बस्तर: जगदलपुर के गुंडाधुर पार्क में एक दिवसीय धरना प्रदर्शन कर रहे आदिवासी समाज के नेता संभागीय अध्यक्ष प्रकाश ठाकुर ने कहा कि "बस्तर में 7 सूत्रीय मांगों को लेकर आज शांतिपूर्ण तरीके से धरना प्रदर्शन किया जा रहा है. Sarva aadiwasi samaj divided into two fractions यदि आने वाले दिनों में इनकी जायज मांगे पूरी नहीं होती है तो वे जल्द ही उग्र आंदोलन करने को बाध्य होंगे."
सर्व आदिवासी समाज की यह है मुख्य मांगें: अनुसूचित क्षेत्रों में 100% स्थानीय लोगों की भर्ती, नगरनार स्टील प्लांट के निजीकरण करने का विरोध, बस्तर संभाग में आदिवासियों पर पुलिस की प्रताड़ना के खिलाफ विरोध, छत्तीसगढ़ राज्य की स्थाई डोमिसाइल नीति को कानूनी रूप देते हुए छत्तीसगढ़ विधानसभा में अधिनियम के रूप में पारित किया जाए, NMDC में स्थाई रोस्टर के आधार पर मूलवासियों को भर्ती किया जाए, पेसा कानून 2022 के नियमों में संशोधन, Sarva aadiwasi samaj divided into two fractions सामुदायिक वन अधिकार दावों पर कड़ाई से पालन हो.
"दूसरा गुट कभी सामाजिक कार्यों के लिए आगे नहीं आता": सर्व आदिवासी समाज के प्रांतीय उपाध्यक्ष राजाराम तोड़ेम ने कहा कि "सर्व आदिवासी समाज आज धर्मांतरण के विरोध में धरना प्रदर्शन कर रही है. मजबूरी में आदिवासियों के दूसरे गुट ने भी धरना प्रदर्शन दूसरे जगह किया है. दूसरा गुट कभी सामाजिक कार्यों के लिए आगे नहीं आता है. Sarva aadiwasi samaj protest in bastar बल्कि राजनीतिक रोटी सेकने का काम कर रही है और जिन 7 सूत्रीय मांगों को लेकर वे धरना प्रदर्शन कर रहे हैं वे पूरी तरह से राजनीतिक मुद्दा है." राजाराम तोड़ेम ने आगे दूसरे गुट के संभागीय अध्यक्ष प्रकाश ठाकुर के ऊपर आरोप लगाते हुए कहा कि "वह तो खुद ही ईसाई समुदाय के लोगों का समर्थन करते हैं और उनके गुट में ईसाई लोग हैं. यही कारण है कि वे धर्मांतरण के धरना प्रदर्शन में शामिल नहीं हुए. Sarva aadiwasi samaj divided into two fractions जो खुद ईसाई हैं वे कैसे धर्मांतरण का विरोध कर सकते हैं."
"समाज में दो फाड़ होने की बात नहीं": इधर दूसरे गुट में सर्व आदिवासी समाज के संभागीय अध्यक्ष प्रकाश ठाकुर का कहना है कि "आदिवासी समाज में दो फाड़ होने की बात कभी भी नहीं आती है. यदि आती है तो वह राजनीति की वजह से आती है. राजनीति ही बांटने का काम कर रही है. हमें आवश्यकता नहीं है कि वह धर्म परिवर्तन मामले में जाएं.Sarva aadiwasi samaj protest in bastar क्योंकि इस मामले में जिसको फायदा होगा वही आगे जाएगा. आने वाले समय में चुनाव है. चुनाव के 4 वर्ष पहले राजनीतिक व्यक्ति अपना काम करते है और आखरी के जब 1 वर्ष बचे हैं. Sarva aadiwasi samaj divided into two fractions उनके पास कोई मुद्दा नहीं होने से वे ईसाई को मुद्दा बनाकर सुर्खियां बटोरने में लगे हैं.
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"उन्हें लगता है हम ईसाई हैं तो प्रूफ करें": सर्व आदिवासी समाज के संभागीय अध्यक्ष प्रकाश ठाकुर ने कहा कि "उन्हें लगता है कि हम ईसाई हैं तो यह वह प्रूफ करें. समाज के बैठक में आकर बताएं समाज की बैठक में कभी अपनी उपस्थिति नहीं देते हैं. और बस्तर संभाग के सभी जिलों में ईसाई समुदाय में आदिवासी शामिल हो रहे हैं. Sarva aadiwasi samaj divided into two fractions इसके विषय में भी सर्व आदिवासी समाज सोचता है और जिन जिन जातियों के लोग शामिल हो रहे हैं. Sarva aadiwasi samaj protest in bastar उनके समाज के लोग उनसे बातचीत करके उन्हें वापस लाने का काम कर रहे हैं. समाज की और से ही वापस आ रहे हैं ना कि राजनीतिक कारणों से. समाज का काम है तो समाज ही उसे ठीक करेगा. दूसरे गुट के लोग इसे राजनीतिक हवा देने में लगे हैं. जो की पूरी तरह से गलत है.