जांजगीर चांपा : कांग्रेस ने जांजगीर चांपा विधानसभा क्षेत्र से ब्यास कश्यप को टिकट दिया है.जिसके बाद कार्यकर्ताओं में खुशी की लहर है.ब्यास कश्यप ने टिकट मिलने के बाद नहरिया बाबा हनुमान मंदिर पहुंचे.जहां उन्होंने पूजा अर्चना की.इस दौरान ब्यास कश्यप ने कांग्रेस के नेताओं को धन्यवाद दिया. आपको बता दें कि इस बार जांजगीर चाम्पा विधानसभा में कांग्रेस की टिकट मांगने वालों की लम्बी फेहरिस्त थी.जिसमें जिला पंचायत सदस्य, पूर्व विधायक और संगठन से जुड़े लोगों का नाम था.
जांजगीर में जीत का दावा : जांजगीर चांपा विधानसभा में इस बार प्रत्याशी चयन को लेकर मुख्यालय के कांग्रेसी नेताओं ने खुल कर मुख्यालय के कार्यकर्ता को टिकट देने की मांग की थी.जिस पर पार्टी ने विचार विमर्श के बाद जिला मुख्यालय के ब्यास कश्यप को प्रत्याशी घोषित कर दिया. अपना नाम प्रत्याशी के रूप में जानने के बाद व्यास कश्यप ने मंदिर में माथा टेका.इस दौरान ब्यास कश्यप ने कहा कि आगामी विधानसभा चुनाव में जांजगीर चांपा विधानसभा में कांग्रेस का झंडा लहराएगा.
कांग्रेस ने बदला प्रत्याशी : जांजगीर चांपा विधानसभा की बात करें तो हर बार इस विधानसभा में कांग्रेस और बीजेपी के बीच सीधी जंग होती रही है.जिसमें मुकाबला नारायण चंदेल और मोतीलाल देवांगन के बीच होता रहा है.इस जंग में तीन बार नारायण चंदेल ने और दो बार मोतीलाल देवांगन ने जीत हासिल की है.जबकि कांग्रेस ने ऐसे उम्मीदवार को टिकट दिया है जो पहले बीजेपी में थे.लेकिन टिकट नहीं मिलने पर बसपा ज्वाइन किया. 2018 में बसपा की ओर से चुनाव लड़ा.लेकिन फिर बसपा का साथ छोड़कर कांग्रेस का दामन थामा.मौजूदा समय में ब्यास कश्यप नैला कृषि उपज मंडी के अध्यक्ष हैं.
क्यों ब्यास कश्यप को मिला टिकट ?: ब्यास कश्यप को प्रत्याशी बनाये जाने पर कांग्रेस के एक खेमे में खुशी की लहर हैं. कांग्रेस कार्यकर्ता जांजगीर जिला मुख्यालय से प्रत्याशी बनाये जाने की मांग को लेकर लामबंद हो गए थे . कार्यकर्ताओं ने प्रदेश प्रभारी के साथ बड़े नेताओं से इस बार जांजगीर से ही प्रत्याशी बनाने की मांग की थी. जिसके बाद व्यास कश्यप पर विश्वास जताते हुए टिकट दी गई है.
2018 में क्या था रिजल्ट : पिछले विधानसभा चुनाव के आंकड़ों की बात करें तो बीजेपी के नारायण चंदेल को 54040 वोट मिले थे. कांग्रेस के मोती लाल देवांगन को 49852 और बसपा के ब्यास कश्यप 33505 वोट पड़े थे. नारायण चंदेल ने 4188 वोट से मोतीलाल देवांगन को हराया था. अब कांग्रेस ने जिला के कांग्रेस पदाधिकारियों के अनुसार टिकट देकर पदाधिकारियों को संतुष्ट कर दिया हैं .लेकिन बड़ा सवाल यही हैं क्या इस अंतर को दूर करने में कांग्रेस सफल हो पायेगी.