जांजगीर चांपा: राज्य सरकार ने फैसला लिया है कि चिटफंड कंपनियों के एजेंटों के खिलाफ दर्ज मामले वापस लिए जाऐंगे और उन्हें सरकारी गवाह बनाकर चिटफंड के संचालकों के खिलाफ शिकंजा कसा जाएगा.
सरकार के इस फैसले का सबसे ज्यादा असर जांजगीर-चांपा जिले पर पड़ने वाला है. क्योंकि यहां 34 चिटफंड कंपनियां संचालित थी. जिसमें काम करने वाले एजेंटों ने धन राशि दोगुनी करने का प्रलोभन देकर 1 लाख 45 हजार से ज्यादा निवेशकों से 3 अरब रूपये से ज्यादा की धनराशि जमा कराई थी. इसके बाद भी जब निवेशकों को उनका मूलधन भी नहीं मिला. अब जबकि एजेंटो को सरकारी गवाह बनाने के फैसले से निवेशकों का मूलधन वापस मिलेगा यह देखने वाली बात है.
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1 साल बीता, लेकिन नहीं हुई कार्रवाई
ऐसे 40 डायरेक्टर के नाम पर मामले दर्ज हैं जिनके खिलाफ कार्रवाई की जानी हैं. लेकिन इस मामले में अब भी कार्रवाई नहीं हो पा रही है. एक साल बीतने के बाद भी आम लोग सड़क की लड़ाई लड़ने को मजबूर हैं. चिटफंड में शामिल लोगों की गिरफ्तारी अपनी जगह है, लेकिन आम लोगों के मूलधन की वापसी कब होगी यह बड़ा सवाल है.