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Chhattisgarh Election 2023: पामगढ़ विधानसभा सीट में भगवान राम किसकी नैय्या लगाएंगे पार !

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Published : Aug 14, 2023, 2:13 PM IST

Chhattisgarh Election 2023 छत्तीसगढ़ विधानसभा की हर सीट की जानकारी ETV भारत आपको दे रहा है. हम इस सीरीज में विधानसभा सीट की अहमियत, वीआईपी प्रत्याशी, क्षेत्रीय मुद्दे की जानकारी दे रहे हैं. आइए नजर डालते हैं पामगढ़ विधानसभा सीट का चुनावी गणित.

Chhattisgarh Election 2023
पामगढ़ विधानसभा सीट

जांजगीर चांपा: माता शबरी की नगरी शिवरीनारायण पामगढ़ विधानसभा की पहचान हैं. चित्रोंत्पल्ला गंगा के रूप मे जाने जाना वाला शिवरीनारायण महानदी, शिवनाथ नदी और जोक नदी का संगम स्थल है. जिसके कारण इसे गुप्त प्रयाग के रुप मे जाना जाता है. आस्था, विश्वास और प्रेम के कारण इस नगरी को राज्य सरकार ने राम वनगमन परिपथ में शामिल किया है. इस सीट को महत्व देने के पीछे राज्य की कांग्रेस सरकार के अपने मायने हैं. कांग्रेस पामगढ़ विधानसभा सीट को जीतने हि संभव कोशिश कर रही है. वहीं बीजेपी और बसपा भी इस क्षेत्र के मतदाता को साधने का क कोई कसर नहीं छोड़ रही है. अब देखना होगा इस चुनाव में भगवान राम किसकी नैय्या पार लगाते हैं.

पामगढ़ विधानसभा का इतिहास: छत्तीसगढ़ बनने के बाद पामगढ़ विधानसभा सीट से 2003 में कांग्रेस प्रत्याशी महंत रामसुंदर दास ने बहुजन समाज पार्टी का किला फतह किया. महंत रामसुंदर दास पामगढ़ से विधायक चुने गए. उससे पहले लगातार तीन बार बसपा के दाऊराम रत्नाकर ने जीत हासिल की थी. जिसके बाद परिसिमन में पामगढ़ को अनुसूचित जाति वर्ग के लिए आरक्षित किया गया. 2008 में बीजेपी और कांग्रेस को हराकर बसपा के दूजराम बौद्ध ने जीत हासिल की. साल 2013 में पामगढ़ से बीजेपी के अम्बेश जॉगड़े ने जीत हासिल की. वही 2018 के चुनाव में पामगढ़ से बसपा प्रत्याशी इंदु बंजारे ने बीजेपी के अम्बेश जांगड़े को हराया था.

पामगढ़ विधानसभा का जाति समीकरण: जनसंख्या के आधार पर पामगढ़ विधानसभा में 45 प्रतिशत के करीब ओबीसी वर्ग की बाहुल्यता है. लेकिन इस वर्ग में अलग अलग कई जाति के लोग समाहित होने के कारण कुर्मी, कश्यप की भूमिका अहम होती है. जिस ओर इनका साथ मिलता है, उसका पलड़ा भारी हो जाता है. वहीं अनुसूचित जाति की संख्या 35 प्रतिशत के करीब है. वहीं अनुसूचित जनजाति और सामान्य वर्ग के मतदाता बहुत ही कम हैं. जिसके कारण इस सीट में ओबीसी वोटर्स को साधने सभी पार्टी जुटी रहती है.

Pamgarh Assembly Seat
पामगढ़ विधानसभा में मतदाता

पामगढ़ विधानसभा में मतदाता: अकलतरा विधानसभा क्षेत्र में 2 लाख 11 हजार 900 मतदाता हैं. जिसमें से पुरुष मतदाता 1 लाख 8 हजार 577 हैं. वही महिला मतदाता 1 लाख 3 हजार 383 हैं. साथ ही थर्ड जेन्डर के भी 2 मतदाता हैं. विधानसभा चुनाव में यहां का मतदान प्रतिशत करीब 65 से अधिक रहता है. जिसमें महिला वर्ग बढ़ चढ़ कर अपने मताधिकार का प्रयोग करते दिखाई देते हैं.

