जगदलपुर: माओवादी हर साल 5 जून से 11 जून तक जन पितुरी सप्ताह मनाते हैं. इस सप्ताह के दौरान नक्सली कोर इलाकों में बैठक करके नई रणनीतियां बनाते हैं. इसके साथ ही संगठन को मजबूत और विस्तार करने की भी तैयारी की जाती है. माओवादी जन पितुरी सप्ताह के दौरान छोटी बड़ी घटनाओं को अंजाम देने की फिराक में भी रहते हैं. नक्सलियों के जनपितुरी सप्ताह को देखते हुए बस्तर में सुरक्षा बल अलर्ट मोड पर है.
"नक्सली समय समय पर कई तरह के सप्ताह मनाते हैं. नक्सली इसके जरिए इलाके में आतंक का माहौल बनाने की कोशिश करते हैं. लेकिन बस्तर में नक्सली मोर्चे पर तैनात सुरक्षाबल के जवान ऐसे समय में अलर्ट मोड पर रहते हैं. सुरक्षाबल नक्सलियों की साजिश को विफल करने में जुटे रहते हैं." - सुंदरराज पी, बस्तर रेंज के आईजी
अलर्ट मोड पैरा मिलिट्री फोर्स: बस्तर संभाग के सीमावर्ती इलाकों में डीआरजी, एसटीएफ, जिला बल, CRPF, कोबरा और अन्य अर्धसैनिक बलों का सर्चिंग ऑपरेशन लगातार जारी है. नक्सलियों के जनपितुरी सप्ताह को देखते हुए लगातार नक्सल प्रभावित इलाकों में भी सर्चिंग ऑपरेशन चलाया जा रहा है. ताकि नक्सली अपने इस सप्ताह के दौरान किसी घटना को अंजाम नहीं दे पाए.
जानिए क्या है जन पितुरी सप्ताह: माओवादी हर साल 5 से 11 जून के बीच जन पितुरी सप्ताह मनाते हैं. माओवादी पुलिस एनकाउंटर में मारे गए अपने साथियों की याद में यह सप्ताह मनाते हैं. जन पितुरी सप्ताह में माओवादी क्षेत्र की प्रमुख सड़कों और रेल रूट को ब्लॉक करते हैं. साल 2006 से अब तक माओवादी जन पितुरी सप्ताह मना रहे हैं. पितुरी सप्ताह में नक्सली हिंसक वारदात को अंजाम देने की फिराक में रहते हैं. इस दौरान रेल, सड़क, बिजली के खंभे, साप्ताहिक बाजार जैसे जगह नक्सलियों के निशाने पर रहते हैं.