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Janjgir champa vidhan sabha result 2023:जांजगीर विधानसभा सीट के चुनावी नतीजे, जानिए यहां किसका तख्ता पलटा

LIVE Janjgir champa, Chhattisgarh, Vidhan Sabha Chunav, Assembly Elections Result 2023 News Updates छत्तीसगढ़ की हाईप्रोफाइल सीटों में से एक है जांजगीर चांपा. इस विधानसभा में हर बार कांटे की टक्कर देखने को मिलती है. Janjgir champa Assembly Seat Result

Chhattisgarh Election 2023
जांजगीर चांपा की राजनीति में हसदेव नदी की भूमिका
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Published : Aug 19, 2023, 8:45 PM IST

Updated : Dec 3, 2023, 10:04 AM IST

जांजगीर-चांपा : जांजगीर-चांपा को कोसा,कांसा और कंचन की नगरी कहा जाता है. चांपा के साथ जाज्वल्य देव की नगरी जांजगीर को मिलाकर जांजगीर चांपा विधानसभा को अस्तित्व में लाया गया. जिले की अगर बात करें तो यहां जांजगीर चांपा के अलावा अकलतरा विधानसभा सीट भी जिले के अंतर्गत आती है.जांजगीर चांपा विधानसभा में इस बार रणनीति तैयार करने के लिए राजनीतिक दल जुट चुके हैं. आईए जानते हैं कैसा है विधानसभा का हाल

किनके बीच है मुकाबला : इस बार जांजगीर विधानसभा से बीजेपी ने नारायण चंदेल को उम्मीदवार बनाया है. जबकि कांग्रेस की ओर से ब्यास कश्यप को मैदान में उतारा गया है.

जांजगीर चांपा विधानसभा का इतिहास : आजादी के बाद से जांजगीर चांपा जिला का चुनावी समीकरण कुछ अलग ही रहा है. इस सीट मे संविधान निर्मात्री समिति के सदस्य ठाकुर छेदी लाल बैरिस्टर ने अपनी दावेदारी निर्दलीय प्रत्यशी के रूप मे की थी. लेकिन उन्हें कांग्रेस के रामकृष्ण राठौर ने पराजित कर दिया. इस सीट में ओबीसी वर्ग का दबदबा है. वैसे तो इस सीट में अनुसूचित जाति वर्ग के लोग अधिक है, लेकिन ओबीसी वर्ग जीत और हार का समीकरण तय करता है.इसके अलावा कुर्मी, कश्यप, साहू, राठौर जाति भी विधानसभा में है. अनुसूचित जनजाति और सामान्य वर्ग के वोटर भी कम होने के बाद भी किसी भी प्रत्याशी के लिए दोनों वर्गों का मत अहम है.

जांजगीर-चांपा विधानसभा में मतदाताओं की स्थिति : जांजगीर चांपा विधानसभा में 212297 मतदाता हैं. जिसमें से 104631 महिला और 107653 पुरुष मतदाता हैं.वहीं थर्ड जेंडर के 13 मतदाता शामिल हैं. 2018 विधानसभा चुनाव में यहां का मतदान प्रतिशत 74 प्रतिशत तक था. जिसमें महिलाओं ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया था.



2018 में कैसा रहा परिणाम : 2018 विधानसभा चुनाव में राष्ट्रीय दलों के साथ-साथ स्थानीय और निर्दलीय प्रत्याशियों ने भी अपना भाग्य आजमाया .बीजेपी से नारायण चंदेल, कांग्रेस से मोतीलाल देवांगन और बसपा से व्यास कश्यप को मिलाकर 16 प्रत्याशी चुनावी मैदान में उतरे. जिसमें बीजेपी के नारायण चंदेल को 54 हजार 040 और कांग्रेस के मोतीलाल देवांगन को 49 हजार 852 मत मिले. करीबी मुकाबले में नारायण चंदेल ने मोतीलाल को 4188 मतों से हराया था. बसपा के व्यास कश्यप ने 33 हजार 505 मत हासिल किए थे. पिछले चुनाव में इस विधानसभा में 72.10 फीसदी वोटिंग हुई थी


जांजगीर चांपा विधानसभा सभा क्षेत्र को जानिए : आजादी के बाद से जांजगीर चांपा का चुनावी समीकरण कुछ अलग ही रहा है. इस सीट मे संविधान निर्मात्री समिति के सदस्य ठाकुर छेदी लाल बैरिस्टर ने अपनी दावेदारी निर्दलीय प्रत्यशी के रूप में. लेकिन उन्हें कांग्रेस के राम कृष्ण राठौर ने पराजित किया. इस सीट मे ओबीसी वर्ग का दबदबा है. वैसे तो इस सीट में अनुसूचित जाति वर्ग के लोग अधिक है. लेकिन ओबीसी वर्ग का अहम भूमिका रहती है. जिसमें कुर्मी, कश्यप, साहू, राठौर जाति प्रमुख रूप से अपना स्थान बनाये रखती है. अनुसूचित जन जाति और सामान्य वर्ग के वोटर भी कम होने के बाद भी राजनितिक क्षेत्र मे अपनी अच्छी पकड़ बनाये रखे है.



