जांजगीर-चांपा: जिले के सरकारी स्कूलों की हालत बेहद गंभीर है. यहां पढ़ने वाले बच्चों का भविष्य अंधकार में नजर आ रहा है. यहां के प्रधानाध्यापक को राज्य की राज्यपाल का नाम तक नहीं पता है. इससे आप सहज की अंदाजा लगा सकते हैं स्कूल में पढने वाले बच्चों का क्या हाल होगा.
जानिए इस जिले की सरकारी स्कूलों की हालत
- डबरा तहसील के अंदर फलियामुंडा स्कूल है, जहां स्कूल भवन की हलत इतनी जर्जर है कि यहां के बच्चे खुले आसमान के नीचे पढ़ने के लिए मजबूर हैं.
- वहीं दूसरी ओर जिले का मालखरोदा ब्लॉक के नरियार स्कूल है, जहां बाल दिवस के 1 दिन पहले यहां धावा बोलकर बदमाश स्कूल में लगे सभी 22 पंखे और कंप्यूटर के पार्ट्स सहित अन्य उपकरणों को लेकर रफूचक्कर हो गए. इस बात की सूचना हसौद थाने में दी गई है.
- पामगढ़ तहसील के राहोद प्राथमिक स्कूल के राहुल नगर पंचायत में आने वाले इस प्राइमरी स्कूल में 15-20 बच्चे ही पढ़ते हैं, जिनमें से आधे स्कूल आते ही नहीं.
इसके साथ ही पामगढ़ ब्लॉक शिक्षा अधिकारी कार्यालय से पूरे ब्लॉक में प्राइमरी, मिडिल, हाई और हायर सेकेंडरी स्कूल के बच्चों के आंकड़ें लिए तो पता चला कि, लगभग 80 गांवों और तीन नगर पंचायत क्षेत्र वाले इस ब्लॉक में सरकारी स्कूलों में दर्ज संख्या की स्थिति बहुत ही गंभीर है. प्राइमरी स्कूल में जहां दो हजार के करीब बच्चे पढ़ते हैं, तो वहीं 12वीं कक्षा में केवल 900 के आसपास बच्चे पढाई करते हैं.
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इससे साफ पता चलता है कि, सरकारी स्कूल की शिक्षा व्यवस्था एक तरह से गरीब घरों के बच्चों के लिए मजबूरी जैसी हो गई है यहां कारण है कि आज के समय में प्राइवेट स्कूल इस अव्यवस्था के चलते फल-फूल रहे हैं.