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पामगढ़ विधानसभा क्षेत्र के मुद्दे और समस्याएं: जांजगीर चाम्पा में सबसे ज्यादा पलायन करने वाला पामगढ़ विधानसभा क्षेत्र माना जाता है. यहां रोजी मजदूरी के लिए ना तो बड़े कारखाने हैं, ना ही कोई अन्य साधन, जिसके कारण यहां के एससी और ओबीसी वर्ग के लोग पलायन करने को मजबूर हैं. इसके अलावा यहां की शिक्षा व्यवस्था भी बदहाल है. सड़को की स्थिति खराब है. ग्रामीण अंचल मे बिजली की आंख मिचौली से लोग परेशान हैं. खेती किसानी में भी पानी और अन्य संसाधन कम है. यही वजह है कि किसान एक फसल लेने के बाद दूसरा फसल नहीं ले पाते.

Pamgarh Assembly Seat Profile
पामगढ़ विधानसभा के मुद्दे और समस्याएं
2018 में पामगढ़ विधानसभा का परिणाम: विधानसभा चुनाव 2018 में पामगढ़ से 15 प्रत्याशी चुनावी मैदान में उतरे थे. जिसमें बीजेपी से अम्बेश जांगडे, कांग्रेस से गोरेलाल बर्मन और बसपा से इंदु बंजारे के बीच मुकाबला था. चुनाव में बसपा ने बढ़त बनाते हुए 50 हजार 129 वोट हासिल किये. वहीं कांग्रेस प्रत्याशी गोरेलाल बर्मन ने 47 हजार 68 वोट हासिल किया. वहीं बीजेपी के अम्बेश जांगडे ने 32 हजार 767 मत हासिल किये. बसपा के इंदु बंजारे ने कांग्रेस प्रत्याशी गोरेलाल बर्मन को 3061 मतों से पराजित किया. जबकि बीजेपी तीसरे स्थान पर रही.
Chhattisgarh Election 2018
2018 में पामगढ़ विधानसभा का परिणाम

जांजगीर चांपा: माता शबरी की नगरी शिवरीनारायण पामगढ़ विधानसभा की पहचान हैं. चित्रोंत्पल्ला गंगा के रूप मे जाने जाना वाला शिवरीनारायण महानदी, शिवनाथ नदी और जोक नदी का संगम स्थल है. जिसके कारण इसे गुप्त प्रयाग के रुप मे जाना जाता है. आस्था, विश्वास और प्रेम के कारण इस नगरी को राज्य सरकार ने राम वनगमन परिपथ में शामिल किया है. इस सीट को महत्व देने के पीछे राज्य की कांग्रेस सरकार के अपने मायने हैं. कांग्रेस पामगढ़ विधानसभा सीट को जीतने हि संभव कोशिश कर रही है. वहीं बीजेपी और बसपा भी इस क्षेत्र के मतदाता को साधने का क कोई कसर नहीं छोड़ रही है. अब देखना होगा इस चुनाव में भगवान राम किसकी नैय्या पार लगाते हैं.

पामगढ़ विधानसभा का इतिहास: छत्तीसगढ़ बनने के बाद पामगढ़ विधानसभा सीट से 2003 में कांग्रेस प्रत्याशी महंत रामसुंदर दास ने बहुजन समाज पार्टी का किला फतह किया. महंत रामसुंदर दास पामगढ़ से विधायक चुने गए. उससे पहले लगातार तीन बार बसपा के दाऊराम रत्नाकर ने जीत हासिल की थी. जिसके बाद परिसिमन में पामगढ़ को अनुसूचित जाति वर्ग के लिए आरक्षित किया गया. 2008 में बीजेपी और कांग्रेस को हराकर बसपा के दूजराम बौद्ध ने जीत हासिल की. साल 2013 में पामगढ़ से बीजेपी के अम्बेश जॉगड़े ने जीत हासिल की. वही 2018 के चुनाव में पामगढ़ से बसपा प्रत्याशी इंदु बंजारे ने बीजेपी के अम्बेश जांगड़े को हराया था.