जांजगीर चांपा के मुद्दे और समस्याएं : जांजगीर चांपा विधानसभा किसान बाहुल्य क्षेत्र है. क्षेत्र का 80 फीसदी भाग नहर के पानी पर निर्भर है.किसान खरीफ फसल के तौर पर धान उगाकर और फिर उसे सरकार को बेचकर लाभ कमाते हैं.लेकिन रबी की फसल में परिवर्तन ना करके वापस धान उगाते हैं.दूसरी फसल के उत्पादन को सरकार नहीं खरीदती. सरकार के मूल्य निर्धारण नही करने से किसानों को दूसरी बार उगाई गई फसल का उचित दाम नहीं मिलता.जिसे वो बिचौलियों की मदद से खुले बाजार में कम कीमत में बेचकर अपना खर्च निकालते हैं.किसानों को अपनी इस समस्या से निजात पाने के लिए सरकार से कई बार ग्रीष्म कालीन फसल में धान के लिए नहर से पानी देने और फसल के उचित दाम की मांग की है.जो अब तक पूरी नहीं हुई है. इसके अलावा रोजगार की मांग, चिकित्सा, शिक्षा की अच्छी व्यवस्था की मांग प्रमुख मुद्दे हैं.वहीं शहरी क्षेत्रों में पेयजल की समस्या बनीं हुई है.

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जांजगीर चांपा का सियासी महत्व : जांजगीर चांपा विधानसभा सभा सीट में हसदेव नदी आती है.राजनीतिक दृष्टिकोण से ये नदी काफी अहम है. हसदेव नदी के बाई ओर चांपा नगर पालिका है और दायी ओर जांजगीर नगर पालिका. विधानसभा के हिसाब से बांई ओर कम वोटर है और दाएं हिस्से में अधिक मतदाता हैं.कांग्रेस पिछले 25 साल से मोती लाल देवांगन को अपना प्रत्याशी बनाते आई है. वहीं बीजेपी लगातार नारायण चंदेल को चुनावी मैदान में उतार रही है. इसके अलावा नदी के दायी ओर जांजगीर नगर पालिका क्षेत्र में कांग्रेस से टिकट मांगने वालों की लम्बी लाइन है.जिन्हें नदी के दूसरी ओर के वोटर्स को साधने में मुश्किल होती है.यही हाल चांपा नगर पालिका क्षेत्र के लोगों के टिकट दावेदारों का भी रहता है.

जांजगीर-चांपा : जांजगीर-चांपा को कोसा,कांसा और कंचन की नगरी कहा जाता है. चांपा के साथ जाज्वल्य देव की नगरी जांजगीर को मिलाकर जांजगीर चांपा विधानसभा को अस्तित्व में लाया गया. जिले की अगर बात करें तो यहां जांजगीर चांपा के अलावा अकलतरा विधानसभा सीट भी जिले के अंतर्गत आती है.जांजगीर चांपा विधानसभा में इस बार रणनीति तैयार करने के लिए राजनीतिक दल जुट चुके हैं. आईए जानते हैं कैसा है विधानसभा का हाल

किनके बीच है मुकाबला : इस बार जांजगीर विधानसभा से बीजेपी ने नारायण चंदेल को उम्मीदवार बनाया है. जबकि कांग्रेस की ओर से ब्यास कश्यप को मैदान में उतारा गया है.

जांजगीर चांपा विधानसभा का इतिहास : आजादी के बाद से जांजगीर चांपा जिला का चुनावी समीकरण कुछ अलग ही रहा है. इस सीट मे संविधान निर्मात्री समिति के सदस्य ठाकुर छेदी लाल बैरिस्टर ने अपनी दावेदारी निर्दलीय प्रत्यशी के रूप मे की थी. लेकिन उन्हें कांग्रेस के रामकृष्ण राठौर ने पराजित कर दिया. इस सीट में ओबीसी वर्ग का दबदबा है. वैसे तो इस सीट में अनुसूचित जाति वर्ग के लोग अधिक है, लेकिन ओबीसी वर्ग जीत और हार का समीकरण तय करता है.इसके अलावा कुर्मी, कश्यप, साहू, राठौर जाति भी विधानसभा में है. अनुसूचित जनजाति और सामान्य वर्ग के वोटर भी कम होने के बाद भी किसी भी प्रत्याशी के लिए दोनों वर्गों का मत अहम है.

