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जांजगीर: प्राइमरी स्कूल का ये हाल, कैसे पढ़ेंगे नौनिहाल ? - बदहाल शिक्षा व्यवस्था

जांजगीर के चंद्रपुर विधानसभा क्षेत्र के डभरा ब्लॉक के अंतर्गत ग्राम पंचायत सकराली में संचालित जनपद प्राइमरी स्कूल जर्जर और बदहाल हो चुका है. संकुल केंद्र में पहली से पांचवीं तक के छात्र एक ही कमरे में पढ़ने को मजबूर हैं. कई बार आवेदन के बाद भी हालात जस के तस हैं.

children studying in shabby school building
जर्जर प्राइमरी स्कूल
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Published : Jan 23, 2020, 10:08 PM IST

Updated : Jan 23, 2020, 10:34 PM IST

जांजगीर: चंद्रपुर विधानसभा क्षेत्र के ब्लॉक डभरा के अंतर्गत ग्राम पंचायत सकराली में संचालित जनपद प्राइमरी स्कूल जर्जर और बदहाल हो चुका है.

बदलहाल शिक्षा व्यवस्था की बानगी देखिए

नौनिहाल यहां कई साल से संकुल भवन में पढ़ाई करने को मजबूर हैं. यहां संकूल भवन में पहली से पांचवीं तक के छात्र एक कमरे में पढ़ाई कर रहे हैं, जिससे छात्रों को कई तरह की परेशानी झेलनी पड़ रही है.

छात्रों को नसीब नहीं स्कूल भवन

इतना ही नहीं शौचालय भी खंडहर में तब्दील हो चुके हैं. बुनियादी सुविधा तो दूर की बात है. स्कूल भवन तक यहां नौनिहालों को नसीब नहीं है. आजादी के एक साल बाद बना ये भवन अब जर्जर होकर खुद ही ढह रहा है.

children studying in shabby school building
संकुल भवन के भरोसे 'शिक्षा'

संकुल केंद्र के भरोसे शिक्षा कब तक ?

पिछले 2 सालों से स्कूल संकुल भवन के एक कमरे में संचालित हो रहा है. स्कूल के प्रधानपाठक ने कई बार शिकायत की. कई बार नए स्कूल भवन के लिए आवेदन दिया, लेकिन आज तक हालात नहीं बदले.

children studying in shabby school building
आखिर कब बनेगा प्राइमरी स्कूल ?

राम भरोसे पढ़ाई

जर्जर भवन, खंडहर शौचालय और शिक्षक की कमी की वजह से छात्रों को परेशानी तो हो ही रही है. साथ ही पढ़ाई भी प्रभावित हो रही है.

children studying in shabby school building
स्कूल भवन को तरसते नौनिहाल

आखिर कब बनेगा स्कूल भवन ?

सरकारें बदली, लेकिन शिक्षा व्यवस्था की बदहाली कायम है. जनप्रतिनिधि बेहतर शिक्षा व्यवस्था का भले ही दंभ भरे, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है. बहरहाल, अब देखना होगा कि छात्र-छात्राओं को कब तक स्कूल भवन नसीब होता है.

जांजगीर: चंद्रपुर विधानसभा क्षेत्र के ब्लॉक डभरा के अंतर्गत ग्राम पंचायत सकराली में संचालित जनपद प्राइमरी स्कूल जर्जर और बदहाल हो चुका है.

बदलहाल शिक्षा व्यवस्था की बानगी देखिए

नौनिहाल यहां कई साल से संकुल भवन में पढ़ाई करने को मजबूर हैं. यहां संकूल भवन में पहली से पांचवीं तक के छात्र एक कमरे में पढ़ाई कर रहे हैं, जिससे छात्रों को कई तरह की परेशानी झेलनी पड़ रही है.

छात्रों को नसीब नहीं स्कूल भवन

इतना ही नहीं शौचालय भी खंडहर में तब्दील हो चुके हैं. बुनियादी सुविधा तो दूर की बात है. स्कूल भवन तक यहां नौनिहालों को नसीब नहीं है. आजादी के एक साल बाद बना ये भवन अब जर्जर होकर खुद ही ढह रहा है.

children studying in shabby school building
संकुल भवन के भरोसे 'शिक्षा'

संकुल केंद्र के भरोसे शिक्षा कब तक ?

पिछले 2 सालों से स्कूल संकुल भवन के एक कमरे में संचालित हो रहा है. स्कूल के प्रधानपाठक ने कई बार शिकायत की. कई बार नए स्कूल भवन के लिए आवेदन दिया, लेकिन आज तक हालात नहीं बदले.

children studying in shabby school building
आखिर कब बनेगा प्राइमरी स्कूल ?

