जांजगीर चांपा: मालखरौदा विकासखंड के पोता गांव में निर्माणाधीन आवासीय भवन भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ रहा है. ठेकेदार को भवन निर्माण के लिए 2 साल का समय दिया गया था. जो अब तक पूरा नहीं हो पाया है. वहीं ठेकेदार पर आरोप है कि 'विभागीय अधिकारियों की मिलीभगत से ठेकेदार ने भवन को दूसरे ठेकेदार को ठेका में दे दिया है, साथ ही भवन निर्माण के गुणवत्ता में भी कमी देखी जा रही है.
छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल संभाग कोरबा की ओर से मालखरौदा ब्लॉक में सामान्य प्रशासन और विभाग के अधिकारी, कर्मचारी के लिए आवासीय निर्माण का काम किया जा रहा है. निर्माण कार्य को 3 साल 6 महीने से ज्यादा हो गया है, लेकिन काम अब तक पूरा नहीं हो पाया है. वहीं बिना इंजीनियर की देखरेख में मजदूरों और राजमिस्त्री के भरोसे 5 करोड़ का निर्माण कार्य किया जा रहा है.
भवन निर्माण में लापरवाही
- भवन की नींव का लेवल बहुत ही कम रखा गया है, ताकि निर्माण के दौरान छड़ और सीमेंट की मात्रा कम लगे.
- भवन के फाउंडेशन का लेबल कम रखा गया है, जिससे आवासीय परिसर में पानी जमा हो रहा है
- भवन में चौखट, खिड़की घटिया स्तर का लगाया गया है.
आवासीय परिसर समय पर पूरा नहीं होने के कारण ब्लॉक मालखरौदा क्षेत्र के कर्मचारियों को किराए के मकान पर रहना पड़ रहा है. जबकि शासन ने कर्मचारियों की सुविधा के लिए ही करोड़ों रुपए लागत से आवासीय परिसर का निर्माण की स्वीकृति दी है.