जांजगीर-चांपा : बारापीपर ग्राम पंचायत में सरपंच, सचिव के द्वारा स्वच्छ भारत मिशन के तहत शौचालय निर्माण में भ्रष्टाचार करने का मामला सामने आया है. दरअसल सरपंच और सचिव ने 50 हितग्राहियों को अभी तक शौचालय के लिए दी जाने वाली राशि का भुगतान नहीं किया है. ग्रामीण शौचालय की राशि के लिए जनपद कार्यालय और एसडीएम कार्यालय के चक्कर लगाने को मजबूर हैं. वहीं जानकारी के मुताबिक शासन की ओर से राशि का आवंटन हो चुका है, लेकिन राशि को सरपंच और सचिव ने निकाल लिया है.
भ्रष्टाचार का मामला
ग्रामीणों का आरोप है कि उन्होंने सरपंच और सचिव से कई बार शौचालय निर्माण के लिए दिए जाने वाले पैसे की मांग की. साथ ही उनके घर जाकर उनको अवगत भी कराया. इसके बावजूद भी उन्हें शौचालय की राशि अभी तक नहीं मिल पाई. ग्रामीणों ने बताया कि, 'सरपंच, सचिव के कहने पर शौचालय बनवाए गए हैं. वहीं सरपंच और सचिव घर आकर शौचालय का फोटो खींचकर भी ले गए हैं. सूची में नाम होने के बाद भी उन्हें शौचालय के लिए दिए जाने वाले 12 हजार रुपए नहीं मिले हैं.
पैसे उधार ले के कराया गया था शौचालय का निर्माण
ग्रामीणों का कहना है कि, 'सरपंच, सचिव के कहने पर रसूखदारों से राशि उधार लेकर उन्होंने शौचालय बनाए. वहीं अब रुपए नहीं होने पर हम उन्हें रुपए का भुगतान नहीं कर पा रहे हैं, जिसकी वजह से वो बार-बार घर आकर रुपए मांग रहे हैं'. उन्होंने ये भी बताया कि, 'जब वो सरपंच, सचिव के पास जाते हैं, तो सरपंच, सचिव ग्रामीणों को धमकी देकर वहां से भगा देते हैं'.
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वहीं गुरुवार को ग्राम पंचायत बारापीपर के ग्रामीणों ने इसकी शिकायत जनपद पंचायत डभरा के सीईओ और एसडीएम से की है, लेकिन अब तक हितग्राहियों को रुपए नहीं दिया गया है.