की नींद उड़ा कर रख दी थी. एक के बाद एक थाना क्षेत्रों में हो रहे चोरी की घटना के खुलासे के लिए पुलिस अधीक्षक ने डीएसपी की अगुवाई में टीम गठित की. पुलिस टीम ने पिसोद के देशी शराब दुकान के पास एक संदिग्ध को पकड़ा. तालाशी लेने पर उसके पास बिलासपुर से चोरी हुए कांसे के बर्तन मिले. आरोपी ने जांजगीर चाम्पा जिले के 22 जगहों पर अपने गैंग के साथ चोरी करने की बात कबूल की. उसकी निशानदेही पर गैंग के बाकी के 5 मेंबर और 2 ज्वेलर्स दबोचे गए. आरोपियों से सोने चांदी के जेवर सहित 42 लाख रुपए के सामान बरामद हुए हैं.
कोरबा के रहने वाले हैं पकड़े गए सभी आरोपी: सभी आरोपी कोरबा जिले के रहने वाले हैं और जांजगीर चांपा, रायगढ़, बिलासपुर और बलौदा बाजार में चोरी की घटना को अंजाम दिया था. आरोपियों से पुलिस ने चोरी के सामान के बारे में पूछताछ की. कुछ आभूषण आरोपियों के परिजनों और अन्य सामान कोरबा के हरीश कुमार सोनी और दर्री के वास्तव प्रसाद सोनी से बरामद किया गया. आरोपियों को ज्वेलर्स ने आनलाइन पेमेंट किया था. पुलिस ने आरोपियों से 7 मोबाइल और चोरी की घटना को अंजाम देने के लिए उपयोग कर रहे बाइक को भी बरामद किया है.
Thief gang caught in Durg: सूने मकानों को निशाना बनाने वाला चोर गिरोह पकड़ाया
30 मामले में 24 लाख के सामान और नगदी की जब्त: पुलिस ने आरोपियों से 185 ग्राम सोने के जेवर, जिसकी कीमत 10 लाख रुपए और चांदी के जेवर जिसकी कीमत 3 लाख 80 हजार रुपए बरामद किए हैं. साथ ही 3 स्पीड बाइक, कांसे के बर्तन, नगद 4 लाख 13 हजार रुपए और 7 मोबाइल के साथ ताला तोड़ने के औजार और एयर पिस्टल भी बरामद किया है. पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया है.
इन आरोपियों को किया गया है गिरफ्तार: गिरफ्तार आरोपियों में कोरबा जिला के उरगा थाना क्षेत्र के वासुदेव कुमार और वेद प्रकाश वासुदेव, कोसाबाड़ी के संतोष कुमार और गंझु सिंह, रामपुर कोरबा के भूपेंद्र सिंह राठौर और सुनील मरावी, बुधवारी बाजार से हरिश कुमार मरावी और राजीव नगर दर्री कोरबा के वास्तव प्रसाद सोनी शामिल हैं.
आरोपियों के लिए गए हैं फिंगर प्रिंट: पुलिस अधीक्षक विजय अग्रवाल ने बताया कि "आरोपियों का मुख्य सरगना पहले भी बाइक चोरी के मामले में पकड़ा गया है. जांजगीर पुलिस अब आरोपियों के फिंगर प्रिंट ऑटो मेडेड सिस्टम में लिया जाएगा. डिजिटलाइजेशन और क्लासिफिकेशन कर अपलोड किया जाएगा. अगर ये आरोपी भविष्य में भी कही चोरी या अन्य अपराध में शामिल रहेंगे तो फिंगर प्रिंट से इनकी पहचान हो सकेगी.