शिवरीनारायण(जांजगीर चांपा): भगवान राम ने अपने वनवास का लंबा समय सीता और लक्ष्मण के साथ छत्तीसगढ़ की धरती पर गुजारा था. अब कांग्रेस सरकार ने भगवान राम के वनगमन मार्ग के माध्यम से न केवल प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा देने का निर्णय लिया है, बल्कि कांग्रेस अब छत्तीसगढ़ को भगवान राम के जीवन से जोड़कर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) और भाजपा की राम भक्ति का भी जवाब देना चाहती है. छत्तीसगढ़ में राम वनगमन मार्ग को दुनिया में पहचान दिलाने के लिए कांग्रेस ने कवायद भी शुरू कर दी है. इसी कड़ी में शिवरीनारायण में राम कथा का आयोजन किया गया. सीएम भूपेश यहां मानस महोत्सव कार्यक्रम में शामिल हुए.
सीएम भूपेश बघेल ने राम कथा में शिरकत की. कांग्रेस प्रदेश प्रभारी पीएल पुनिया, स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव, मंत्री अमरजीत भगत, पीसीसी चीफ मोहन मरकाम समेत कई मंत्री और नेता शामिल हुए. इस दौरान सीएम भूपेश बघेल ने सरकार के विकास कार्य गिनाए.
छत्तीसगढ़ भगवान राम का ननिहाल: भूपेश बघेल
मानस महोत्सव कार्यक्रम में सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ की संस्कृति में भगवान राम बसे हैं. छत्तीसगढ़ भगवान राम का ननिहाल है. यहां के कण-कण में राम का नाम है. उन्होंने कहा कि इसका जीता जागता उदाहरण रामनामी समाज के लोग हैं, जिनके शरीर के हर हिस्से में राम का नाम है. रामनामी समाज के लोगों ने राम का नाम शरीर के जगह-जगह पर गोदाया है. साथ ही बघेल ने कहा कि शिवरीनारायण के विकास के लिए हर तरह की कोशिशें की जा रही है.
देश के कोने-कोने से आएंगे श्रद्धालु: भूपेश बघेल
सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि खरोद के विकास के लिए कई योजनाएं बनाए जा रहें हैं. तीर्थ स्थलों का विकास किया जा रहा है. संस्कृति एवं पर्यटन विभाग ने धार्मिक स्थलों के विकास के लिए घोषणाएं की है. इससे छत्तीसगढ़ के धार्मिक स्थलों का विकास होगा. देश के कोने-कोने से श्रद्धालु आंएगे. ऐसे में शिवरीनारायण समेत आस-पास के इलाकों का विकास होगा.
पीएल पुनिया ने की विकास कार्यों की प्रशंसा
इसके साथ ही छत्तीसगढ़ कांग्रेस प्रदेश के प्रभारी पीएल पुनिया ने भी सरकार के किए गए विकास कार्यों की प्रशंसा की. उन्होंने कहा कि राम कथा के आयोजन का समाज में महत्त्व बरकरार है. कुछ पार्टी राम का नाम बहुत लेती हैं, लेकिन काम भूपेश बघेल सरकार कर रही है.
शिवरीनारायण का इतिहास
शिवरीनारायण छत्तीसगढ़ में महानदी, शिवनाथ और जोंक नदी के त्रिधारा संगम के तट पर स्थित प्राचीन कस्बा है. यह जांजगीर-चांपा जिले में स्थित है. यह छत्तीसगढ़ की जगन्नाथपुरी के नाम से भी जाना जाता है. इसे छत्तीसगढ़ का गुप्त प्रयाग भी कहते हैं. इस स्थान का वर्णन रामायण में भी है. मान्यता है कि यहां भगवान श्रीराम ने शबरी नाम की कोल आदिवासी महिला के जूठे बेर खाए थे. शबरी की स्मृति में शबरी-नारायण नगर बसा. शिवरीनारायण स्थिति शबरीनारायण मंदिर का निर्माण शबर राजा ने कराया था. यहां ईंट और पत्थर से बना 11वीं-12वीं सदी का केशवनारायण मंदिर है.
