जगदलपुर: नक्सली सीनियर लीडर रमन्ना के मौत के बाद 2 सालों से खाली पड़े सचिव के पद पर नक्सलियों ने दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी के नए सचिव के तौर पर रामचंद्र रेड्डी (Ramachandra Reddy) को नियुक्त कर दिया है. रामचंद्र रेड्डी नक्सलियों के पुराने कैडर्स में से एक है. अलग-अलग राज्य सरकारों ने रेड्डी पर 30 लाख से ज्यादा रुपये का इनाम घोषित किया है. दंडकारण्य जोनल कमिटी (Dandakaranya Zonal Committee) के सचिव के पद पर रामचन्द्र रेड्डी को उसके अनुभव और पुराने काम को देखते हुए बैठाया गया है.
स्थानीय नक्सली इस पद पर बस्तर के ही किसी लीडर को बैठाने की बात कर रहे थे. आपसी खींचतान की खबरें लगातार जंगलों से बाहर आ रही थी. इस बीच तेलंगाना के रामचंद्र रेड्डी को सचिव की कमान दे दी गई. जिससे अब बस्तर में नक्सल गतिविधियां तेज होने की आशंका (Naxal activities feared to intensify in Bastar) जताई जा रही है. दंतेवाड़ा एसपी अभिषेक पल्लव (Dantewada SP Abhishek Pallav) ने बताया कि रामचंद्र को नया सचिव बना दिया गया है. हाल ही में कुछ बड़े नक्सलियों ने सरेंडर किया है. इसकी पुष्टि उन्हीं सरेंडर नक्सलियों ने की है.
झीरम हमले के दौरान प्रवक्ता था रामचंद्र रेड्डी
दंडकारण्य जोनल कमेटी के सचिव के पद पर बैठाए गए रामचंद्र रेड्डी लंबे समय तक नक्सलियों के संगठन में गुडसा उसेंडी यानी की प्रवक्ता के पद पर तैनात था. इससे पहले पूर्वी बस्तर डिवीजन कमिटी का पद भी संभाल चुका है. 25 मई 2013 में दरभा के झीरम में हुए कांग्रेस काफिले पर हमले के बाद रेड्डी को गुडसा उसेंडी यानी प्रवक्ता के पद से हटा दिया गया था. इसके बाद से ही रेड्डी लूप लाइन में था. लेकिन अब एक बड़ी जिम्मेदारी संगठन ने रेड्डी को सौंपी है.
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रम्नना की मौत के बाद खाली था सचिव का पद
लंबे समय से दंडकारण्य जोनल कमेटी के सचिव का पद नक्सली नेता रमन्ना के पास था. लेकिन लंबी बीमारी के चलते 7 दिसंबर 2019 को पालागुड़ा के पास रमन्ना ने दम तोड़ दिया. उसकी मौत के बाद से ही यह पद खाली पड़ा हुआ था. अब इस पद पर रामचंद्र रेड्डी को बैठाया गया है.
कमिटी प्रभारी का पद अभी भी खाली
इधर दंडकारण्य जोनल कमेटी के सचिव के पद पर रेड्डी को बिठा तो दिया गया है लेकिन अभी भी कमिटी के प्रभारी का पद खाली पड़ा हुआ है. इस पद पर गणेश ऊईके और सुजाता दोनों में से एक को बिठाया जा सकता है. गणेश ऊइके की उम्र काफी ज्यादा हो गई है. ऐसे में इस पद पर बैठने के लिए उसकी उम्र आड़े आ सकती है. इन सारी बातों को देखते हुए ये कयास लगाया जा रहा है कि सुजाता का नाम जोनल कमेटी के टॉप लीडरों में है. तो अब प्रभारी की जिम्मेदारी भी सुजाता को मिल सकती है.
बस्तर में बीते कुछ समय से नक्सली लगातार बैकफुट पर चल रहे हैं. जवानों के साथ मुठभेड़ में भी नक्सलियों को ज्यादा नुकसान हो रहा है. साथ ही कई नक्सलियों ने इस बीच सरेंडर भी किया है. ऐसे में संगठन लगातार कमजोर पड़ रहा है. ये सब की वजह कहीं ना कहीं नक्सलियों के बीच सही नेतृत्व की कमी को माना जा रहा है. जिसको देखते हुए अब नक्सल संगठन लंबे समय से खाली पदों की जिम्मेदारी जल्द देकर संगठन को मजबूत बनाने और दोबारा से दहशत फैलाने के प्रयास में है. इसलिए बस्तर पुलिस ने नक्सल मोर्चो में तैनात जवानों को अलर्ट कर दिया है. एन्टी नक्सल ऑपरेशन व सर्चिंग बड़ा दी है.