जगदलपुर : बस्तर जिले में नए शिक्षा सत्र की शुरुआत जरूर हो गई है. लेकिन स्कूल भवनों के मरम्मत का काम अब भी पूरा नहीं हो पाया है. जिले में 1000 से अधिक स्कूल भवनों का खस्ताहाल है. मुख्यमंत्री स्कूल जतन योजना के तहत इन स्कूल भवनों का कायाकल्प होना था. लेकिन बेहद धीमी गति से स्कूल भवनों की मरम्मत हो रही है.
जीर्णोद्धार का काम हो रहा है धीमा : स्कूल भवनों के मरम्मत का काम न होने से छात्रों और शिक्षकों की परेशानी बढ़ गई है. राज्य सरकार ने 70 करोड़ रूपए सिर्फ बस्तर जिले के लिए मुख्यमंत्री स्कूल जतन योजना के तहत जारी किए हैं. लेकिन विभाग के ढीले रवैए के कारण स्कूल भवनों के मरम्मत का काम काफी धीमा चल रहा है.
''ग्राम पंचायत एरमुर में स्थित स्कूल भवन 5-6 सालों से जर्जर अवस्था में है. पिछले 5 सालों से स्कूल के बच्चों को दूसरे स्कूल में शिफ्ट कर दिया गया है. स्कूलों का जीर्णोद्धार नहीं हो पा रहा है. लंबे समय से पंचायत स्तर में सुधार कराने की मांग की जा रही है. इसके बावजूद भी स्कूल मरम्मत का काम अधूरा है.''- मंगलूराम कश्यप,स्थानीय ग्रामीण
कितने स्कूलों में काम होना है बाकी : सरकारी आंकड़ों की माने तो अब भी संभाग के 979 स्कूलों में मरम्मत का काम बाकी है. शिक्षा सत्र शुरु हो चुका है. ऐसे में ये स्पष्ट हो चुका है कि इस साल भी बच्चों को टूटे-फूटे स्कूलों में अपनी पढ़ाई पूरी करनी होगी. जिला शिक्षाधिकारी की माने तो काम जल्द पूरा कर लिया जाएगा.
''जिले में 1077 स्कूलों का मुख्यमंत्री जतन योजना के तहत जीर्णोद्धार किया जाना है.अब तक महज 98 स्कूल भवनों का ही जीर्णोद्धार हो पाया है. शेष स्कूलों में जीर्णोद्धार का कार्य जारी है.जल्द ही सभी स्कूलों में काम पूरा कर लिया जाएगा.''
भारती प्रधान, जिला शिक्षा अधिकारी
क्या है मुख्यमंत्री स्कूल जतन योजना : मुख्यमंत्री स्कूल जतन योजना के तहत प्राथमिक शाला और पूर्व माध्यमिक शाला भवन का जीर्णाेद्धार कार्य किया जाना है. भवनों में टाइल्स लगाकर दीवारों में पुट्टी की प्लानिंग है.इसके बाद दीवारों पर रंग बिरंगी कलात्मक और शिक्षण गतिविधियों से जुड़े ड्राइंग उकेरे जाएंगे ताकि क्लास रूम में बच्चों को पढ़ाई करते-करते जानकारियां भी मिले.