राम भरोसे पढ़ाई

जर्जर भवन, खंडहर शौचालय और शिक्षक की कमी की वजह से छात्रों को परेशानी तो हो ही रही है. साथ ही पढ़ाई भी प्रभावित हो रही है.

children studying in shabby school building
स्कूल भवन को तरसते नौनिहाल

आखिर कब बनेगा स्कूल भवन ?

सरकारें बदली, लेकिन शिक्षा व्यवस्था की बदहाली कायम है. जनप्रतिनिधि बेहतर शिक्षा व्यवस्था का भले ही दंभ भरे, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है. बहरहाल, अब देखना होगा कि छात्र-छात्राओं को कब तक स्कूल भवन नसीब होता है.

Intro:स्लग:- प्राथमिक शाला विद्यालय सकराली में बुनियादी सुविधाओं का अभाव। एंकर:- चंद्रपुर विधानसभा क्षेत्र के ब्लॉक डभरा के अंतर्गत ग्राम पंचायत सकराली में संचालित जनपद प्राथमिक शाला बुनियादी सुविधाओं के अभाव में दम तोड़ रही है

नौनिहाल कई बरसों से जुगाड़ के भवन में पढ़ाई कर रहे हैं जनपद प्राथमिक शाला का भवन खपरैल का बना हुआ था जो बरसों से जर्जर हो चुका है भवन के दीवाल लकड़ी के काड़ मियार सब गिर चुके हैं

ग्राम सकराली में सन 1947- 48 में जनपद प्राथमिक शाला विद्यालय का संचालन किया गया प्राथमिक शाला में कुल 28 छात्र-छात्राएं अध्यापन करते हैं जर्जर भवन होने के कारण 2 सालों से संकुल केंद्र भवन सरकारी कार्यालय में लग रही है।

जबकि संकुल केंद्र में आस पास के विद्यालयों की जानकारी व स्कूलों में ब्यवस्था सुचारू रूप से संचालन के लिए होता हैं सरकारी कामकाज के जगह पर विद्यालय की कक्षाएं लग रही है जबकि एक कमरे वाले दफ्तर में पांच कक्षाएं संचालित हो रही है जहां बारिश के दिनों में नौनिहालों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है एक कमरे में पांच कक्षाएं लगने से नौनिहालों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है

वही विद्यालय में दिनोंदिन शिक्षा की स्तर गिर रही है विद्यालय में 3 शिक्षक पदस्थ हैं परंतु विद्यालय के बच्चों की पढ़ाई भी कमजोर है शिक्षक ठीक से विद्यालय समय पर नहीं आते हैं और कक्षाओं में एक कमरे वाले भवन होने के कारण पढ़ाई एक साथ नहीं हो पाती है लगातार विद्यालय में पढ़ाई पढ़ाई प्रभावित हो रही है प्रभावित हो रही है

सरकार द्वारा छात्राओं के लिए हर महीने ₹1लाख से अधिक 3 शिक्षकों के ऊपर बेतन दे कर खर्चा कर ही है फिर भी विद्यालय के बच्चों की भविष्य अंधकार में है बच्चों को किसी प्रकार की सामान्य ज्ञान और अन्य जानकारी नहीं जानते हैं भारत के आजादी के बाद से जनपद प्राथमिक विद्यालय ग्राम सरकारी में संचालित किया गया

जो आजादी के 72 साल बाद भी आज तक नए भवन की स्वीकृति नहीं मिली इसे विडंबना ही कहा जाए ताकि वर्षों के लिए नौनिहालों के लिए भवन तक नसीब नहीं हुआ प्राथमिक शाला में के छात्रों के लिए शौचालय तक नहीं है जो शौचालय बना हुआ है वह कई वर्षों से जर्जर हो चुका है उपयोग लायक नहीं है साथ ही विद्यालय में मध्यान भोजन पकाने के लिए किचन शेड भी जर्जर हो चुका है। विद्यालय में छात्र छात्राओं के लिए शौचालय नहीं होने के कारण छात्र-छात्राएं शौचालय के लिए बाहर के खेत में जाते हैं वहीं विद्यालय भवन की समस्या को लेकर शिक्षकों एवं ग्राम पंचायत जनप्रतिनिधियों द्वारा भी कई बार शासन प्रशासन को अवगत करा चुके हैं इसके बाद भी आज तक स्वीकृति नहीं मिला है बाईट:- दिशा मैत्री 5 वी के छात्रा स्कूल ड्रेस में। बाईट:- भूपेंद्र मैत्री कक्षा चौथी छात्र सफेद स्कूल ड्रेस में बाईट:-सुखदेव दास बैरागी प्रधान पाठक सफेद चेक शर्ट में। बाईट:- तुलेश्वर प्रसाद तिवारी शिक्षक काई रंग के शर्ट मेंBody:गगConclusion:छह
Last Updated : Jan 23, 2020, 10:34 PM IST
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