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बस्तर: धान खरीदी केंद्रों में निगरानी के पुख्ता इंतजाम, बिचौलियों पर कड़ी नजर

छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग में धान खरीदी को लेकर आईजी सुंदरराज पी ने जानकारी दी है. IG ने बिचौलियों पर नजर रखने के लिए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम की बात कही है. बॉर्डर इलाकों में जंगल और मुख्य मार्गों पर निगरानी रखी जा रही है. ताकि अन्य राज्यों से धान छत्तीसगढ़ न पहुंच सके.

Tight monitoring arrangements in Paddy Procurement Centers
धान खरीदी केंद्रों में निगरानी के पुख्ता इंतजाम
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Published : Dec 5, 2020, 4:43 AM IST

Updated : Jul 25, 2023, 7:57 AM IST

जगदलपुर: छत्तीसगढ़ में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी 1 दिसंबर से शुरू हो चुकी है. समर्थन मूल्य पर धान की खरीदी करने के लिए शासन ने इस बार खरीदी केंद्रों से लेकर संग्रहण केंद्रों में तगड़ी निगरानी रखी है. बस्तर के सीमावर्ती इलाकों में मौजूद धान खरीदी केंद्रों में बिचौलियों के धान खपाने के मामले सामने आने के बाद इस साल प्रशासन बिचौलियों पर नजर रखने के लिए खास सतर्कता बरत रही है.

धान खरीदी केंद्रों में निगरानी के पुख्ता इंतजाम

गुरुवार को पुलिस महानिदेशक ने प्रदेश भर के पुलिस के आला अधिकारियों के साथ हुई बैठक के बाद बस्तर में भी अवैध धान के परिवहन को रोकने और बिचौलियों पर कार्रवाई करने बस्तर आईजी ने सारे इंतजाम दुरुस्त कर लेने की बात कही है. बस्तर आईजी ने जानकारी देते हुए बताया कि बस्तर संभाग के सातों जिलों में धान खरीदी शुरू हो चुकी है. संभाग के 3 जिलों में तेलंगाना, उड़ीसा और महाराष्ट्र के बॉर्डर हैं. हर साल इन्हीं सीमावर्ती इलाकों से धान खपाने की शिकायत मिलती है. इस बार इस सीमावर्ती इलाकों में फूड विभाग और प्रशासन के साथ-साथ पुलिस विभाग भी खास नजर बनाए हुए है.

पढ़ें: SPECIAL : धान खरीदी और तस्करों का जाल, बॉर्डर पर तस्करी का खुला खेल

सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम

आईजी ने बताया की बॉर्डर इलाकों में मोबाइल चेक पोस्ट लगाने के साथ ही नाकेबंदी की गई है. संदिग्ध व्यक्तियों से पूछताछ भी जारी है. कई बार यह भी शिकायत मिलती है कि सीमावर्ती इलाकों में मुख्य मार्ग के अलावा जंगल के रास्तों बिचौलिये धान खपाने की कोशिश करते हैं. जिसे देखते हुए पुलिस विभाग और वन विभाग के उड़नदस्ता टीम ने जंगल के इलाकों में भी पूरी तरह से निगरानी रखी हुई है. दूसरे राज्य का एक भी धान बस्तर में नहीं खपाया जा सके इसके लिए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं.

पढ़ें: दंतेवाड़ा: आत्मसमर्पित नक्सलियों के लिए रोजगार की पहल, पशुपालन की दी गई ट्रेनिंग

दरअसल बस्तर संभाग के 40 से अधिक उपार्जन केंद्र ऐसे हैं, जो सीमावर्ती राज्य से लगे हुए हैं. इन केंद्रों में हर साल बड़ी मात्रा में बिचौलियों के धान खपाने की शिकायत मिलती रही है. ऐसे में इस बार विशेष टीम गठित करने के साथ जीपीएस सिस्टम से भी ट्रकों में निगरानी रखने की बात सामने आई है. इसके अलावा इस साल सभी केंद्रों में केंद्रवार निगरानी अधिकारी की भी नियुक्ति की जाने की बात प्रशासन के अधिकारियों ने कही है.

जगदलपुर: छत्तीसगढ़ में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी 1 दिसंबर से शुरू हो चुकी है. समर्थन मूल्य पर धान की खरीदी करने के लिए शासन ने इस बार खरीदी केंद्रों से लेकर संग्रहण केंद्रों में तगड़ी निगरानी रखी है. बस्तर के सीमावर्ती इलाकों में मौजूद धान खरीदी केंद्रों में बिचौलियों के धान खपाने के मामले सामने आने के बाद इस साल प्रशासन बिचौलियों पर नजर रखने के लिए खास सतर्कता बरत रही है.

धान खरीदी केंद्रों में निगरानी के पुख्ता इंतजाम

गुरुवार को पुलिस महानिदेशक ने प्रदेश भर के पुलिस के आला अधिकारियों के साथ हुई बैठक के बाद बस्तर में भी अवैध धान के परिवहन को रोकने और बिचौलियों पर कार्रवाई करने बस्तर आईजी ने सारे इंतजाम दुरुस्त कर लेने की बात कही है. बस्तर आईजी ने जानकारी देते हुए बताया कि बस्तर संभाग के सातों जिलों में धान खरीदी शुरू हो चुकी है. संभाग के 3 जिलों में तेलंगाना, उड़ीसा और महाराष्ट्र के बॉर्डर हैं. हर साल इन्हीं सीमावर्ती इलाकों से धान खपाने की शिकायत मिलती है. इस बार इस सीमावर्ती इलाकों में फूड विभाग और प्रशासन के साथ-साथ पुलिस विभाग भी खास नजर बनाए हुए है.

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सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम

आईजी ने बताया की बॉर्डर इलाकों में मोबाइल चेक पोस्ट लगाने के साथ ही नाकेबंदी की गई है. संदिग्ध व्यक्तियों से पूछताछ भी जारी है. कई बार यह भी शिकायत मिलती है कि सीमावर्ती इलाकों में मुख्य मार्ग के अलावा जंगल के रास्तों बिचौलिये धान खपाने की कोशिश करते हैं. जिसे देखते हुए पुलिस विभाग और वन विभाग के उड़नदस्ता टीम ने जंगल के इलाकों में भी पूरी तरह से निगरानी रखी हुई है. दूसरे राज्य का एक भी धान बस्तर में नहीं खपाया जा सके इसके लिए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं.

पढ़ें: दंतेवाड़ा: आत्मसमर्पित नक्सलियों के लिए रोजगार की पहल, पशुपालन की दी गई ट्रेनिंग

दरअसल बस्तर संभाग के 40 से अधिक उपार्जन केंद्र ऐसे हैं, जो सीमावर्ती राज्य से लगे हुए हैं. इन केंद्रों में हर साल बड़ी मात्रा में बिचौलियों के धान खपाने की शिकायत मिलती रही है. ऐसे में इस बार विशेष टीम गठित करने के साथ जीपीएस सिस्टम से भी ट्रकों में निगरानी रखने की बात सामने आई है. इसके अलावा इस साल सभी केंद्रों में केंद्रवार निगरानी अधिकारी की भी नियुक्ति की जाने की बात प्रशासन के अधिकारियों ने कही है.

Last Updated : Jul 25, 2023, 7:57 AM IST
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