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पहले कम बारिश, अब सिंचाई विभाग ने बढ़ाई किसानों की चिंता

जांजगीर चांपा में कम बारिश के बाद अब सिंचाई विभाग की लापरवाही ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है. सिंचाई विभाग की लापरवाही के कारण कंडरा-रसौटा माइनर के किसान सूखे की स्थिति झेलने को मजबूर हैं.

अब सिंचाई विभाग ने बढ़ाई किसानों की चिंता
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Published : Aug 22, 2019, 7:28 PM IST

जांजगीर-चांपा: छत्तीसगढ़ में एक ओर बाढ़ के हालात बने हैं, वहीं जांजगीर-चांपा के किसान बारिश न होने से परेशान हैं. जिले में औसत से काफी कम बारिश हुई है, जिसके कारण फसल लगभग सूखने के कगार पर हैं.

अब सिंचाई विभाग ने बढ़ाई किसानों की चिंता

वहीं जिले के कई इलाकों में किसान सिंचाई विभाग की लापरवाही से भी परेशान बताये जा रहे हैं. बलौदा ब्लॉक के आधा दर्जन से ज्यादा गांव के किसानों को सिंचाई विभाग की लापरवाही का खामियाजा भुगतना पड़ सकता है. सिंचाई विभाग की लापरवाही के कारण कंडरा-रसौटा माइनर के किसान सूखे की स्थिति झेलने को मजबूर हैं. खेतों ने लगी सैकड़ों एकड़ फसल चौपट होने के कगार पर है.

दरअसल, सिंचिंत क्षेत्र का रसौटा नहर फूट गया है, लेकिन सिंचाई विभाग के अधिकारी नहर मरम्मत की ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं, इससे हजारों किसानों का भविष्य अधर में लटक गया है.

बताया जा रहा है, नहर मरम्मत का काम पिछले साल हुआ था, लेकिन गुणवत्ताहीन मरम्मत होने के कारण नहर फिर से फूट गया. किसानों को जहां एक ओर मानसून धोखा दे रहा है, वहीं नहर फूटने से उनकी चिंता और बढ़ गई है. सिंचाई विभाग के इंजीनियर मामले में बड़े अधिकारियों के आदेश का इंतजार कर रहे हैं.

जांजगीर-चांपा: छत्तीसगढ़ में एक ओर बाढ़ के हालात बने हैं, वहीं जांजगीर-चांपा के किसान बारिश न होने से परेशान हैं. जिले में औसत से काफी कम बारिश हुई है, जिसके कारण फसल लगभग सूखने के कगार पर हैं.

अब सिंचाई विभाग ने बढ़ाई किसानों की चिंता

वहीं जिले के कई इलाकों में किसान सिंचाई विभाग की लापरवाही से भी परेशान बताये जा रहे हैं. बलौदा ब्लॉक के आधा दर्जन से ज्यादा गांव के किसानों को सिंचाई विभाग की लापरवाही का खामियाजा भुगतना पड़ सकता है. सिंचाई विभाग की लापरवाही के कारण कंडरा-रसौटा माइनर के किसान सूखे की स्थिति झेलने को मजबूर हैं. खेतों ने लगी सैकड़ों एकड़ फसल चौपट होने के कगार पर है.

दरअसल, सिंचिंत क्षेत्र का रसौटा नहर फूट गया है, लेकिन सिंचाई विभाग के अधिकारी नहर मरम्मत की ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं, इससे हजारों किसानों का भविष्य अधर में लटक गया है.

बताया जा रहा है, नहर मरम्मत का काम पिछले साल हुआ था, लेकिन गुणवत्ताहीन मरम्मत होने के कारण नहर फिर से फूट गया. किसानों को जहां एक ओर मानसून धोखा दे रहा है, वहीं नहर फूटने से उनकी चिंता और बढ़ गई है. सिंचाई विभाग के इंजीनियर मामले में बड़े अधिकारियों के आदेश का इंतजार कर रहे हैं.

Intro:किसानों पर दोहरी मार
शासन प्रशासन लापरवाह
इण्ट्रो
बलौदा ब्लाक के आधा दर्जन गांवों के किसान मानसून से धोखा खाने के बाद अब सिंचाई विभाग की लापरवाही का खामियाजा भूगतने लगें हैं।नहर फूटने के कारण किसान हजारों एकड़ में लगे धान की फसल को चौपट होते देखने मजबूर हैं। भले ही मानसून देश भर में मेहरबान हो लेकिन जांजगीर जिले में वर्षा नहीं के बराबर हुई है। सिंचिंत क्षेत्र होने के बाद भी सिंचाई विभाग की लापरवाही के कारण कंडरा-रसौटा माइनर के किसान अकाल की गाल में समा रहे हैं।
Body:बॉडी-
मानसून के दगा देने जहां असिंचित क्षेत्र के किसान अकाल की चपेट में आ रहे हैं वहीं जांजगीर जिले के बलौदा ब्लाक के कंडरा-रसौटा माइनर सिंचित क्षेत्रों में आने वाले किसान भी अकाल की स्थिति से परेशान है। दरअसल, रसौटा नहर फूट चुका है, लेकिन सिंचाई विभाग के अफसर नहर मरम्मत की ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं, जिससे हजारों किसानों का भविष्य दांव पर लग गया है। बताया जा रहा है कि मरम्मत का काम पिछले साल हुआ था, लेकिन गुणवत्ताहीन निर्माण होने के कारण फिर से नहर फूट गया है। किसानों की किस्मत पर अब दोहरी मार पड़ रही है जहां पर मानसून दगा दे रहा है तो नहर भी सही वक्त पर टूट गया है। सिंचाई विभाग के इंजीनियर इस मामले में बड़े अधिकारियों के आदेश पर निर्भर है।
बाइट- निलकंठ किसान
बाइट- सुनील किसान
बाइट- पीसी साहू इंजीनियर, सिंचाई विभागConclusion:कन्कलूजन
खरीफ के सीजन में धान की फसल पर किसानों का भविष्य है। एक फसली क्षेत्र होने के कारण किसानों अभी नहर से पानी नहीं मिला तो आने वाले दिनों में बलौदा के रसौटा क्षेत्र के हजारों की किसानों को अकाल की मार सहना होगा। इसका खामियाजा बड़े पैमाने पर पलायन की स्थिति देखने को मिलती है। राज्य बनने के बाद से पलायन पर नियंत्रण की बात राज्य सरकारें करती रही है उसकी संवेदनशीलता यहां आप देख सकते हैं।
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