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जगदलपुर: संयुक्त मोर्चा संघ ने किया CAA और NRC का विरोध, राष्ट्रपति के नाम सौंपा ज्ञापन

छत्तीसगढ संयुक्त मोर्चा संघ ने शनिवार को  CAA और NRC के विरोध मे रैली निकाली और राष्ट्रपति के नाम बस्तर कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा.

sanyukt morcha sangh protest against caa and nrc in jagdalpur
संयुक्त मोर्चा संघ ने किया CAA और NRC का विरोध
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Published : Jan 11, 2020, 5:13 PM IST

Updated : Jul 25, 2023, 7:56 AM IST

जगदलपुर: छत्तीसगढ संयुक्त मोर्चा संघ ने शनिवार को CAA और NRC के विरोध में रैली निकाली. सीरासार चौक में जनसभा करने के बाद जगदलपुर शहर के मुख्य चौक-चौराहों में रैली निकाली और राष्ट्रपति के नाम बस्तर कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा. CAA और NRC के इस विरोध रैली में SC, ST, OBC और अल्पसंख्यक वर्ग के साथ ही कई सामाजिक संगठन के लोग शामिल हुए. वहीं कुछ लोगों ने सिर पर खुद को मानवतावादी और संविधानवादी बताते हुए टोपी लगा रखी थी.

संयुक्त मोर्चा संघ ने किया CAA और NRC का विरोध

NRC का विरोध कर रहे संयुक्त मोर्चा संघ के संयोजक नरेन्द्र जांगडे़ ने कहा कि, 'CAA और NRC के लागू होने से इसका सबसे ज्यादा प्रभाव बस्तर में पड़ेगा क्योंकि बस्तर एक आदिवासी अंचल है और यहां बड़ी संख्या में एसटी, एससी, ओबीसी के साथ ही अल्पसंख्यक के लोग मौजूद हैं. वहीं उनके पास पिछले 30 सालों के दस्तावेज भी मौजूद नहीं है. ऐसे में केंद्र सरकार इन्हें कहां भेजेगी.'

संयुक्त मोर्चा ने मांग की है कि एनआरसी लागू करने के लिए केन्द्र सरकार एक बार इस पर पुर्नविचार करें. वहीं विरोधकर्ताओं ने प्रदेश के मुख्यमंत्री से भी मांग की है कि, 'विधानसभा में एक विशेष सत्र बुलाकर छत्तीसगढ़ में एनआरसी लागू नहीं होने दिया जाए.' इधर एनआरसी और सीएए के विरोध में रैली में बडी संख्या में बस्तर के आदिवासियों के साथ ही बच्चे और महिलाएं भी शामिल हुईं.

जगदलपुर: छत्तीसगढ संयुक्त मोर्चा संघ ने शनिवार को CAA और NRC के विरोध में रैली निकाली. सीरासार चौक में जनसभा करने के बाद जगदलपुर शहर के मुख्य चौक-चौराहों में रैली निकाली और राष्ट्रपति के नाम बस्तर कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा. CAA और NRC के इस विरोध रैली में SC, ST, OBC और अल्पसंख्यक वर्ग के साथ ही कई सामाजिक संगठन के लोग शामिल हुए. वहीं कुछ लोगों ने सिर पर खुद को मानवतावादी और संविधानवादी बताते हुए टोपी लगा रखी थी.

संयुक्त मोर्चा संघ ने किया CAA और NRC का विरोध

NRC का विरोध कर रहे संयुक्त मोर्चा संघ के संयोजक नरेन्द्र जांगडे़ ने कहा कि, 'CAA और NRC के लागू होने से इसका सबसे ज्यादा प्रभाव बस्तर में पड़ेगा क्योंकि बस्तर एक आदिवासी अंचल है और यहां बड़ी संख्या में एसटी, एससी, ओबीसी के साथ ही अल्पसंख्यक के लोग मौजूद हैं. वहीं उनके पास पिछले 30 सालों के दस्तावेज भी मौजूद नहीं है. ऐसे में केंद्र सरकार इन्हें कहां भेजेगी.'

संयुक्त मोर्चा ने मांग की है कि एनआरसी लागू करने के लिए केन्द्र सरकार एक बार इस पर पुर्नविचार करें. वहीं विरोधकर्ताओं ने प्रदेश के मुख्यमंत्री से भी मांग की है कि, 'विधानसभा में एक विशेष सत्र बुलाकर छत्तीसगढ़ में एनआरसी लागू नहीं होने दिया जाए.' इधर एनआरसी और सीएए के विरोध में रैली में बडी संख्या में बस्तर के आदिवासियों के साथ ही बच्चे और महिलाएं भी शामिल हुईं.

Intro:जगदलपुर। बस्तर मे छत्तीसगढ संयुक्त मोर्चा संघ ने आज सीएए और एनआरसी के विरोध मे रैली निकाली। सीरासार चौक मे जनसभा करने के बाद जगदलपुर शहर के मुख्य चौक चौराहो मे रैली निकाली, और राष्ट्रपति के नाम बस्तर कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा। एनआरसी और सीएए के इस विरोध रैली मे एसटी, एससी ,ओबासी और अल्पसंख्यक वर्ग के साथ ही आधे दर्जन से ज्यादा सामाजिक संगठन के लोग शामिल हुए। वहीं कुछ लोगो ने सिर पर खुद को मानवतावादी और संविधानवादी बताते हुए टोपी लगा रखी थी।





Body:एनआरसी का विरोध कर रहे संयुक्त मोर्चा संघ के संयोजक नरेन्द्र जांगडे ने कहा कि एनआरसी और सीएए के लागू होने से इसका सबसे ज्यादा प्रभाव बस्तर मे पडेगा चुंकि बस्तर एक आदिवासी अंचल है और यहां बडी संख्या मे एसटी, एससी, ओबीसी के साथ ही अल्पसंख्यक के लोग मौजुद है, और उनके पास पिछले 30 सालो के दस्तावेज भी मौजुद नही है। ऐसे मे केन्द्र सरकार इन्हे कंहा भेजेगी।


Conclusion:संयुक्त मोर्चा ने मांग की है कि एनआरसी लागू करने के लिए केन्द्र सरकार एक बार इस पर पुर्नविचार करें। वही विरोधकर्ताओं ने प्रदेश के मुख्यमंत्री से भी मांग की है कि विधानसभा मे एक विशेष सत्र चलाकर छत्तीसगढ मे एनआरसी लागू नही होने दिया जाये। इधर एनआरसी और सीएए के विरोध रैली मे बडी संख्या मे बस्तर के आदिवासियो के साथ ही बच्चे और महिलाएं भी शामिल हुए।  

बाईट1- नरेद्र कुमार जांगडे, संयोजक संयुक्त मोर्चा संघ 
Last Updated : Jul 25, 2023, 7:56 AM IST
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