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बस्तर में हाट-बाजारों को खोलने को लेकर फुटकर व्यापारी लगा रहे प्रशासन से गुहार

बस्तर में जिला प्रशासन ने सभी दुकानों और बाजारों को खोलने की अनुमति दे दी है, लेकिन ग्रामीण इलाकों के बाजारों को खोलने की अनुमति नहीं दी गई है. जिसे लेकर शहरों के फुटकर व्यापारी प्रशासन से इन्हें खोलने की मांग कर रहे हैं.

Retailers are demanding to open Haat-markets
फुटकर व्यापारी कर रहे हाट-बाजारों को खोलने की मांग
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Published : Jun 2, 2021, 2:11 PM IST

Updated : Jul 25, 2023, 7:57 AM IST

बस्तर: जिले में 40 दिनों के टोटल लॉकडाउन के बाद जिला प्रशासन ने सभी दुकानों और बाजारों को खोलने की अनुमति दे दी है, लेकिन बस्तर के ग्रामीण अंचलों में अर्थव्यवस्था बनाए रखने वाले हाट बाजारों को अब तक खोलने की अनुमति नहीं मिली है. जिसे लेकर शहर के फुटकर व्यापारी लगातार कलेक्टर और एसडीएम कार्यालय के चक्कर काट रहे हैं. उनकी मांग है कि हाट-बाजारों को सीमित समय के लिए खोलने की अनुमति दे दी जाए, बावजूद इसके उनकी कोई सुनवाई नहीं हो रही है.

फुटकर व्यापारी कर रहे हाट-बाजारों को खोलने की मांग

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बस्तर जिले में बढ़ते कोरोना के प्रकोप को देखते हुए बीते 15 अप्रैल से जिला प्रशासन ने ग्रामीण अंचलों में लगने वाले हाट-बाजारों को बंद करने के निर्देश जारी किए थे. चूंकि बस्तर की अर्थव्यवस्था हाट-बाजारों से संचालित होती है, इसलिए इन्हें खुलने से ग्रामीणों के साथ-साथ फुटकर व्यापारियों को भी बड़ी राहत मिलेगी. इसी मांग को लेकर लगातार शहर के फुटकर व्यापारी बस्तर कलेक्टर से निवेदन कर हाट बाजारों को सीमित समय के लिए खोलने की मांग कर रहे हैं.

अप्रैल माह से ग्रामीण क्षेत्रों में हाट-बाजार हैं बंद

बस्तर के फुटकर व्यापारियों का कहना है कि पिछले 2 महीने से ग्रामीण अंचलों में लगने वाले हाट-बाजारों को बंद कर दिया गया है. इससे ना सिर्फ फुटकर व्यापारियों को आर्थिक तंगी से गुजरना पड़ रहा है, बल्कि स्थानीय ग्रामीणों को भी काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. स्थानीय ग्रामीण हाट में वस्तुओं को बेचकर जो थोड़ी बहुत आय प्राप्त करते हैं, उससे वे फुटकर व्यापारियों से सामान लेते हैं. लेकिन हाट-बाजार बंद होने से वस्तु विनिमय की पद्धति भी पूरी तरह से बंद हो गई है. जिससे ग्रामीणों और फुटकर व्यापारियों दोनों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

फुटकर व्यापारी लगातार प्रशासन से बाजार खोलने की कर रहे मांग

व्यापारियों का कहना है कि अनलॉक के तहत शहर के सुपरमार्केट, मॉल, शहर का संजय बाजार, गोल बाजार और कपड़ा मार्केट खोल दिया गया है. ऐसे में गांवों के हाट को भी खोला जाना चाहिए. उनका कहना है कि वह कई बार बस्तर कलेक्टर और एसडीएम से इस मांग को लेकर मिन्नतें की जा चुकी हैं, लेकिन उनकी कोई सुनवाई नहीं हो रही है.

रायपुर के अस्पतालों में 2 हजार 699 ऑक्सीजन बेड खाली

फुटकर व्यापारियों का कहना है कि अगर जिला प्रशासन इस पर कोई ध्यान नहीं देता है, तो सभी फुटकर व्यापारियों को भूखे मरने की नौबत आ जाएगी. उनका कहना है कि केवल बस्तर के ही व्यापारी नहीं बल्कि ग्रामीणों को भी वस्तु विनिमय को लेकर काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

व्यापारियों ने किया पूर्व विधायक से निवेदन

फुटकर व्यापारी इस मामले में कोई सुनवाई नहीं होता देख जगदलपुर के पूर्व विधायक संतोष बाफना के पास पहुंचे. उनसे हाट खुलवाए जाने की मांग को लेकर निवेदन किया. संतोष बाफना ने कहा कि इस संबंध में उन्होंने बस्तर कलेक्टर से चर्चा की है, समय सीमा तय कर कोरोना गाइडलाइन की शर्तों के साथ हाट-बाजारों को खोले जाने का निवेदन किया गया है. हालांकि अब तक जिला प्रशासन ने इस मामले में कोई फैसला नहीं लिया है.

