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जांजगीर चांपा: सरकारी दफ्तरों पर 1 अरब 31 करोड़ का बिजली बिल बकाया

जांजगीर-चांपा में बिजली उपभोक्ताओं पर करीब 1 अरब 31 करोड़ रुपये का बिजली बिल बकाया है. इसमें 31 शासकीय विभाग के कार्यालय भी शामिल है, जिसने वर्षों से बिजली बिल नहीं भरा है.

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Published : Jul 25, 2019, 11:34 AM IST

Updated : Jul 25, 2019, 11:55 AM IST

बिजली विभाग का कार्यालय

जांजगीर-चांपा: छत्तीसगढ़ सरकार की 'बिजली बिल हाफ' योजना के बाद भी प्रदेश में विद्युत विभाग के हालात नहीं सुधरे हैं. सरकार की तमाम कोशिशों के बाद भी जांजगीर चांपा में 1 अरब 31 लाख रुपये बिजली बिल बकाया है. इसमें सबसे ज्यादा 31 सरकारी विभाग के दफ्तरों के पास बकाया है.

जिले के बिजली उपभोक्ताओं पर 1 अरब 31 करोड़ का बिजली बिल बकाया

सरकारी विभाग के कई दफ्तर का डेढ़ साल से बिजली बिन नहीं किया गया है. बताते हैं इन दफ्तरों पर विद्युत विभाग का 25 करोड़ 12 लाख रुपये बिजली बिल बकाया है. सरकारी विभाग में खर्च के लिए हर साल मार्च में पैसा आ जाता था, लेकिन इस बार विधानसभा और लोकसभा चुनाव के कारण पैसे आने में देरी होने से इन विभागों पर बिजली बिल बकाया और बढ़ गया.

2 करोड़ 82 लाख बिजली बिल बकाया
बकायेदारों की लिस्ट में सबसे ऊपर ग्राम पंचायत और नगरीय निकाय है. ग्राम पंचायतों पर 17 करोड़ 63 लाख 23 हजार रुपये का बकाया है. वहीं नगर पालिका और नगर पंचायतों पर 2 करोड़ 21 लाख 36 हजार रुपये बिजली बिल बकाया है. तीसरे नंबर पर शिक्षा विभाग है, जिस पर 2 करोड़ 82 लाख 32 हजार रुपये बिल बकाया है.

कभी भी कट सकती है बिजली
जिले के करीब 31 शासकीय विभागों पर बिजली बिल का 25 करोड़ 12 लाख रुपये बकाया है. जिसकी वजह से कुल बकाया 1 अरब 31 करोड़ के पार जा पहुंचा है, जिसे वसूलने में विभागीय अधिकारियों के हालत खराब हो रहे हैं.

जांजगीर-चांपा: छत्तीसगढ़ सरकार की 'बिजली बिल हाफ' योजना के बाद भी प्रदेश में विद्युत विभाग के हालात नहीं सुधरे हैं. सरकार की तमाम कोशिशों के बाद भी जांजगीर चांपा में 1 अरब 31 लाख रुपये बिजली बिल बकाया है. इसमें सबसे ज्यादा 31 सरकारी विभाग के दफ्तरों के पास बकाया है.

जिले के बिजली उपभोक्ताओं पर 1 अरब 31 करोड़ का बिजली बिल बकाया

सरकारी विभाग के कई दफ्तर का डेढ़ साल से बिजली बिन नहीं किया गया है. बताते हैं इन दफ्तरों पर विद्युत विभाग का 25 करोड़ 12 लाख रुपये बिजली बिल बकाया है. सरकारी विभाग में खर्च के लिए हर साल मार्च में पैसा आ जाता था, लेकिन इस बार विधानसभा और लोकसभा चुनाव के कारण पैसे आने में देरी होने से इन विभागों पर बिजली बिल बकाया और बढ़ गया.

2 करोड़ 82 लाख बिजली बिल बकाया
बकायेदारों की लिस्ट में सबसे ऊपर ग्राम पंचायत और नगरीय निकाय है. ग्राम पंचायतों पर 17 करोड़ 63 लाख 23 हजार रुपये का बकाया है. वहीं नगर पालिका और नगर पंचायतों पर 2 करोड़ 21 लाख 36 हजार रुपये बिजली बिल बकाया है. तीसरे नंबर पर शिक्षा विभाग है, जिस पर 2 करोड़ 82 लाख 32 हजार रुपये बिल बकाया है.

कभी भी कट सकती है बिजली
जिले के करीब 31 शासकीय विभागों पर बिजली बिल का 25 करोड़ 12 लाख रुपये बकाया है. जिसकी वजह से कुल बकाया 1 अरब 31 करोड़ के पार जा पहुंचा है, जिसे वसूलने में विभागीय अधिकारियों के हालत खराब हो रहे हैं.

Intro:बिजली बिल उपभोक्ताओं का 1 अरब 31 करोड़ बकाया, सरकारी विभागों पर बिजली बिल का 25 करोड़ 12 लाख रु बकाया

बिजली विभाग के बकाया कर्जदार के लिस्ट में सबसे ऊपर जिले के ग्राम पंचायत व नगरीय निकाय हैं 

जिले के करीब 31 शासकीय विभागों पर बिजली बिल का 25 से ज्यादा बकाया

जांजगीर-चांपा :- जिले के उपभोक्ता राज्य सरकार द्वारा बिजली बिल हाफ की सुविधा देने के बावजूद नही सुधर रहे हैं जिसकी वजह से बिजली विभाग का बकाया अब 1 अरब 31 करोड़ रूपये पहुॅच गया है। इस मामले मे सरकारी विभाग भी बिल भुगतान मे फिसड्डी साबित हो रहा है डेढ़ साल हो गए विभागों को बिजली बिल के नाम पर फूटी-कौड़ी नहीं मिली है सरकारी विभागों पर विद्युत विभाग का 25 करोड़ 12 लाख का बिल बकाया है। इसकी वजह यही बताई जाती है कि सरकारी विभाग का पैसा हर बार साल के अंत में यानी मार्च में आ ही जाता है। मगर इस बार ऐसा नहीं हुआ, क्योंकि पहले विधानसभा और फिर लोकसभा चुनाव, इसके बाद प्रदेश में सरकार बदल गई। नतीजा बिजली विभाग पर बकाया बढ़ गया। Body:बिजली विभाग के बकाया कर्जदार के लिस्ट में सबसे ऊपर जिले के ग्राम पंचायत व नगरीय निकाय हैं। ग्राम पंचायतों में जहां 17 करोड़ 63 लाख 23 हजार रुपए का बकाया है। वहीं नगरपालिका और नगर पंचायतों का 2 करोड़ 21 लाख 36 हजार रुपए बिजली बिल बकाया है। तीसरे नंबर पर जिले का शिक्षा विभाग है जिस पर 2 करोड़ 82 लाख 32 हजार रुपए बकाया है। Conclusion:इसी तरह जिले के करीब 31 शासकीय विभागों पर बिजली बिल का 25 करोड़ 12 लाख रुपए बकाया है। जिसकी वजह से कुल बकाया 1 अरब 31 करोड़ के पार जा पहुॅचा है जिसे वसूलने मे विभागीय अधिकारियों की हालत पस्त है और अब उन्हे लाईन काटने के अलावा कोई चारा नजर नही आ रहा है। 

बाईट-1 ए के अंबस्ठ अधीक्षण यंत्री सीएसईबी जांजगीर-चांपा
Last Updated : Jul 25, 2019, 11:55 AM IST
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