जांजगीर-चांपा विधानसभा में मतदाताओं की स्थिति : जांजगीर चांपा विधानसभा में 212297 मतदाता हैं. जिसमें से 104631 महिला और 107653 पुरुष मतदाता हैं.वहीं थर्ड जेंडर के 13 मतदाता शामिल हैं. 2018 विधानसभा चुनाव में यहां का मतदान प्रतिशत 74 प्रतिशत तक था. जिसमें महिलाओं ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया था.



2018 में कैसा रहा परिणाम : 2018 विधानसभा चुनाव में राष्ट्रीय दलों के साथ-साथ स्थानीय और निर्दलीय प्रत्याशियों ने भी अपना भाग्य आजमाया .बीजेपी से नारायण चंदेल, कांग्रेस से मोतीलाल देवांगन और बसपा से व्यास कश्यप को मिलाकर 16 प्रत्याशी चुनावी मैदान में उतरे. जिसमें बीजेपी के नारायण चंदेल को 54 हजार 040 और कांग्रेस के मोतीलाल देवांगन को 49 हजार 852 मत मिले. करीबी मुकाबले में नारायण चंदेल ने मोतीलाल को 4188 मतों से हराया था. बसपा के व्यास कश्यप ने 33 हजार 505 मत हासिल किए थे. पिछले चुनाव में इस विधानसभा में 72.10 फीसदी वोटिंग हुई थी


जांजगीर चांपा विधानसभा सभा क्षेत्र को जानिए : आजादी के बाद से जांजगीर चांपा का चुनावी समीकरण कुछ अलग ही रहा है. इस सीट मे संविधान निर्मात्री समिति के सदस्य ठाकुर छेदी लाल बैरिस्टर ने अपनी दावेदारी निर्दलीय प्रत्यशी के रूप में. लेकिन उन्हें कांग्रेस के राम कृष्ण राठौर ने पराजित किया. इस सीट मे ओबीसी वर्ग का दबदबा है. वैसे तो इस सीट में अनुसूचित जाति वर्ग के लोग अधिक है. लेकिन ओबीसी वर्ग का अहम भूमिका रहती है. जिसमें कुर्मी, कश्यप, साहू, राठौर जाति प्रमुख रूप से अपना स्थान बनाये रखती है. अनुसूचित जन जाति और सामान्य वर्ग के वोटर भी कम होने के बाद भी राजनितिक क्षेत्र मे अपनी अच्छी पकड़ बनाये रखे है.



जांजगीर चांपा के मुद्दे और समस्याएं : जांजगीर चांपा विधानसभा किसान बाहुल्य क्षेत्र है. क्षेत्र का 80 फीसदी भाग नहर के पानी पर निर्भर है.किसान खरीफ फसल के तौर पर धान उगाकर और फिर उसे सरकार को बेचकर लाभ कमाते हैं.लेकिन रबी की फसल में परिवर्तन ना करके वापस धान उगाते हैं.दूसरी फसल के उत्पादन को सरकार नहीं खरीदती. सरकार के मूल्य निर्धारण नही करने से किसानों को दूसरी बार उगाई गई फसल का उचित दाम नहीं मिलता.जिसे वो बिचौलियों की मदद से खुले बाजार में कम कीमत में बेचकर अपना खर्च निकालते हैं.किसानों को अपनी इस समस्या से निजात पाने के लिए सरकार से कई बार ग्रीष्म कालीन फसल में धान के लिए नहर से पानी देने और फसल के उचित दाम की मांग की है.जो अब तक पूरी नहीं हुई है. इसके अलावा रोजगार की मांग, चिकित्सा, शिक्षा की अच्छी व्यवस्था की मांग प्रमुख मुद्दे हैं.वहीं शहरी क्षेत्रों में पेयजल की समस्या बनीं हुई है.

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जांजगीर चांपा का सियासी महत्व : जांजगीर चांपा विधानसभा सभा सीट में हसदेव नदी आती है.राजनीतिक दृष्टिकोण से ये नदी काफी अहम है. हसदेव नदी के बाई ओर चांपा नगर पालिका है और दायी ओर जांजगीर नगर पालिका. विधानसभा के हिसाब से बांई ओर कम वोटर है और दाएं हिस्से में अधिक मतदाता हैं.कांग्रेस पिछले 25 साल से मोती लाल देवांगन को अपना प्रत्याशी बनाते आई है. वहीं बीजेपी लगातार नारायण चंदेल को चुनावी मैदान में उतार रही है. इसके अलावा नदी के दायी ओर जांजगीर नगर पालिका क्षेत्र में कांग्रेस से टिकट मांगने वालों की लम्बी लाइन है.जिन्हें नदी के दूसरी ओर के वोटर्स को साधने में मुश्किल होती है.यही हाल चांपा नगर पालिका क्षेत्र के लोगों के टिकट दावेदारों का भी रहता है.

Last Updated : Dec 3, 2023, 10:04 AM IST
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