पामगढ़ विधानसभा का जाति समीकरण: जनसंख्या के आधार पर पामगढ़ विधानसभा में 45 प्रतिशत के करीब ओबीसी वर्ग की बाहुल्यता है. लेकिन इस वर्ग में अलग अलग कई जाति के लोग समाहित होने के कारण कुर्मी, कश्यप की भूमिका अहम होती है. जिस ओर इनका साथ मिलता है, उसका पलड़ा भारी हो जाता है. वहीं अनुसूचित जाति की संख्या 35 प्रतिशत के करीब है. वहीं अनुसूचित जनजाति और सामान्य वर्ग के मतदाता बहुत ही कम हैं. जिसके कारण इस सीट में ओबीसी वोटर्स को साधने सभी पार्टी जुटी रहती है.

Pamgarh Assembly Seat
पामगढ़ विधानसभा में मतदाता

पामगढ़ विधानसभा में मतदाता: अकलतरा विधानसभा क्षेत्र में 2 लाख 11 हजार 900 मतदाता हैं. जिसमें से पुरुष मतदाता 1 लाख 8 हजार 577 हैं. वही महिला मतदाता 1 लाख 3 हजार 383 हैं. साथ ही थर्ड जेन्डर के भी 2 मतदाता हैं. विधानसभा चुनाव में यहां का मतदान प्रतिशत करीब 65 से अधिक रहता है. जिसमें महिला वर्ग बढ़ चढ़ कर अपने मताधिकार का प्रयोग करते दिखाई देते हैं.

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पामगढ़ विधानसभा क्षेत्र के मुद्दे और समस्याएं: जांजगीर चाम्पा में सबसे ज्यादा पलायन करने वाला पामगढ़ विधानसभा क्षेत्र माना जाता है. यहां रोजी मजदूरी के लिए ना तो बड़े कारखाने हैं, ना ही कोई अन्य साधन, जिसके कारण यहां के एससी और ओबीसी वर्ग के लोग पलायन करने को मजबूर हैं. इसके अलावा यहां की शिक्षा व्यवस्था भी बदहाल है. सड़को की स्थिति खराब है. ग्रामीण अंचल मे बिजली की आंख मिचौली से लोग परेशान हैं. खेती किसानी में भी पानी और अन्य संसाधन कम है. यही वजह है कि किसान एक फसल लेने के बाद दूसरा फसल नहीं ले पाते.

Pamgarh Assembly Seat Profile
पामगढ़ विधानसभा के मुद्दे और समस्याएं
2018 में पामगढ़ विधानसभा का परिणाम: विधानसभा चुनाव 2018 में पामगढ़ से 15 प्रत्याशी चुनावी मैदान में उतरे थे. जिसमें बीजेपी से अम्बेश जांगडे, कांग्रेस से गोरेलाल बर्मन और बसपा से इंदु बंजारे के बीच मुकाबला था. चुनाव में बसपा ने बढ़त बनाते हुए 50 हजार 129 वोट हासिल किये. वहीं कांग्रेस प्रत्याशी गोरेलाल बर्मन ने 47 हजार 68 वोट हासिल किया. वहीं बीजेपी के अम्बेश जांगडे ने 32 हजार 767 मत हासिल किये. बसपा के इंदु बंजारे ने कांग्रेस प्रत्याशी गोरेलाल बर्मन को 3061 मतों से पराजित किया. जबकि बीजेपी तीसरे स्थान पर रही.
Chhattisgarh Election 2018
2018 में पामगढ़ विधानसभा का परिणाम
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