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कैसे जीतेंगे जंग: क्वॉरेंटाइन सेंटर्स में प्रवासी मजदूरों को मिल रहा आधा खाना

जगदलपुर जिले के कई क्वॉरेंटाइन सेंटर्स पर अव्यवस्था देखी जा रही है. क्वॉरेंटाइन सेंटरों में रखे गए मजदूरों का कहना है कि उनके खाने की सही व्यवस्था नहीं की जा रही है, जिससे वे परेशान हैं. इस संबंध में बस्तर विधायक लखेश्वर बघेल ने कलेक्टर से चर्चा की है.

quarantine centers in Bastar
क्वारेंटाइन सेंटर बस्तर
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Published : May 16, 2020, 10:22 PM IST

Updated : Jul 25, 2023, 7:57 AM IST

जगदलपुर: कोरोना संकट के दौर में प्रवासी मजदूरों को वापस लाने की व्यवस्था सरकार की ओर से की जा रही है. बस्तर से भी हजारों की संख्या में मजदूर अलग-अलग राज्यों में काम करने के लिए गए हुए थे, जो अब वापस लौट रहे हैं. ऐसे में इन मजदूरों को घर भेजने से पहले इनके स्वास्थ्य की जांच कर इन्हें 14 दिनों के लिए क्वॉरेंटाइन किया जा रहा है.

मजदूरों को रखने के लिए प्रशासन ने जिले के कई स्थानों पर क्वॉरेंटाइन सेंटर बनाए हैं, लेकिन इन क्वॉरेंटाइन सेंटरों में मजदूरों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड रहा है. मजदूरों का कहना है कि उन्हें पेटभर भोजन नहीं मिल रहा है. वहीं पानी के पानी की भी दिक्कत है.

रेड-यलो और ग्रीन जोन से आए मजदूर

क्वॉरेंटाइन सेंटर में अव्यवस्था देखने को मिल रही है. सबसे ज्यादा बुरा हाल जिले के दरभा ब्लॉक में बनाए गए क्वॉरेंटाइन सेंटर का है, जहां तेलंगाना और आंध्रप्रदेश से लगभग 600 की संख्या में मजदूर बस्तर पहुंचे हैं. इनमें से लगभग 300 मजदूर रेड, यलो और ग्रीन जोन से हैं.

बरती जा रही है लापरवाही

क्वॉरेंटाइन सेंटर में सोशल डिस्टेंसिंग का भी पालन नहीं किया जा रहा है. खाने-पीने की दिक्कत होने से गृह राज्य लौटे मजदूरों को परेशानी झेलनी पड़ रही है.

पढ़ें - जगदलपुर: 11 महीने पहले लापता हुए युवक के केस में नया मोड़, 3 आरोपी गिरफ्तार

बस्तर कलेक्टर से की गई चर्चा

बस्तर विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष और विधायक लखेश्वर बघेल ने भी कहा है कि मजदूरों के बारे में मीडिया से जानकारी मिली है. उन्होंने कहा कि क्वॉरेंटाइन सेंटर में लापरवाही हो रही है. उन्होंने कहा कि इस मामले पर बस्तर कलेक्टर से चर्चा हुई है. लापरवाही बरतने वाले वालों पर कड़ी नजर रखने के साथ सभी सेंटरों में व्यवस्था सुधारने को कहा गया है और मजदूरों को भरपेट भोजन उपलब्ध कराने के लिए आदेशित किया गया है.

जगदलपुर: कोरोना संकट के दौर में प्रवासी मजदूरों को वापस लाने की व्यवस्था सरकार की ओर से की जा रही है. बस्तर से भी हजारों की संख्या में मजदूर अलग-अलग राज्यों में काम करने के लिए गए हुए थे, जो अब वापस लौट रहे हैं. ऐसे में इन मजदूरों को घर भेजने से पहले इनके स्वास्थ्य की जांच कर इन्हें 14 दिनों के लिए क्वॉरेंटाइन किया जा रहा है.

मजदूरों को रखने के लिए प्रशासन ने जिले के कई स्थानों पर क्वॉरेंटाइन सेंटर बनाए हैं, लेकिन इन क्वॉरेंटाइन सेंटरों में मजदूरों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड रहा है. मजदूरों का कहना है कि उन्हें पेटभर भोजन नहीं मिल रहा है. वहीं पानी के पानी की भी दिक्कत है.

रेड-यलो और ग्रीन जोन से आए मजदूर

क्वॉरेंटाइन सेंटर में अव्यवस्था देखने को मिल रही है. सबसे ज्यादा बुरा हाल जिले के दरभा ब्लॉक में बनाए गए क्वॉरेंटाइन सेंटर का है, जहां तेलंगाना और आंध्रप्रदेश से लगभग 600 की संख्या में मजदूर बस्तर पहुंचे हैं. इनमें से लगभग 300 मजदूर रेड, यलो और ग्रीन जोन से हैं.

बरती जा रही है लापरवाही

क्वॉरेंटाइन सेंटर में सोशल डिस्टेंसिंग का भी पालन नहीं किया जा रहा है. खाने-पीने की दिक्कत होने से गृह राज्य लौटे मजदूरों को परेशानी झेलनी पड़ रही है.

पढ़ें - जगदलपुर: 11 महीने पहले लापता हुए युवक के केस में नया मोड़, 3 आरोपी गिरफ्तार

बस्तर कलेक्टर से की गई चर्चा

बस्तर विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष और विधायक लखेश्वर बघेल ने भी कहा है कि मजदूरों के बारे में मीडिया से जानकारी मिली है. उन्होंने कहा कि क्वॉरेंटाइन सेंटर में लापरवाही हो रही है. उन्होंने कहा कि इस मामले पर बस्तर कलेक्टर से चर्चा हुई है. लापरवाही बरतने वाले वालों पर कड़ी नजर रखने के साथ सभी सेंटरों में व्यवस्था सुधारने को कहा गया है और मजदूरों को भरपेट भोजन उपलब्ध कराने के लिए आदेशित किया गया है.

Last Updated : Jul 25, 2023, 7:57 AM IST
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