केशकाल : शिवसेना सभी छोटे-बड़े गांव और शहरों में आमसभा का आयोजन करेगी. मंगलवार को केशकाल में शिवसेना ने रैली निकालकर नगर भ्रमण करते हुए नगरवासियों को नगरनार स्टील प्लांट के निजीकरण के बारे में बताया.
शिवसेना ने रैली के दौरान केंद्र सरकार पर कई गम्भीर आरोप लगाए. रैली के माध्यम से शिवसेना नगरनार उद्योग में रोजगार दिए जाने की मांग की. उन्होंने 60% आदिवासी, 20% छत्तीसगढ़ी, 20% तकनीकी स्टाफ को रोजगार दिए जाने की मांग की है. इस प्लांट के लगने से लोगों को उम्मीद थी कि बड़े पैमाने पर स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा. केंद्र सरकार के निजीकरण के निर्णय के बाद प्लांट मे रोजगार की उम्मीद पर पानी फिर गया.
सभी 870 एकड़ जमीन किसानों की है
2001 में नगरनार समेत 11 ग्राम पंचायतों की 2500 एकड़ जमीन एनएमडीसी को इस्पात संयंत्र लगाने के लिए दी गई थी. 2500 एकड़ जमीन में से 1950 एकड़ निजी भूमि है. इसमें से 870 एकड़ जमीन आदिवासी किसानों की है. शिवसेना के प्रदेश प्रमुख धनंजय परिहार ने बताया कि केंद्र सरकार ने बस्तरवासियों को जमीन छीन कर हजारों एकड़ जमीन पर उद्योग को लगाया. नगरनार स्टील प्लांट के लिए इस्तेमाल किये जा रहे 2500 एकड़ जमीन में से 1950 एकड़ निजी भूमि है. इसमें से 870 एकड़ जमीन आदिवासी किसानों की है. लेकिन केंद्र सरकार बस्तर के गरीब आदिवासी ग्रामीणों को रोजगार मुहैया नहीं करवाना चाहती. इसलिए इस प्लांट का निजीकरण किया गया है.
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यात्रा जगदलपुर में होगी समाप्त
उन्होंने कहा कि बस्तर के चारामा से इस रैली की शुरुआत हुई है और यह यात्रा जगदलपुर में जाकर समाप्त होगी. इसके बाद नगरनार में जो ग्रामीण धरने पर बैठे हैं. उनसे मुलाकात कर वहां भी भारी संख्या में आंदोलन होगा.
भाजपा का सूपड़ा साफ
परिहार ने कहा कि विधानसभा चुनाव में बस्तर में भाजपा का सूपड़ा साफ हो गया था. इसके कारण केंद्र सरकार बौखला गई. बस्तरवासियों को सजा देने की नीयत से केंद्र सरकार ने नगरनार स्टील प्लांट का निजीकरण किया है.