बस्तर: जिले में 40 दिनों के टोटल लॉकडाउन के बाद जिला प्रशासन ने सभी दुकानों और बाजारों को खोलने की अनुमति दे दी है, लेकिन बस्तर के ग्रामीण अंचलों में अर्थव्यवस्था बनाए रखने वाले हाट बाजारों को अब तक खोलने की अनुमति नहीं मिली है. जिसे लेकर शहर के फुटकर व्यापारी लगातार कलेक्टर और एसडीएम कार्यालय के चक्कर काट रहे हैं. उनकी मांग है कि हाट-बाजारों को सीमित समय के लिए खोलने की अनुमति दे दी जाए, बावजूद इसके उनकी कोई सुनवाई नहीं हो रही है.

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बस्तर जिले में बढ़ते कोरोना के प्रकोप को देखते हुए बीते 15 अप्रैल से जिला प्रशासन ने ग्रामीण अंचलों में लगने वाले हाट-बाजारों को बंद करने के निर्देश जारी किए थे. चूंकि बस्तर की अर्थव्यवस्था हाट-बाजारों से संचालित होती है, इसलिए इन्हें खुलने से ग्रामीणों के साथ-साथ फुटकर व्यापारियों को भी बड़ी राहत मिलेगी. इसी मांग को लेकर लगातार शहर के फुटकर व्यापारी बस्तर कलेक्टर से निवेदन कर हाट बाजारों को सीमित समय के लिए खोलने की मांग कर रहे हैं.

अप्रैल माह से ग्रामीण क्षेत्रों में हाट-बाजार हैं बंद

बस्तर के फुटकर व्यापारियों का कहना है कि पिछले 2 महीने से ग्रामीण अंचलों में लगने वाले हाट-बाजारों को बंद कर दिया गया है. इससे ना सिर्फ फुटकर व्यापारियों को आर्थिक तंगी से गुजरना पड़ रहा है, बल्कि स्थानीय ग्रामीणों को भी काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. स्थानीय ग्रामीण हाट में वस्तुओं को बेचकर जो थोड़ी बहुत आय प्राप्त करते हैं, उससे वे फुटकर व्यापारियों से सामान लेते हैं. लेकिन हाट-बाजार बंद होने से वस्तु विनिमय की पद्धति भी पूरी तरह से बंद हो गई है. जिससे ग्रामीणों और फुटकर व्यापारियों दोनों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

फुटकर व्यापारी लगातार प्रशासन से बाजार खोलने की कर रहे मांग

व्यापारियों का कहना है कि अनलॉक के तहत शहर के सुपरमार्केट, मॉल, शहर का संजय बाजार, गोल बाजार और कपड़ा मार्केट खोल दिया गया है. ऐसे में गांवों के हाट को भी खोला जाना चाहिए. उनका कहना है कि वह कई बार बस्तर कलेक्टर और एसडीएम से इस मांग को लेकर मिन्नतें की जा चुकी हैं, लेकिन उनकी कोई सुनवाई नहीं हो रही है.

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फुटकर व्यापारियों का कहना है कि अगर जिला प्रशासन इस पर कोई ध्यान नहीं देता है, तो सभी फुटकर व्यापारियों को भूखे मरने की नौबत आ जाएगी. उनका कहना है कि केवल बस्तर के ही व्यापारी नहीं बल्कि ग्रामीणों को भी वस्तु विनिमय को लेकर काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

व्यापारियों ने किया पूर्व विधायक से निवेदन

फुटकर व्यापारी इस मामले में कोई सुनवाई नहीं होता देख जगदलपुर के पूर्व विधायक संतोष बाफना के पास पहुंचे. उनसे हाट खुलवाए जाने की मांग को लेकर निवेदन किया. संतोष बाफना ने कहा कि इस संबंध में उन्होंने बस्तर कलेक्टर से चर्चा की है, समय सीमा तय कर कोरोना गाइडलाइन की शर्तों के साथ हाट-बाजारों को खोले जाने का निवेदन किया गया है. हालांकि अब तक जिला प्रशासन ने इस मामले में कोई फैसला नहीं लिया है.

Last Updated : Jul 25, 2023, 7:57 AM IST
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