जगदलपुर : स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने कांग्रेस छोड़कर किसी अन्य दल में जाने की बात से इनकार किया (TS Singhdev refuses to join BJP) है. टीएस सिंहदेव से जब पूछा गया कि क्या वो भविष्य में बीजेपी ज्वाइन करेंगे.तो उन्होंने इस सवाल का सीधा जवाब ना कहकर दिया. टीएस सिंहदेव के मुताबिक मैं कांग्रेस छोड़ किसी भी पार्टी में कभी नहीं जाऊंगा और रही बात राजनीतिक दलों से बातचीत करने की तो वो तो होती रहती है बातों का क्या है.टीएस सिंहदेव के इस बयान ने एक बार फिर ये साफ कर दिया है कि उनका कांग्रेस में भविष्य क्या (TS Singhdev statement on BJP ) है.
दल बदल कानून पर भी दी राय : सिंहदेव ने एक पार्टी को छोड़कर दूसरे दल में शामिल होने की घटना को दुर्भाग्य बताया है. टीएस सिंहदेव ने कहा कि किसी भी दल को छोड़कर दूसरी पार्टी में शामिल होने से सरकार गिराना या बनाना सीधा-सीधा जनमत का माखौल उड़ाना है. यदि मकसद सिर्फ चुनाव जीतकर पहले आना है और फिर पार्टी छोड़कर किसी और का साथ देना है तो ये बेहद गलत है. इसके लिए राजनीति दलों को दल बदल कानून पर सख्ती से सोचना होगा.
कांग्रेस ने पूरे किए 36 वादे : इस दौरान टीएस सिंहदेव ने कहा कि चुनावी घोषणा पत्र में किए गए 36 में से 19 से अधिक वादे पूरे कर लिए गए हैं.स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कांग्रेस की सरकार बनते ही सबसे पहले प्रदेश की 75% आबादी को फोकस करते हुए किसानों को किए गए वादे 25 सौ रुपए प्रति क्विंटल में धान खरीदी और ऋण माफी का वादा पूरा किया गया था . बस्तर में डॉक्टरों की कमी को मानते हुए उन्होंने कहा कि डॉक्टरों एवं अन्य पदों पर भर्ती जल्द होगी. जिले के महारानी अस्पताल में 16 डॉक्टरों की भर्ती हुई. इसी तरह मेडिकल कॉलेज में भी खाली पड़े पदों पर भर्ती की जाएगी. मानव संसाधन के साथ ही इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ावा देने का काम कांग्रेस पार्टी कर रही है.
जगदलपुर अस्पताल को दी सौगात : बता दें कि स्वास्थ्य मंत्री ने मेडिकल कॉलेज जगदलपुर (TS Singhdev Jagdalpur visit) में 20 बेड के ट्रामा सेंटर के भूमिपूजन के साथ ही कुल 7 करोड़ 33 लाख के 8 कार्यों का भूमि पूजन, 5 करोड़ 30 लाख रुपए के 6 कार्यों का लोकार्पण किया. स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव ने सुकमा के रेगड़ गट्टा में आदिवासियों की मौत को लेकर कहा कि मामले में स्वास्थ्य विभाग नजर रख रहा है. यह गांव दूरस्थ इलाके में है. वर्ष 2020 और 22 में सामान्य से ज्यादा मौतें गांव में हुई. नई उपचार पद्धति से आदिवासी बाहुल्य गांव के लोग नही जुड़ रहे. मंत्री ने गांव में बैगा परिवार के एक सदस्य को छोड़कर बाकी लोगों की मृत्यु होने की बात का भी जिक्र किया.