जगदलपुर: बस्तर में भी कुछ ही दिनों में मानसून दस्तक देने वाली है. इस मानसून को लेकर शहरवासियों को चिंता सताने लगी है. दरअसल शहर के 48 वार्डों में से अधिकतर वार्ड जलभराव की समस्या से पिछले कई सालों से जूझ रहे हैं. शहर के अधिकतर मुख्य चौक चौराहे भी बारिश के पानी से पूरी तरह से जलमग्न हो जाते हैं. सड़कों में लबालब बारिश का पानी भर जाने से राहगीरों को कई दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.
हालांकि इस बार नगर निगम के जिम्मेदारों ने दावा किया है कि मानसून से पहले ही सारी व्यवस्था दुरुस्त कर ली गई है. जबकि विपक्ष का कहना है कि हर बार की तरह इस बार भी शहर वासियों को भारी बारिश की वजह से जलभराव की समस्या से एक बार फिर जूझना पड़ सकता है, चूंकि निगम ने केवल कागजों में ही बारिश से निपटने की तैयारी कर रखी है.
18 से ज्यादा वार्डों में जलभराव की समस्या
मौसम वैज्ञानी के मुताबिक बस्तर में इस साल 12 से 15 जून के आसपास मानसून दस्तक देने वाली है. इस साल बस्तर में भी भारी बारिश होने की संभावना मौसम विज्ञानी ने जताई है. हर साल बारिश के दौरान नगर निगम के अंतर्गत आने वाले 48 वार्डों में से 18 से अधिक वार्ड जलभराव की समस्या से जूझते आ रहे हैं. वार्डो में लबालब पानी भर जाने की वजह से उन्हें पूरे बरसात के महीने तक काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. खासकर गंगा नगर वार्ड, रमैया वार्ड, राजेंद्र नगर वार्ड, दंतेश्वरी वार्ड, अंबेडकर वार्ड, दलपत सागर वार्ड, हिकमी पारा, शांति नगर वार्ड और ऐसे शहर के कई वार्ड है. जहां जलभराव की समस्या से वार्डवासी जूझ रहे है.
दंतेवाड़ा में मानसून से पहले हो रही सभी वार्डों में नालियों की साफ-सफाई
कागजों में ही हो रहे विकास कार्य: नेता प्रतिपक्ष संजय पांडे
निगम के नेता प्रतिपक्ष संजय पांडे का कहना है कि निगम में 7 सालों से कांग्रेस की सरकार है और इस 7 सालों में केवल कागजों में ही विकास कार्य हुए हैं. जलभराव की स्थिति से निपटने के शहर में बड़े पुल, पुलिया और ड्रेनेज की आवश्यकता है. लेकिन निगम सरकार ने करोड़ों रुपये केवल कागजों में ही खर्च कर दिए है. शहर में व्यवस्था दुरुस्त नहीं कर पाई है. जलभराव से निपटने के लिए केवल नालियों की साफ-सफाई करने की बात कर खानापूर्ति की जा रही है. साथ ही निगम के सभी जिम्मेदार फोटो खिंचवाने में व्यस्त हैं.
नगर निगम ने मानसून की तैयारी पूरी की
इधर निगम के महापौर सफिरा साहू का कहना है कि मानसून को देखते हुए नगर निगम ने सारी तैयारियां पूरी कर ली है. बड़े नालों और नालियों की सफाई के साथ ही कुछ वार्डो में जल निकासी की व्यवस्था की गई है. बारिश से शहर के सबसे ज्यादा प्रभावित होने वाले वार्ड और मुख्य सड़कों के जलभराव की स्थिति से निपटने के लिए महापौर ने कहा कि लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों के साथ लगातार बैठक की जा रही है. व्यवस्था दुरुस्त करने की कवायद जारी है.
बस्तर में लगातार 2 से 3 घंटे के बारिश में आधा शहर पूरी तरह से जलमग्न हो जाता है. कई वार्डो के घरों में बाढ़ जैसी स्थिति बन जाती है. लेकिन पिछले कई सालों से इस जलभराव की समस्या से निजात दिला पाने में जगदलपुर नगर निगम में रहे दोनों ही पार्टी की सरकार पूरी तरह से विफल साबित हुई है.