राम कथा कार्यक्रम में कई नेता और मंत्री रहे मौजूद
बता दें कि शिवरीनारायण में आयोजित एक दिवसीय मानस महोत्सव कार्यक्रम में सीएम भूपेश बघेल, कांग्रेस प्रदेश के प्रभारी पीएल पुनिया, स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव, मंत्री अमरजीत भगत, पीसीसी चीफ मोहन मरकाम, छत्तीसगढ़ राज्य गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष महंत रामसुंदर दास, कलेक्टर यशवंत कुमार समेत सैकड़ों कांग्रेस कार्यकर्ता और कई गांवों के लोग मौजूद रहे.
बैकुंठपुर से आगमन और इंजरम से प्रस्थान हुआ था
कोरिया जिले के बैकुंठपुर से छत्तीसगढ़ में राम ने प्रवेश किया था. वहां रेड नदी (रेणुका नदी) के किनारे स्थित जमदग्नि यानी परशुराम के पिताजी के आश्रम पहुंचे थे. इसके बाद भगवान राम रामगढ़ विश्रामपुर, मैनपाट, धरमजयगढ़, लक्ष्मण पादुका, चंद्रहासिनी चंद्रपुर, शिवरीनारायण, कसडोल होते हुए तुरतुरिया में वाल्मीकि आश्रम पहुंचे थे. वहां से सिरपुर, फिंगेश्वर, राजिम, पंचकोशी, मधुबन, रद्री होते हुए सिहावा श्रृंगी ऋषि आश्रम पहुंचे थे. इसके बाद नारायणपुर राकसहाड़ा, चित्रकोट, बारसूर, गीदम होते हुए कुटुमसर पहुंचे. फिर शबरी नदी के किनारे सुकमा रामारम होते हुए कोंटा, इंजरम, सबरी नदी भद्राचलम के किनारे पर्ण कुटी में रहे. भगवान श्रीराम की ज्यादातर यात्राएं नदियों के जरिये ही हुई.
केंद्र सरकार ने 3 साल पहले बनाया था प्रोजेक्ट
केंद्र सरकार ने 2016 में धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने को राम वनगमन मार्ग में आने वाले महत्वपूर्ण स्थानों को जोड़ने के लिए 'धार्मिक पर्यटन वनगमन मार्ग' नाम से सड़क बनाने के लिए प्रोजेक्ट बनाया था. इस प्रोजेक्ट के तहत कोरिया जिले में राम वनगमन मार्ग की 150-200 किलोमीटर सड़क बननी है.
3 दशकों से राम मंदिर भाजपा का प्रमुख मुद्दा
पिछले तीन दशकों से राम मंदिर मुद्दा भारतीय जनता पार्टी का प्रमुख मुद्दा रहा है. इसी मुद्दे की उबाल से केंद्र में पहली बार गैर कांग्रेसी एनडीए गठबंधन की सरकार काबिज हुई. इस बीच कांग्रेस ने कभी भी खुलकर राम मंदिर का समर्थन नहीं किया. जानकारों की मानें तो अब जब कांग्रेस को लग रहा है कि बीजेपी को राम मंदिर निर्माण से राजनीतिक फायदा मिल सकता है तो कांग्रेस ने यू-टर्न लिया है और कांग्रेसी नेता राम मंदिर निर्माण में पार्टी के योगदान को रेखांकित करने में जुट गएं हैं.
कमलनाथ पर भारी पड़ी राम भक्ति!
बीजेपी हमेशा कांग्रेस पर तुष्टिकरण की राजनीति करने का आरोप लगाती आई है. जब से कांग्रेस ने राम राग अलापना शुरू किया है, तब से उसके हमले और तेज हो गए हैं. मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ को भी कांग्रेस ने इस मुद्दे पर जमकर घेरा था. दरअसल कमलनाथ ने हनुमान चालीसा का पाठ कराया था और राम मंदिर निर्माण को लेकर भी कहा था कि 'आज खुशी का दिन है. हमने प्रदेश की खुशहाली, उन्नति, समृद्धि को लेकर हनुमान जी का पूजन औ पाठ किया. हम राम मंदिर निर्माण का स्वागत करते हैं. हम राजीव गांधी जी को प्रणाम करते हैं जिन्होंने ताले खोले थे. राम मंदिर की कथा वहीं से शुरू होती है'. लेकिन जानकार कहते हैं कि कमलनाथ पर राम भक्ति भारी पड़ी और भाजपा ने कमलनाथ को उनके राम राग पर जमकर घेरा.