जांजगीर चांपा: सक्ती जिला में अवैध प्लाटिंग के लिए तालाब और पेड़ की बलि चढ़ाने वाले कांग्रेस नेता के खिलाफ छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है. कांग्रेस नेता आनंद अग्रवाल और उनके रिश्तेदार के खिलाफ हाई कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है. हाई कोर्ट ने तालाब से अतिक्रमण हटाकर 90 दिन के भीतर रिपोर्ट सौंपने का आदेश दिया है.
जानिए पूरा मामला: दरअसल, सक्ती के कांग्रेसी नेता और विधायक प्रतिनिधि ने सक्ती बाराद्वार रोड के गांगत डबरी तालाब के एक किनारे को पाट के अपने जमीन के लिए रास्ता बना दिया था. इस जगह में उसको अवैध प्लाटिंग करना था. इसके लिए रास्ते के एक हरे भरे पेड़ को भी काट कर नष्ट कर दिया गया. इसकी शिकायत सक्ती निवासी जय प्रकाश अग्रवाल ने अधिकारियो से की थी. शिकायत के बाद जांच की गई और तहसीलदार ने नगर पालिका सीएमओ को कार्रवाई के लिए पत्र लिखा. हालांकि अधिकारी कांग्रेसी नेता के खिलाफ कार्रवाई की हिम्मत नहीं जुटा पाए.
5 साल बाद कोर्ट का किया रूख: पांच साल बीत जाने के बाद भी कार्रवाई न होने पर शिकायतकर्ता ने हाईकोर्ट का रूख किया. शिकायतकर्ता ने मामले में याचिका दायर की. हाईकोर्ट ने मामले में संज्ञान लेते हुए जिले के कलेक्टर, एसडीएम, तहसीलदार, सीएमओ को आदेशित करते हुए 90 दिन के भीतर रिपोर्ट की मांग की है.
"हाई कोर्ट से आदेश मिला है. तालाब या प्राकृतिक संसाधन को नष्ट करना गलत है. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के खिलाफ है, जल्द ही कोर्ट के आदेश पर कार्रवाई की जाएगी." -नुपुर राशि पन्ना, कलेक्टर, सक्ती
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जानिए क्या है हाईकोर्ट का आदेश: हाईकोर्ट के आदेश में लिखा कि "समुदाय के भौतिक संसाधनों जैसे तालाबों, टैंकों और झीलों को अवैध अतिक्रमणों को हटाकर संरक्षित करके पारिस्थितिक संतुलन बनाए रखा जाता है. इसलिए हम राज्य-प्रतिवादियों को अतिक्रमण हटाकर तालाब को उसके मूल क्षेत्र में बहाल करने का निर्देश देते हैं. यदि आवश्यक हो तो आवश्यक खुदाई भी की जाएगी. तालाब को जीवित रखने के लिए, जल धारण करने के लिए जलग्रहण क्षेत्र सुनिश्चित किया जाएगा. इसके अलावा राज्य 90 दिनों की अवधि के भीतर जगपाल सिंह बनाम पंजाब राज्य (सुप्रा) में दिए गए निर्देश के अनुसार एक विस्तृत कार्रवाई रिपोर्ट प्रस्तुत करेगा."
हालांकि इस पूरे मामले में विधायक प्रतिनिधि कुछ भी कहने से बचते रहे. इस विषय में उन्होंने कोई भी बात नहीं किया.